दायित्वों के प्रति शिक्षकों की लापरवाही नहीं होगी क्षम्य

बलिया : बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में दायित्वों के प्रति शिक्षकों की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। वे समय पर विद्यालय तो जाएं ही, खुद के विद्यालय में प्रवेश के मुताबिक 80 प्रतिशत उपस्थिति भी सुनिश्चित कराएं। शिक्षक यदि अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से निर्वहन करेंगे तो वहां बच्चों की संख्या भी अच्छी होगी। विद्यालयों में बच्चों की दैनिक उपस्थिति ही शिक्षकों की कार्यशैली बयां करती हैं।

शैक्षणिक माहौल में सुधार के लिए आगामी 17 व 18 जनवरी को सिकंदरपुर में एक वर्कशाप के जरिए नए शिक्षकों को स्मार्ट क्लास चलाने वाले शिक्षक पढ़ाने के अलग टिप्स देंगे। इसके अलावा एक ही परिसर में चलने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय की तैयारी है। दोनों अलग-अलग विद्यालय अब एक में होंगे और वहां प्रधानाध्यापक भी एक ही रहेंगे। बीएसए गुरुवार को दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रस्तुत है सवाल-जवाब के प्रमुख अंश-: प्रश्न : एकवनी के एक स्कूल में फर्जी रुप से एक व्यक्ति नौकरी कर रहा है। उसके संबंध में मैने आपसे शिकायत भी की थी। अभी तक कुछ नहीं हुआ।

उत्तर : इस मामले में जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को लिखा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद हर हाल में कार्रवाई होगी।

प्रश्न : सिकंदरपुर में एक ही परिसर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। जब भी छुट्टी होती है तो बच्चे वहां के एनएच से जान पर खतरा मोल घर पहुंचते हैं। शिक्षक उन्हें पंक्तिबद्ध तरीके से नहीं छोड़ते।

उत्तर : आपने बहुत ही अहम सवाल किया है, मै वहां के शिक्षकों को तत्काल निर्देश जारी करता हूं कि वे बच्चों का घर पहुंचने तक विशेष ख्याल रखें। बच्चा जबतक घर नहीं पहुंच जाता, शिक्षकों को भी उनपर नजर रखनी चाहिए।

प्रश्न : मै रतसर के विद्यालय नम्बर चार से शिक्षक बोल रहा हूं, यहां विद्यालय में शौचालय नहीं है, जिससे बहुत दिक्कत होती है।

उत्तर : आप अपने प्रधानाध्यापक से बात कराएं। इसकी लिखित जानकारी प्रधानाध्यापक दें, किस वजह से वहां शौचालय नहीं बन पाया है।

प्रश्न : सिकंदरपुर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो रही है। इस बात की शिकायत भी मैंने लिखित रूप से किया था। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

उत्तर : ऐसी बात नहीं है, लापरवाह शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। अभी तत्काल रेवती में औचक निरीक्षण कर बड़ी संख्या में कार्रवाई की गई है। ऐसे औचक निरीक्षण सभी ब्लाकों में बिना किसी सूचना के होंगे।

प्रश्न : शहर के प्राइवेट विद्यालयों में हर साल पाठ्य-पुस्तकों का बदलाव कर किया जा रहा है, जिससे अभिभावकों को काफी खर्च का सामना करना पड़ता है। उनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।

उत्तर : इसके लिए मानक तय किया गया है। जल्द ही यह निर्देश जारी होंगे जिसमें ऐसी व्यवस्था बनेगी कि प्राइवेट विद्यालय भी तीन साल के अंदर पाठ्य पुस्तकों का बदलाव नहीं कर सकते।

प्रश्न : शहर में कई विद्यालयों की सीबीएसई से मान्यता केवल कक्षा एक से आठ तक है लेकिन उनमें हाईस्कूल तक की कक्षाओं को संचालित कर अभिभावकों से मनमाने तरीके से धनदोहन किया जा रहा है।

उत्तर : कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों की जिम्मेदारी मेरी है। उससे ऊपर की कक्षाओं के मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक से भी अपनी शिकायत करें। संबंधितों पर कार्रवाई जरूर होगी।

प्रश्न : परिषदीय विद्यालयों की दशा में सुधार हुआ है लेकिन एमडीएम में बहुत सी खामियां हैं।

उत्तर : जहां भी एमडीएम नहीं बन रहा है, वहां के विषय में बताएं कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न : विद्यालय में शिक्षक और शिक्षा मित्र नशे की हाल में आते हैं, पान गुटखा दिनभर चबाते हैं, वे बच्चों को क्या पढ़ाएंगे।

उत्तर : उनका नाम बताएं, ऐसे लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, सख्त सजा दी जाएगी। इन्होंने पूछे प्रश्न

अनिल कुमार अधिवक्ता सिविल लाइन, नितेश पांडेय सिकंदरपुर, कूलभूषण त्रिपाठी शिक्षक रतसड़, नवीन कुमार सिकंदरपुर, नंदकिशोर ¨सह बैरिया, मनोज कुमार जयप्रकाश नगर, रोहित ¨सह मुरलीछपरा, चंदन दुबहर, मुन्ना यदव चांददियर आदि।

BSA : Baliya

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.