Udise plus 2023 – 24 Class Updating login सत्र 2023-24 अन्तर्गत UDISE PLUS PORTAL पर सत्र 2022-23 में अध्ययनरत बच्चों को PROMOTE करने का एवम Add New Student करने का best process

Table of Contents

1.सत्र 2023-24 अन्तर्गत यूडाईस प्लस पोर्टल पर सत्र 2022-23 में अध्ययनरत बच्चो की कक्षाउन्नत करना udise plus student module

2. sdms portal

3. Udise plus class updating login step wise process

4. उसके पश्चात जब आप सभी कक्षाओ के रिजल्ट अपडेट कर देगे Progression Module में GO बटन के नीचे Finalize progression पर क्लिक करने संस्था सम्पूण्र डाटा लॉक हो जावेगा।

5. Finalize progression करने के बाद कार्य पूर्ण नही होगा उसके बाद आपको पूर्व वर्ष के अनुशार एक एक बच्चे की 3 पेज की जानकारी studnet profile भरना होगी

6. udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो को जोड़ने की प्रक्रियाः-

7. udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो

को जोड़ने क्या जानकारी चाहिए उसका प्रारूप

Udise plus new student detail format

 

udise plus पर सत्र 2022-23 में रजिस्ट्रर नही हुये बच्चे या नवीन बच्चो को जोड़ने की प्रक्रियाः-

1. जो बच्चा सत्र 2022-23 में udise plus पोर्टल पर रजिस्ट्रर नही हुआ या नवीन कक्षा में प्रवेशति बच्चो को जोड़ने के लिए आपको स्कुल डेसबोर्ड पर क्लिक करना होगा । क्लिक करने पर आपको आपकी संस्था की कक्षाए प्रदर्शित होगी।

2. आपको कक्षा के सम्मूख अंत में एड स्टुडेंट का ऑपशन दिखेगा उस पर क्लिक कर उस बच्चे से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी के 3 सेक्शन की जानकारीे भर कर सेव करना है।

इसी प्रकार आपको नवीन बच्चो को जोड़ना है

Add New Student कैसे करें देखें पूरी प्रक्रिया

 

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा दिये गये निर्देश के अनुपालन में जनपदीयसमिति द्वारा पदोन्नति हेतु पात्र शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की पदोन्नति / पदस्थापना

आपको निर्देशित किया जाता है कि परिषद द्वारा दिये गये निर्देश के अनुपालन में जनपदीयसमिति द्वारा पदोन्नति हेतु पात्र शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की पदोन्नति / पदस्थापना शासनादेश संख्या-रिट-981अरसठ-52022-657/2021 दिनांक 20.08.2022 में दी गयी व्यवस्थानुसार राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र उ0प्र0 लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन दिनांक 22.11.2023 को किया जायेगा पदोन्नति हेतुपात्र शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की सूची पोर्टल पर प्रत्येक दशा में दिनांक 19.11.2023 तक अपलोड किया जानाअनिवार्य होगा अन्यथा की स्थिति में पदोन्नति / पदस्थापना की कार्यवाही बाधित होने की दशा में सम्बन्धित जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी एवं पटल सहायक स्वयं उत्तरदायी होंगे।

Note – इस आदेश के अनुसार..

22 nov को पदोनंति प्राप्त शिक्षको को विद्यालय आवंटन किया जाएगा l

बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर लगेगा एक लाख तक जुर्माना, बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी स्कूलों के खिलाफ स्कूलों के खिलाफ अभियान

बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर लगेगा एक लाख तक जुर्माना, बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी स्कूलों के खिलाफ स्कूलों के खिलाफ अभियान

लखनऊ। बिना मान्यता चल रहे विद्यालयों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। जो विद्यालय बिना मान्यता या मान्यता रद्द होने के बाद भी चल रहे हैं, उन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी बीएसए को निर्देश दिया गया है feet कि वह जिलों में इसके लिए व्यापक अभियान चलाएं। 22 नवंबर तक सभी जिलों से अभियान की रिपोर्ट भी निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे।

संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने निर्देश दिया है कि सभी बीईओ ब्लॉकों में सघन अभियान चलाएं। यदि कोई विद्यालय बिना मान्यता के चल रहा है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अभियान में जिन विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उसकी विद्यालयवार सूची भी उपलब्ध कराएं।


फर्जी स्कूलों के खिलाफ फिर अभियान चलेगा

लखनऊ। प्रदेश में फर्जी स्कूलों के खिलाफ सरकार एक बार फिर से अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने सभी बीएसए के नाम निर्देश भी जारी कर दिया है। आगामी 22 Weekly & Monthly, नवंबर तक सभी जिलों से अभियान की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गये हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने इस सम्बन्ध में सभी बीएसए को सर्कुलर जारी किया है।

बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों के संचालन के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने के संबंध में

प्राथमिक शिक्षक भर्ती की बाधा हटी, 12460 भर्ती में चयन रद्द करने का निर्णय खारिज, तीन माह में पूरी करें शेष 6470 पदों पर भर्ती, देखें कोर्ट आर्डर

प्राथमिक शिक्षक भर्ती की बाधा हटी, 12460 भर्ती में चयन रद्द करने का निर्णय खारिज, तीन माह में पूरी करें शेष 6470 पदों पर भर्ती, देखें कोर्ट आर्डर

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ी राहत देते हुए, 12,460 सहायक अध्यापकों के चयन को रद् करने के 1 नवम्बर 2018 के एकल पीठ के निर्णय को खारिज कर दिया है। इसी के साथ न्यायालय ने उक्त भर्ती के क्रम में बचे हुए 6470 पदों के लिए कॉमन मेरिट लिस्ट जारी करते हुए, तीन माह में इन्हें भरने का भी आदेश राज्य सरकार को दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने मोहित कुमार द्विवेदी व अन्य चयनित अभ्यर्थियों की ओर से दाखिल 19 विशेष अपीलों पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। उक्त भर्तियों के लिए 21 दिसम्बर 2016 को विज्ञापन जारी करते हुए, चयन प्रक्रिया प्रारम्भ की गई थी। एकल पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि उक्त भर्तियां यूपी बेसिक एजूकेशन टीचर्स सर्विस रूल्स 1981 के नियमों का पालन करते हुए नए सिरे से काउंसलिग करा के पूरी की जाएं।

एकल पीठ के समक्ष 26 दिसम्बर 2012 के उस नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की गई थी जिसके तहत उन जिलों जहां कोई रिक्ति नहीं थी, वहां काउंसलिंग के लिए किसी भी जिले को प्रथम वरीयता के तौर पर चुनने की छूट दी गई थी।

🔴 कार्यकारी आदेश पढ़ें। 👇

In view of what has been stated above, while setting aside the impugned order dated 01.11.2018 passed by the Single Bench, we dispose of all the Special Appeals with a direction to the authorities concerned to take a decision to fill-up all the posts inclusive of residual 6,470 by preparing a common merit list of all the eligible Assistant Teachers as per NCTE Notifications read with Notification/Circular dated 26.12.2016 in the respective districts as discussed here-in-above, within a period of three months from the date of production of a certified copy of this order. Subject to the preparation of merit list as directed, the interim order dated 17.11.2018 & extended vide order dated 22.07.2019 shall remain in operation for three months or till preparation of said merit list, whichever is earlier.

तीन माह में पूरी करें शेष 6470 पदों पर भर्ती

न्यायालय ने यह भी पाया कि 12,460 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के क्रम में फिलहाल 5990 अभ्यर्थी की नियुक्ति प्राप्त करने के उपरांत काम कर रहे हैं। बचे हुए 6470 पदों पर भी तीन माह में भर्ती पूरी की जाए। दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए हमेशा मेरिट को प्राथमिकता मिले।

बहराइच की डीएम का विद्यालय निरीक्षण हुआ वायरल, विद्यालय की समस्याओं के लिए वास्तविक जिम्मेदारों पर कार्यवाही से निरीक्षण बना बेसिक शिक्षकाें के मध्य चर्चा का विषय

बहराइच की डीएम का विद्यालय निरीक्षण हुआ वायरल, विद्यालय की समस्याओं के लिए वास्तविक जिम्मेदारों पर कार्यवाही से निरीक्षण बना बेसिक शिक्षकाें के मध्य चर्चा का विषय

⚫ विद्यालय में गंदगी तो जिम्मेदार – सफाई कर्मचारी (निलंबित)

⚫ विद्यालय में फल नहीं बटा तो जिम्मेदार – ग्राम प्रधान (ग्राम प्रधान के अधिकार सीज)

⚫ विद्यालय परिसर के आंगनबाड़ी में बच्चे कम तो जिम्मेदार – सुपरवाइजर और डीपीओ के विरुद्ध कार्यवाही

⚫ विद्यालय परिसर में हैंडपंप खराब तो जिम्मेदार – सचिव और सहायक विकास अधिकारी (पंचायत)

बहुत दिन बाद ऐसा निरीक्षण देखने को मिला जिसमें निरीक्षण तो विद्यालय का हुआ लेकिन कार्रवाई विद्यालय स्टाफ के अलावा वास्तविक जिम्मेदारों पर हुई।


विद्यालय में गंदगी देख भड़कीं डीएम, सफाई कर्मचारी निलंबित

बहराइच। कैसरगंज तहसील क्षेत्र के दो विद्यालय व परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का सोमवार को निरीक्षण करने पहुंची डीएम मोनिका रानी गंदगी के बीच बच्चों की कक्षाएं संचालित होने पर कड़ा रुख अपनाया।

सफाई कर्मी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। फल वितरण न होने, पंचायत भवन में तालाबंदी पर एडीओ पंचायत, सचिव, सुपरवाइजर संग ग्राम प्रधान से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। लापरवाह अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर कड़ी कार्रवाई करने को संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। डीएम सीधे प्राथमिक विद्यालय सौगहना पहुंची। परिसर में चारों ओर फैली गंदगी पर उनकी नजर पड़ी।

प्रधान शिक्षिका से सफाई न होने की वजह पूछी। सफाई कर्मी के न आने की बात सुनकर डीपीआरओ को तत्काल कर्मचारी को निलंबित करने के निर्देश दिए। एमडीएम के मेन्यू की जांच किया । मेन्यू के अनुसार रोटी व सब्ज़ीयुक्त दाल के स्थान पर दाल व चावल बनाया गया था। दाल की गुणवत्ता भी खराब मिली। बच्चों की ओर से कई माह से फल न बांटे जाने ने का खुलासा किया गया।

डीएम ने कड़ी नाराज़गी जाहिर किया। डीपीआरओ से ग्राम प्रधान का स्पष्टीकरण प्राप्त के निर्देश दिए। कहा कि जवाब सही न होने पर तत्काल अधिकार सीज कराएं। परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान बच्चों की उपस्थिति कम पाए जाने पर सुपरवाइजर के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश डीपीओ को दिया।

पंचायत भवन बन्द रहा हैण्डपम्प खराब पाया गया। डीएम एडीओ पंचायत व ग्राम सचिव पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा कि किसी भी दशा में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई से नहीं बचेंगे। ऐसे लोगों को चिंहित कर विभागीय कार्रवाई को लेकर शासन को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी।


अर्धवार्षिक परीक्षा (कक्षा 1 से 8) के मॉडल प्रश्न पत्र उपरोक्त लिंक से डाउनलोड करें।

https://drive.google.com/drive/folders/13jNCiMTSzbFl_RsRTYJIOGh9VpOKuxQn


अर्धवार्षिक परीक्षा (कक्षा 1 से 8) के मॉडल प्रश्न पत्र उपरोक्त लिंक से डाउनलोड करें।

Basic Shiksha Vibhag – पदोन्नति की कार्यवाही 8 नवम्बर तक पूर्ण किए जाने के सम्बंध में

सुप्रभात☕🌞🌹 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 💐💐💐💐💐💐💐💐💐 ओम् सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते। या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आप सभी को महानवमी की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं

🌹🌞☕सुप्रभात☕🌞🌹

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ओम् सर्वमंगल मांगल्ये
शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्रयम्बके गौरी
नारायणी नमोस्तुते।
या देवी सर्वभूतेषु
मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमो नम:।

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आप सभी को महानवमी की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं

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🌹📚दिनेश चन्द्र स•अ•📚🌹

राजकीय विद्यालयों में दस हजार शिक्षकों की भर्ती फंसी

पांच साल से नहीं हुई एलटी भर्ती, अर्हता का शासनादेश जारी नहीं 

प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। प्रदेश के 2332 राजकीय विद्यालयों में प्रवक्ता और सहायक अध्यापक (एलटी ग्रेड) भर्ती के लिए शैक्षिक अर्हता का मामला सुलझ नहीं सका है। शैक्षिक अर्हता तय करने के लिए गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने विषयवार पदों पर चयन के लिए मई में ही निर्धारित शैक्षिक और समकक्ष अर्हता पर अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। लेकिन पांच महीने बाद भी रिपोर्ट को मंजूरी नहीं मिल सकी है। जबकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अर्हता निर्धारित न होने के कारण विज्ञापन जारी नहीं कर रहा है। इसके चलते राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त 10322 पदों पर भर्ती नहीं हो पा रही है।इससे पहले राजकीय विद्यालयों में 10768 पदों पर एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए 15 मार्च 2018 को विज्ञापन आया था। उसमें ढाई हजार से अधिक पद रिक्त रह गए थे और प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया अब तक चल रही है। वहीं प्रवक्ता के 1473 पदों पर भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2020 को विज्ञापन आया था। एलटी भर्ती में हिन्दी समेत कुछ विषयों की अर्हता को लेकर विवाद होने पर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यही कारण है कि आयोग ने इस बार विज्ञापन जारी करने से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से समकक्षता स्पष्ट करने को कहा है ताकि बाद में कोई विवाद न हो।

स्टाफ नर्स के एक पद पर 40 दावेदार

प्रयागराज। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत स्टाफ नर्स (पुरुष) के 171 पदों और स्टाफ नर्स (महिला) के 2069 कुल 2240 पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन 90 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस प्रकार प्रत्येक पद पर औसतन 40 अभ्यर्थी मैदान में हैं। स्टाफ नर्स (पुरुष/महिला) परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 21 अगस्त को विज्ञापन जारी किया था।प्रांरभिक परीक्षा में रिक्त पदों के 15 गुना अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे। 85 अंकों की प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के 170 प्रश्न होंगे। दो घंटे की प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान के 30, सामान्य हिंदी के 20 और मुख्य विषय नर्सिंग के 120 प्रश्न होंगे। तीन घंटे की मुख्य परीक्षा में 85 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। अंतिम चयन मेरिट के अनुसार होगा।

एक्स पर विवादित पोस्ट कर फंसे इविवि शिक्षक

देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर केस

विहिप के जिला संयोजक ने कर्नलगंज थाने में दर्ज कराई एफआईआर

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में विहिप ने कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। रविवार को मुकदमा दर्ज करने के बाद कर्नलगंज पुलिस ने जांच शुरू कर दी। आईटी एक्ट के मामले में पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी।विहिप के जिला संयोजक शुभम ने इविवि के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए व 295ए और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत कर्नलगंज थाने में रविवार शाम एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर के मुताबिक, डॉ. विक्रम कुमार ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट पर देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। डॉ. विक्रम ने देवता को जेल भेजने की बात लिखी है।आरोप है कि इस टिप्पणी से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। समाज में रोष बढ़ रहा है। शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उनके एक्स पर लिखे मैसेज का स्क्रीन शॉट भी पुलिस को सौंपा गया है। इस दौरान विहिप से जुड़े अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने तत्काल आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है।

कुलपति एवं विजिटर नॉमिनी को लिखा पत्र

इविवि के छात्र नेता हरिओम त्रिपाठी ने असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम के खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति संगीता श्रीवास्तव तथा विजिटर नामिनी डॉ. दीपाली पंत जोशी को पत्र लिखा है। कहा कि कार्यपरिषद की बैठक में शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इनके आचरण से परिसर में तनाव है।

मैंने बच्चों में विज्ञान की तार्किकता बढ़ाने के लिए यह बात कही। इससे यदि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचा हो तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। -डॉ. विक्रम , असिस्टेंट प्रोफेसर इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

परीक्षार्थियों के लिए चलाई जाएंगी100 अतिरिक्त बसें 

28 और 29 अक्तूबर को होगा पीईटी,रोडवेज के अफसर करेंगे निगरानी

प्रयागराज, संवाददाता। इस माह के अंत में होने वाले पीईटी(प्रारंभिक पात्रता परीक्षा) में परीक्षार्थियों के सुगम आवागमन के लिए प्रयागराज से रोडवेज की 100 अतिरिक्त बसे चलेंगी। 28 और 29 अक्तूबर को परीक्षा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के शहर में आने और जाने के लिए बसें चलाई जाएंगी।मुख्यालय के आदेश पर सिविल लाइंस, जीरो रोड, प्रयाग, लीडररोड डिपो से कानपुर, बांदा, गोरखपुर, उन्नाव, सुल्तानपुर, वाराणसी समेत अन्य शहरों के लिए अतिरिक्त बसें चलाने की तैयारी है। क्षेत्रीय प्रबंधक एमके त्रिवेदी ने बताया कि इसके लिए सभी डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ पांच सौ कर्मचारियों की डयूटी भी लगाई जा रही है। सभी को निर्देशित किया गया है बसों के फुल होते ही रवाना किया जाए और बस अड्डों पर भीड़ न जमा होने पाए इसकी निगरानी नोडल अफसर करेंगे। परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है इसके लिए 50 बसों को रिजर्व में रखा जाएगा।

कॉलेजों के परास्नातक कोर्स की होगी समीक्षा

सात साल पहले शुरू हुए थे पीजी कोर्स

समीक्षा के लिए कमेटी गठित की जाएगी

प्रयागराज। संवाददाता। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में चल रहे परास्नातक पाठ्यक्रमों की समीक्षा होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने के लिए कमेठी गठित करने का निर्णय लिया है। कमेटी कॉलेजों में चल रहे विषयों में छात्रों की रुचि, लैब, फैकल्टी और बुनियादी ढांचे की जांच करेगी। इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी।विदित हो कि तत्कालीन कुलपति प्रो. आरएल हांगलू ने वर्ष 2016 में कॉलेजों में परास्नातक पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति प्रदान की थी। शैक्षिक सत्र 2016-17 में अधिकतर कॉलेजों में कई विषयों में परास्नातक का संचालन सेल्फ फाइनेंस मोड में शुरू हो गया। इसके बाद शैक्षिक सत्र 2018-19 से पीएचडी भी शुरू हुआ।कॉलेजों में सात साल से पीजी चल रहा है। अब तक चार बैच निकल चुके हैं। जानकारों की मानें तो कई ऐसे कॉलेज हैं जिसमें सीट के बराबर भी प्रवेश नहीं हो रहे हैं। पीजी पाठ्यक्रमों की गुणत्तवा में सुधार के लिए समीक्षा होगी। पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा कि इविवि से संबद्ध कॉलेजों में संचालित हो रहे पीजी पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए कुलपति एक कमेटी गठित करेंगी।

रेडियो फ्रीक्वेंसी सर्किट व प्लेट बनाना सीखेंगे छात्र

पीसीबी डिजाइन, नेटवर्क वेक्टर पर विद्यार्थी करेंगे विस्तृत अध्ययन

अब तक परीक्षण को बीएचयू, आईआईटी दिल्ली-कानपुर जाते थे छात्र

अनिकेत यादव प्रयागराज। पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र, शोधार्थी अब इलेक्ट्रानिक उपकरणों में प्रयोग होने प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, माइक्रोबेस एंटीना और आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी प्रिंटेड) सर्किट व ट्रांसमिशन प्लेट्स बनाना सीख सकेंगे। इविवि के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन विभाग में 50 गीगा हर्ट्स की अत्याधुनिक माइक्रोवेव एंटीना परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई है।इंस्टीट्यूट के डॉ. आशीष कुमार सिंह ने बताया कि इस लैब से विश्वविद्यालय में पीसीबी डिजाइन, आरएफ सर्किट और माइक्रोवेव एंटीना डिजाइन कर स़केंगे। माइक्रोवेव एंटीना का उपयोग उच्च-फ़्रीक्वेंसी की रेडियो तरंगों के प्रसारण करने के लिए किया जाता है। प्रसारण के अलावा एंटीना का उपयोग रडार, रेडियो खगोल विज्ञान और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों में भी किया जाता है। इन क्षेत्रों में अब गहन अध्ययन हो सकेगा। इसके परीक्षण के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शोधार्थियों को बाहर जाने की जरूररत नहीं होगी। इसमें पीसीबी डिजाइन, नेटवर्क वेक्टर एनालाइजर समेत कई मशीने हैं।वेक्टर नेटवर्क एनालाइज़र, एक माप उपकरण है जिसका उपयोग पैसिव उपकरणों जैसे केबल, एटेन्यूएटर और फिल्टर, साथ ही एम्पलीफायरों और कन्वर्टर्स जैसे ऐक्टिव उपकरणों को परीक्षण और विश्लेषण करें करने के लिए किया जाता है। इस लैब के लिए डीएसटी ने 1.62 करोड़ रुपये प्रदान किया है। लैब की क्षमता 50 गीगा हर्ट्स है।

परीक्षण के लिए नहीं जाना होगा बाहर

माइक्रोवेव एंटीना के परीक्षण के लिए अब तक शोधार्थी और छात्रों को बीएचयू, आईटी दिल्ली, आईटी कानपुर, आईटी और अन्य संस्थानों में जाना पड़ता था। इविवि में अत्याधुनिक लैब स्थापति होने से उन्हें परीक्षण के लिए बाहर नहीं जाना होगा। इस लैब में एंटीना माइक्रोवेव को डिजाइन, कार्यान्वित और परीक्षण कर सकते हैं।

नेपाल में भूकंप के तेज झटके

काठमांडू। राजधानी काठमांडू में रविवार को तेज भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार, सुबह सात बजकर 39 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र धाडिंग जिले में था। भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। भूकंप के झटके बागमती और गंडकी प्रांतों में भी महसूस किए गए। काठमांडू से 90 किलोमीटर पश्चिम में धाडिंग जिले के ज्वालामुखी ग्रामीण नगर पालिका 5 कुमालटारी में 20 मकान नष्ट हो गए और 75 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत में 16 अक्तूबर को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था।

स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम के शिक्षकों का ब्योरा मांगा

लखनऊ। प्रदेश के 331 अनुदानित महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में पढ़ा रहे अनुमोदित शिक्षकों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी है।

एपीएस के संदीप पाल को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार

लखनऊ, संवाददाता। सेना के मध्य कमान के तहत संचालित सैनिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों की बैठक में शैक्षिक सहयोग, नवाचार और प्रतिबद्धता पर चर्चा की गई। एलबीएस मार्ग स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत फ्रांसीसी स्वागत गीत और ‘पृथ्वी का सम्मान करें, स्थिरता को अपनाएं’ थीम पर आधारित नृत्य से की गई। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा, मेजर जनरल आरके रैना (सेवानिवृत्त) और मेजर जनरल गौतम महाजन के दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई।मध्य कमान में ‘ओवर ऑल बेस्ट स्कूल ट्रॉफी’ क्रमश बड़े, मध्यम और छोटे वर्ग में एपीएस एलबीएस मार्ग लखनऊ, एपीएस रानीखेत और जबलपुर नंबर-दो ने हासिल की। एपीएस एलबीएस मार्ग के संदीप पाल पीआरटी (पीईटी) को मध्य कमान में ‘सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। ब्रिगेडियर (आरवीसी) और एपीएस के अध्यक्ष एसएस बालाजे ने सभी का स्वागत किया। मेजबान एपीएस लखनऊ की प्रधानाचार्या मीनाक्षी जायसवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य के सहयोग और प्रयासों के प्रति प्रतिबद्धता जताई।


देश के सभी अस्पतालों में कैशलेस सुविधा शुरू करने की तैयारी

नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में नई सुविधा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत पॉलिसीधारक किसी भी अस्पताल में पूरी तरह कैशलेस इलाज करा पाएंगे।कोई अस्पताल तकनीकी या अन्य कारणों का हवाला देते हुए मना नहीं कर पाएगा। इसके लिए इरडा बीमा कंपनियों के साथ मिलकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।अस्पतालों का नेटवर्क तैयार होगा बताया जा रहा है कि नकदी रहित प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए इरडा देशभर में अस्पतालों का राष्ट्रीय नेटवर्क तैयार करने की प्रक्रिया में जुटा है। इसके लिए बीमा परिषद के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। पहले चरण में परिषद के माध्यम से एक केंद्रीकृत नेटवर्क का निर्माण होगा, जिस पर अस्पतालों और सभी बीमा कंपनियों में उद्योग स्तर पर समझौता होगा। परिषद के सदस्य इस समझौते का हिस्सा होंगे।

यह होगा फायदा

इस पहल के लागू होने के बाद प्रत्येक बीमा कंपनी के ग्राहक के पास कैशलेस अस्पतालों के नेटवर्क तक पहुंच होगी और उनके दावों का निपटान भी आसानी से होगा। इसे सुनिश्चित करने का काम बीमा उद्योग के प्रतिनिधि करेंगे। इससे होने वाला खर्च बहुत कम हो जाएगा और किसी भी तरह के फर्जीवाड़ पर रोक लगेगी।

क्या है कैशलेस व्यवस्था

कैशलेस दावा निपटान के मामले में बीमा कंपनी ही सीधे अस्पताल को भुगतान करती है। जहां यह सुविधा नहीं होती है, वहां पॉलिसी धारक को पहले खुद से अस्पताल के बिल चुकाना होता है। बाद में बीमा कंपनी धारक को भुगतान करती है। इस व्यवस्था में कंपनियां कई बार पैसा काटकर देती हैं। इस पर कई बार पॉलिसीधारक और कंपनियों में विवाद के मामले भी आते हैं।

*अभी यह होती है दिक्कत*

विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कई अस्पताल पॉलिसीधारक पर इलाज के लिए भर्ती होने के दौरान कुछ रकम जमा करने का दबाव बनाते हैं। साथ ही ज्यादातर अस्पताल कैशलेस सुविधा वाले मरीजों को भर्ती ही नहीं करते हैं। वहीं, बीमा कंपनियां उपभोग्य सामग्रियों और अन्य मदों के नाम पर कुल बिल से10 प्रतिशत या उससे अधिक की कटौती करती हैं। क्लेम के मामले भी लंबित रहते हैं। वर्तमान में अधिकांश बीमा कंपनियों के लिए कैशलेस दावा निपटान लगभग 65 से 70 फीसदी है।

शिक्षकों के खाते में सीधा भुगतान होगा

लखनऊ। निपुण भारत मिशन के तहत प्रत्येक वर्ष आयोजित किए जाने वाले शिक्षक प्रशिक्षण से संबंधित भुगतान अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर के जरिये सभी शिक्षकों के खाते में दिया जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत विकासखंड स्तर पर चार दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने बताया कि इस प्रशिक्षण के गुणवत्तापूर्ण आयोजन के लिए इस वर्ष उत्तर प्रदेश में पहली बार सभी शिक्षकों के आधार सीडेड खाते में प्रशिक्षण संबंधी भुगतान दिया जाएगा।

पिछले वर्ष साढ़े आठ हजार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के आर्थिक स्रोतों की कराई गई थी पड़ताल,मदरसों की सर्वे रिपोर्ट अब तक ठंडे बस्ते में

लखनऊ, विशेष संवाददाता। प्रदेश में पिछले साल मदरसों की मान्यता, उनके आर्थिक स्रोत आदि के बारे में सर्वे करवाया गया था, जिसकी रिपोर्ट रविवार तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। इस लेटलतीफी को लेकर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तेखार जावेद खासे नाराज हैं।रविवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने कहा कि उक्त सर्वे को हुए 11 महीने गुजर चुके हैं और अभी तक शासन स्तर पर इस सर्वे की समीक्षा ही हो रही है। सर्वे में 8,449 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। चेयरमैन का कहना है कि इन साढ़े आठ हजार मदरसों के 7.5 लाख बच्चों का भविष्य अधर में है। सोचा यह गया था कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में से मानकों को पूरा करने वाले मदरसों को मान्यता दी जाएगी ताकि इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को पढ़ाई के बाद जो प्रमाण पत्र जारी हो उससे उनका भला हो सके।उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि इन गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में पढ़ने वाले 95 प्रतिशत बच्चे पसमांदा समाज से आते हैं, इसके बावजूद इनके भविष्य पर फैसला नहीं हो पा रहा है।प्रदेश में 560 अनुदानित और 16 हजार से कुछ अधिक मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। अगर इन साढ़े आठ हजार मदरसों को जोड़ दिया जाए तो राज्य में मदरसों की कुल तादाद 25 हजार के आसपास बैठती है। जहां तक मदरसों की फण्डिंग का सवाल है तो इस बारे में आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस-ए-अरबिया के महासचिव वहीदुल्लाह खान ने कहा कि पहले भी नेपाल की तराई से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में स्थित मदरसों की फण्डिंग की जांच करवाई जा चुकी है, मगर कहीं भी कुछ गलत नहीं निकला। उनकी दलील है कि मदरसे आम जनता खासतौर पर मुसलमानों के चन्दे यानि जकात से संचालित होते हैं। जिन मदरसों को विदेशों से फण्ड मिलता है, उन्होंने एफसीआरए का प्रावधान करवा रखा है।

तबादला न होने से शिक्षकों में आक्रोश

प्रयागराज। जिले के अंदर सात साल से ओपन ट्रांसफर न होने से परिषदीय शिक्षकों में आक्रोश है। इसे लेकर शिक्षकों की बैठक आज़ाद पार्क में चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा के सामने मंगलवार सुबह 10 बजे से रखी गई है। शिक्षकों का कहना है कि सत्र 2023-24 में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया गर्मी में पूरी कर ली गई। विभिन्न जिलों में गैर जनपद से शिक्षकों को नगर क्षेत्र के आसपास स्कूलों में तैनाती दे दी गई। जबकि जिला कैडर का पद होने के बावजूद जिले के शिक्षकों का तबादला नहीं हो रहा।

1570 स्कूलों में किया जाएगा अचीवमेंट सर्वे 

प्रयागराज। एनसीईआरटी नई दिल्ली की ओर से तीन नवंबर को स्टेट एजुकेशनल अचीवमेंट सर्वे 2023 कराया जाएगा। सर्वे के तहत जिले के 1570 स्कूलों में कक्षा तीन, छह और नौ के विद्यार्थियों का भाषा एवं गणित विषय का आकलन होगा। इसके लिए ब्लॉक लेवल पर ब्लॉक लेवल कोऑर्डिनेटर (बीएलसी) की नियुक्ति की जाएगी जो ब्लॉक स्तर पर सर्वे से संबंधित कार्यों को समन्वित, संचालित एवं निर्देशित करेगा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य राजेन्द्र प्रताप ने सभी ब्लॉक से एक खंड शिक्षा अधिकारी एवं तीन एआरपी, जबकि नगर क्षेत्र से नगर शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ चार एआरपी की सूचना मांगी है। विद्यालयों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है कि वहां पठन-पाठन चल रहा है या नहीं।

जांच में कम हाजिरी तो होगी कार्रवाई

प्रयागराज। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की 45 प्रतिशत या कम उपस्थिति पर 470 स्कूलों के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का सात अक्तूबर को रोका गया वेतन बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने जारी कर दिया है। 21 अक्तूबर के आदेश में बीएसए ने शर्त रखी है कि अक्तूबर के अंत में पुन आईवीआरएस प्रणाली के माध्यम से मिड-डे-मील ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या और छात्र उपस्थिति का परीक्षण होगा। 65 फीसदी से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों के सभी कार्मिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। विद्यालयों में दैनिक छात्र उपस्थिति की समीक्षा मुख्यमंत्री कार्यालय व जिला प्रशासन के स्तर पर दर्पण डैशबोर्ड के माध्यम से की जा रही है।

*सर्वर हुआ डाउन ओटीआर न होने से छात्र परेशान 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का सर्वर डाउन होने के कारण समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) भर्ती के आवेदक परेशान हैं। आयोग ने आरओ के 334 व एआरओ के 77 कुल 411 पदों पर नौ नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं।उत्तर प्रदेश सचिवालय में आरओ के 322 पद, लोक सेवा आयोग में नौ और राजस्व परिषद में तीन कुल 334 पदों के लिए केवल स्नातक पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद आने से प्रतियोगी छात्र उत्साहित हैं। आयोग ने विज्ञापन में ही साफ कर दिया था कि आवेदन करने से पूर्व अभ्यर्थियों को एकल अवसरीय पंजीकरण (ओटीआर) कर ओटीआर नंबर प्राप्त करना अनिवार्य है। हालांकि पिछले कई दिनों से सर्वर डाउन होने के कारण अभ्यर्थी ओटीआर नहीं करा पा रहे हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में बच्चे करें पढ़ाई, तभी अच्छे से रहेगा याद

प्रयागराज। केएन काटजू इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को कथावाचक पं. देवकीनंदन ठाकुर ने भागवत महात्म्य पर प्रकाश डाला। कहा कि संत के बिना भगवान की प्राप्ति नहीं होती। ब्राह्मण की और गौहत्या को शास्त्रत्तें में सबसे बड़ा अधर्म माना गया है।ठाकुर ने कहा कि बच्चों को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में पढ़ा हुआ हमेशा याद रहता है। सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए और न ही पढ़ाई करनी चाहिए। किसी सोये हुए मनुष्य को उठाना पाप है। लेकिन माता-पिता अपने बच्चों को, गुरु अपने शिष्य को उठा सकते हैं। साधु-संतों से ब्राह्मण और भक्तों से हमेशा धर्म का संचार और प्रचार होता है। जो धर्म को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं वही कहते हैं कि मंदिर की क्या जरूरत है

नियमितीकरण व मानदेय वृद्धि को लेकर अनुदेशकों का सत्याग्रह आंदोलन

 बस्ती।नियमतीकरण और मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर अनुदेशकों ने रविवार को शास्त्री चौक पर सत्याग्रह आंदोलन किया। जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय के नेतृत्व में एकत्र अनुदेशकों ने मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन के बैनर तले चल रहे आंदोलन को संबोधित करते प्रदेश उपाध्यक्ष पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं कर रही है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि अनुदेशकों को सत्रह हजार रुपये मानदेय भुगतान किया जाए। जनपदीय मंत्री रमाकांत चौधरी ने कहा कि सरकार अनुदेशकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। फैक्स के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। सनोज कन्नौजिया, दीनानाथ निषाद, सुशील वर्मा, चंन्द्रमुखी वर्मा, कृपा शंकर दूबे, गिरजेश पांडेय अलकारानी,इंदु, दिव्या, सुनीता, बृजेश मिश्रा, मोनिका वर्मा, रूबीना, संजू, जितेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।

परिषदीय स्कूलों में निरीक्षण में गायब मिले प्रदेश के नौ हजार शिक्षक, नोटिस जारी

लखनऊ।परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता जांचने के लिए चलाए गए विशेष निरीक्षण अभियान में नौ हजार शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। अब इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। इनका वेतन भी काटा जाएगा।महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के निर्देश पर सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन काटे जाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।सभी विकासखंडों में एक सितंबर से 20 अक्टूबर तक प्रदेश भर में 30 हजार स्कूलों का निरीक्षण खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा किया गया। सभी को न्यूनतम 40-40 विद्यालयों का निरीक्षण करना अनिवार्य था। सबसे ज्यादा बलिया व आजमगढ़ में ढाई-ढाई सौ से अधिक शिक्षक इस अभियान में अनुपस्थित मिले। विद्यालयों के निरीक्षण में छात्रों की वलिया व आजमगढ़ में ढाई-ढाई सौ से अधिक शिक्षक इस अभियान में अनुपस्थित मिले उपस्थिति, कायाकल्प अभियान और निपुण भारत मिशन की प्रगति की जांच की गई। परिषदीय स्कूलों की जांच के लिए गठित की गई जिला टास्क फोर्स और ब्लाक टास्क फोर्स के संयुक्त अभियान में अनुपस्थित पाए गए इन शिक्षकों ने अवकाश के लिए निर्धारित समय तक आनलाइन आवेदन भी नहीं किया था। यही नहीं तमाम शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हाजिरी लगाकर गायब थे। फिलहाल स्कूलों में आगे और सख्ती बढ़ाई जाएगी। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

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*गृह राज्यमंत्री ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजा पत्र, बेसिक के शिक्षकों के आवश्यक निर्देश को कहा*

लखनऊ। बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों जिले के अंदर परस्पर तबादले के लिए जनप्रतिनिधियों से भी मिल रहे हैं। इसी क्रम में हाल में शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा से मिला था। उन्होंने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक शिक्षकों ने गृह राज्यमंत्री को अवगत कराया कि का शासनादेश 20 जनवरी को जारी हुआ। इसके अनुसार गर्मी की छुट्टियों में ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जाना था। किंतु आठ महीने बीतने के बाद भी विभागीय उदासीनता से यह प्रक्रिया अब तक लंबित है। शिक्षकों के आवेदन, वेरीफिकेशन, पेयरिंग सभी हो चुकी है। अब सिर्फ रिलीविंग और ज्वाइनिंग होना है। यह प्रक्रिया आसानी से एक दिन में पूरी हो सकती है। इसी तरह पदोन्नति की प्रक्रिया भी चल रही है। यदि शिक्षकों की पदोन्नति तबादले से पहले कर दी जाती है तो उनकी पेयरिंग टूट जाएगी। इसलिए इस प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाना चाहिए। इसी क्रम में गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को शिक्षकों का प्रार्थना पत्र भेजते हुए सहानुभूतिपूर्वक आवश्यक निर्देश देने को कहा है। ब्यूरो

नोट:

समाचार स्रोत: उपरोक्त समाचार राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक अमर उजाला,हिन्दुस्तान,दैनिक जागरण से लिए गए हैं।

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले: अभी भी नहीं सुलझ सका मुद्दा, चुनाव से खटाई में पड़ सकती है प्रक्रिया

बेसिक शिक्षकों के पारस्परिक तबादले: अभी भी नहीं सुलझ सका मुद्दा, चुनाव से खटाई में पड़ सकती है प्रक्रिया

अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा।

शिक्षक संगठन 25 अक्तूबर की बैठक में यह मुद्दा उठाएंगे।

प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के हजारों शिक्षकों का जिले के अंदर और बाहर परस्पर तबादले का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। इधर, लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू हो गई है। शिक्षकों को डर है कि इस चुनाव की वजह से उनका तबादला फंस सकता है। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के निदेशालय पर धरने के बाद अब 25 अक्तूबर को प्रस्तावित वार्ता में इसका मुद्दा उठेगा।

विभाग में एक से दूसरे जिले में और जिले के अंदर परस्पर तबादले की प्रक्रिया कई महीने से चल रही है। विभाग ने पहले इसकी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कई बार तिथि बढ़ाई और जब प्रक्रिया पूरी हो गई तो यह कहा कि तबादले शासनादेश के अनुसार गर्मी व जाड़े की छुट्टियों में किए जाएंगे। इससे नाराज शिक्षकों ने कई बार बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन भी किया।

अब शिक्षकों को यह डर सताने लगा है कि चुनाव ड्यूटी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे में अगर दिसंबर में उनका तबादला होता है तो ड्यूटी के डाटा में भी बदलाव करना होगा। वहीं, अगर चुनाव आचार संहिता लग गई तो जाड़े की जगह गर्मी की छुट्टियों तक उनका मामला टल जाएगा। इसे लेकर वे काफी परेशान हैं। इसी तरह फरवरी से चल रही पदोन्नति की प्रक्रिया भी नहीं पूरी हो पाई है।

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि विभाग को इन सारी समस्याओं को देखते हुए जिले के अंदर और बाहर के परस्पर तबादले जल्द से जल्द करने चाहिए। जिले के अंदर तबादला प्रक्रिया पूरी करने में सिर्फ एक दिन का समय लगना है। पर विभाग मौन साधे हुए है।

अब तक पूरी नहीं हुई प्रक्रिया
शासन में पहले 16 और अब 25 अक्तूबर को वार्ता प्रस्तावित है। इसमें परस्पर तबादले का मामला उठाएंगे। फरवरी से शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया चल रही है लेकिन अभी तक पूरी नहीं हुई। इस देरी के लिए एक भी बीएसए पर कार्रवाई नहीं हुई। अगर शिक्षक से कोई गलती होती है तो तुरंत कार्रवाई की जाती है। -डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, अध्यक्ष, उप्र शिक्षक महासंघ