UPTET 2020 को शासन की मंजूरी, फरवरी के अंत तक परीक्षा संभावित

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी 2020 ) का इंतजार कर रहे बीएड, बीटीसी प्रशिक्षु के लिए अच्छी खबर है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश के प्रस्ताव पर शासन की ओर से यूपीटीईटी 2020 कराने की अनुमति दे दी गई है। शासन सचिव परीक्षा नियामक से परीक्षा के संबंध में जानकारी मांगी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि यूपीटीईटी फरवरी 2021 के अंतिम सप्ताह तक हो सकती है। यूपीटईटी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक में लगभग 1000000 परीक्षार्थी शामिल हो सकते हैं।

केंद्र सरकार की ओर से सीटीईटी कराने की निर्णय के बाद अब प्रदेश सरकार भी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विस्तृत प्रस्ताव मांगा है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अब आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तिथि के साथ पूरी जानकारी जल्द शासन को उपलब्ध कराएंगे। सचिव अनिल भूषण ने बताया कि यूपीटीईटी कितनी थी ऐसी रखी जाएगी, जिससे परीक्षा केंद्र के आवंटन में परेशानी में हो। यूपीटीईटी और शिक्षक भर्ती पर नकल माफिया की गहरी पैठ होने के चलते इस बार परीक्षा केंद्र के चुनाव में परीक्षा संस्था को ध्यान रखना होगा।

सरकार ने मानी 69000 शिक्षक भर्ती की 31277 चयन सूची में हैं विसंगतियां, समझिये पूरा मामला

सरकार ने माना – 69000 शिक्षक भर्ती की 31277 चयन सूची में हैं विसंगतियां, समझिये पूरा मामला

31,277 अभ्यर्थियों की चयन सूची में हैं विसंगतियां, एनआइसी की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही


69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत 31277 शिक्षकों की नियुक्ति फौरी, हो सकेगा बदलाव, प्रत्येक की नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीन

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा- 2019 में 31 हजार 277 पदों पर हो रही चयन व नियुक्ति प्रक्रिया फौरी है व पुनरीक्षण के अधीन है। सरकार की ओर से यह जवाब एक अभ्यर्थी की याचिका पर दिया गया जिसमें याची से कम अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया जबकि अभ्यर्थीको अधिक अंक मिलने के बावजूद चयन सूची से बाहर कर दिया गया है। वहीं सरकार की ओर से यह भी बताया गयाकि इस सम्बंध में एन आईसी द्वारा जांच की जा रही है और जांच का परिणाम आने पर इस प्रकार की गड़बड़ियों को दूर कर लिया जाएगा। 

सरकार के इस आश्वासन के बाद न्यायालय ने किसी अन्य आदेश को पारितकरने की आवश्यकता नहीं पाई। न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल सदस्यीय पीठ ने कहा कि सरकार के उक्त आश्वासन के पश्चात याची व इस प्रकार के अन्य अभ्यर्थियों के अधिकार व हित को सुरक्षित करने के लिए किसी अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं है। दरअसल याची पंकज यादव की ओर से दाखिल उक्त याचिका में कहा गया कि उसे 71.1 अंक मिले जबकि उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया व उसे चयन सूची में जगह नहीं मिली। याचिका में ऐसे एक अभ्यर्थी का उदाहरण भी दिया गया जिसे 68.78 अंक मिलने के बावजूद काउंलिंग के लिए बुलाया गया। कहा गया कि दरअसल कुल 69 हजार पदों पर भर्ती की जानी थी लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा शिक्षामित्रों के लिए 37 हजार 339 पदों को सुरक्षित रखने के आदेश के बाद 31 हजार 277 पदों पर ही भर्ती की जानी है।

प्रत्येक की नियुवित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अधीनयाचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता का कहना था कि इस मामते में प्रत्येक नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेशों के अधीन है क्योंकि वहां एक विशेष अनुमति याचिका में कट ऑफ मार्क्स और शिक्षामित्रों को समायोजित किये जाने का मुद्दा विचाराधीन है। सरकारी अधिवक्ता ने आगे कहा कि अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नजरंदाज कर के कम अंक वालों को नियुक्ति देने का प्रश्न ही नहीं उठता। यदि किन्हीं मामलों में हो जाता है तो अधिक अंक वाले अभ्यर्थी को फ्रेश काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा व कम अंक वाले की चयन व नियुक्ति रद्‌ कर दी जाएगी। हालांकि यह भी कहा गया कि उक्त विसंगतियों को लेकर एनआईसी द्वारा जांच की जा रही है, जांच परिणाम आने के पश्चात इन्हें ठीक कर लिया जाएगा।

लखनऊ। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 की चयन सूची में बिसंगतियां हैं। सरकार ने कोर्ट से यह भी कहा कि बिसंगतियों को लेकर नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर (एनआईसी ) से जवाब मांगा गया है। एनआईसी का जवाब मिलने के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। सरकार की तरफ से कहा गया कि 31,277 पदों पर भर्तियों का सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है। 

न्यायमूर्ति मनीष कुमार ने सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद कहा कि याची पंकज यादव की याचिका पर कोई आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि अधिक अंक पाने के बावजूद याची का नाम चयन सूची में नहों है। याची की दलील थी कि ओबीसी श्रेणी में उसका क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स 71.1 फीसदी है, पर उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया। वहीं, 68.78 फीसदी वालों को इसके लिए बुलाया गया। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने बाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। अगर कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।

यह है मामला : परिषदीय स्कूलों में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सोमवार कोर्ट के 21 मई के पर राज्य सरकार ने 31,661 पदों पर चयनितों की सूची जारी करने का आदेश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद ने 31,277 पर्दो पर अभ्यर्थियों का अनंतिम रूप से चयन कर उनको जिलों में भेज दिया।

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि सहायक शिक्षक भर्ती-2019 भर्ती की चयन सूची में विसंगतियां हैं। साथ ही कहा कि इस विषय में एनआइसी से जवाब-तलब किया गया है, जिसका जवाब आने पर कार्यवाही की जाएगी।

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने ये भी स्पष्ट किया कि 31,277 पदों पर भर्तियां फौरी हैं और इनका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन एसएलपी में पारित आदेश के तहत पुनरावलोकन किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद जस्टिस मनीष कुमार की एकल पीठ ने कहा कि पंकज यादव द्वारा दाखिल इस याचिका पर कोई भी आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि बेसिक शिक्षक भर्ती-2019 में उससे कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है, जबकि अधिक अंक होते हुए भी उनका नाम 24 सितम्बर, 2020 को घोषित की गई चयन सूची में नहीं है और न ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है।

दरअसल याची के अधिवक्ता का आरोप था कि ओबीसी कैटेगरी में याची के क्वालिटी प्वाइंट मार्क्‍स 71.1 प्रतिशत हैं किन्तु उसे काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाया गया है जबकि 68.78 प्रतिशत अंक पाने वालों को बुलाया गया है जो कि सरासर मनमाना व गलत है। वहीं राज्य सरकार की तरफ से पेश अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि कम अंक पाने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का कोई सवाल ही नहीं उठता। यदि कहीं कोई गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।

UPTET : यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

UPTET:- यूपीटीईटी फरवरी में हर जिले में परीक्षा केंद्र, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को मिली हरी झंडी

लखनऊ : प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) फरवरी में आयोजित होगी। यूपीटीईटी के परीक्षा केंद्र प्रदेश के हर जिले में बनाये जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बाबत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है।

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020 के लिए यूपीटीईटी का आयोजन नहीं हो सका है। पिछले अनुभवों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग का मानना है कि यूपीटीईटी में तकरीबन 15 लाख अभ्यर्थी शामिल होंगे। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि यूपीटीईटी में संभावित अभ्यर्थियों की बड़ी संख्या के मद्देनजर इस परीक्षा के आयोजन के लिए कम से कम तीन महीने का समय चाहिए। इसलिए विभाग ने फरवरी में यूपीटीईटी आयोजित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री की मंजूरी के लिए भेजा था। मुख्यमंत्री ने विभाग के इस प्रस्ताव से सहमति जता दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फरवरी में प्रस्तावित यूपीटीईटी के लिए प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे, ताकि अभ्यर्थियों को लंबी यात्र न करनी पड़े व उन्हें सहूलियत रहे।

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

TGT PGT Vacancy 2020:- प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए नियम अलग, क्लिक कर जाने क्या हुआ बदलाव

चयन बोर्ड ने पहली बार तदर्थ शिक्षकों को भी खुली भर्ती में शामिल होने का मौका दिया है। चयन का आधार लिखित परीक्षा है ऐसे में आम प्रतियोगी व तदर्थ शिक्षकों के लिए परीक्षा के नियम अलग हैं। परीक्षा में शामिल होने वाले तदर्थ शिक्षक उत्तीर्ण होने पर नियमित हो जाएंगे लेकिन, फेल होने पर उनके स्थान पर आम प्रतियोगी का चयन किया जाएगा। साथ ही आवेदन करने वाले हर तदर्थ शिक्षक का सत्यापन जिला विद्यालय निरीक्षक करेंगे, उनकी रिपोर्ट पर ही वे परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।

शीर्ष कोर्ट में संजय सिंह व अन्य बनाम उप्र शासन व अन्य में संबद्ध 16 अन्य सिविल अपील में 28 अगस्त 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में तदर्थ शिक्षकों को अधिभार अंक मिल रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो कोर्ट के आदेश पर चयन बोर्ड से शिक्षक आने तक कालेजों में तदर्थ आधार पर नियुक्त रहे हैं। याचिका में वैसे तो कुल 659 तदर्थ शिक्षकों का ही जिक्र है लेकिन यह संख्या हजारों में हो सकती है।


टीजीटी प्रतियोगी: प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन को विषय पर आधारित सामान्य योग्यता की लिखित परीक्षा में 500 अंकों का प्रश्नपत्र होगा, उसमें 125 प्रश्न होंगे। हर प्रश्न चार अंक और दो घंटे में सभी प्रश्न करने होंगे।


तदर्थ शिक्षक : टीजीटी में तदर्थ शिक्षक के लिए लिखित परीक्षा 465 अंकों की होगी व हर प्रश्न का 3.72 अंक होगा। इनके कार्य की अवधि के आधार पर सेवा आधारित अधिभार मिलेगा। एक वर्ष की सेवा पर 1.75 अंक व अधिकतम 35 अंक दिए जाएंगे। लिखित परीक्षा में मिले अंकों में अधिभार जोड़ा जाएगा। ये 500 अंक होगा। इसी सेमेरिट बनेगी।
पीजीटी प्रतियोगी : प्रवक्ता पद के चयन के लिए 425 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र के 125 सवालों में 3.4 अंक मिलेंगे। दो घंटे में सभी बहुविकल्पीय प्रश्न करना अनिवार्य है। साक्षात्कार 50 अंक का और 25 अंक विशेष योग्यता का अधिभार मिलेगा।


तदर्थ शिक्षक : तदर्थ प्रवक्ताओं के लिए लिखित परीक्षा 390 अंक की होगी। हर प्रश्न पर 3.12 अंक दिए जाएंगे। इन्हें भी 35 अंक का अधिभार मिलेगा। साक्षात्कार में लिखित परीक्षा व अधिभार के अंक जबकि चयन में लिखित परीक्षा के 85 फीसद अंक, साक्षात्कार के 10 फीसद व विशेष योग्यता के पांच } अंक जोड़े जाएंगे।


मुकाबला योग्यता का बना रहेगा : चयन बोर्ड भले ही तदर्थ शिक्षकों को अधिभार सेवा के आधार पर दे रहा है लेकिन, चयन में योग्यता का पैमाना बरकरार रहेगा। सिर्फ अधिभार के आधार पर चयन संभव नहीं होगा।


उदाहरण : टीजीटी का एक प्रतियोगी यदि परीक्षा में 100 प्रश्न सही करता है तो 400 अंक मिल जाएंगे। तदर्थ शिक्षक भी 100 सवाल सही करता है तो उसे 372 अंक ही मिलेंगे। यानी अधिभार पाकर भी आम प्रतियोगी से मुकाबला होगा।

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट

68500 शिक्षक भर्ती : पुनर्मूल्यांकन में सफल होने वाले कम, एससीईआरटी में जांची कॉपियां, परीक्षा नियामक कार्यालय जल्द देगा रिजल्ट

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती का एक और परिणाम आने जा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा संस्था ने पुनमरूल्यांकन कराया है, हालांकि इसमें अंतिम रूप से सफल होने वालों की तादाद कम होगी। इसी के साथ लिखित परीक्षा में पूछे गए एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने दूसरा माना है, उन याचियों का भी परिणाम अब औपबंधिक रूप से जारी होगा। शीर्ष कोर्ट से अंतिम फैसला आना बाकी है।

परिषदीय स्कूलों की 68500 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया दो साल बाद अब तक जारी है। करीब 47 हजार से अधिक को नियुक्ति मिल चुकी है लेकिन, कई अभ्यर्थी जिन्होंने पुनमरूल्यांकन पर भी सवाल उठाए। हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों का फिर से मूल्यांकन कराने का आदेश दिया था। लंबे समय से इनका मूल्यांकन एससीईआरटी में चल रहा था। पुनमरूल्यांकन का परिणाम न आने से कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई।

 परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय अब इसी सप्ताह रिजल्ट घोषित करने की तैयारी में है। लगभग 600 कॉपियों का फिर से मूल्यांकन हुआ है और इसमें सफल होने वालों की तादाद दहाई में ही है। इसके अलावा भर्ती की लिखित परीक्षा में संस्कृत विषय में एक सवाल का जवाब शीर्ष कोर्ट ने विशेषज्ञों से इतर माना है। परीक्षा संस्था ने कोर्ट के आदेश पर कॉपियों का मूल्यांकन कराया है और उस परिणाम की घोषणा औपबंधिक रूप से करेगा, क्योंकि याचिका का अंतिम निर्णय आना शेष है। इस याचिका में सफल होने वालों की तादाद ठीक-ठाक है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि रिजल्ट इसी सप्ताह जारी करने की तैयारी है।

यूपी में 16 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द, शिक्षामित्रों की तर्ज पर तय होंगे तदर्थ शिक्षकों के लिए भारांक

यूपी में 16 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द, शिक्षामित्रों की तर्ज पर तय होंगे तदर्थ शिक्षकों के लिए भारांक.


उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती में तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों की तर्ज पर भारांक दिया जाएगा। प्रवक्ता को साक्षात्कार और एलटी ग्रेड को लिखित परीक्षा में भारांक दिया जाएगा। यदि तदर्थ शिक्षक सामान्य भर्ती में चयनित होकर शिक्षक बनते हैं तो उनकी तदर्थ के रूप में दी गई सेवाओं को रिटायर होने के बाद मिलने वाले लाभ में जोड़ा जाएगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। जुलाई 2021 तक भर्ती प्रक्रिया पूरी करनी है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तदर्थ शिक्षकों को शिक्षामित्रों की तर्ज पर ही सामान्य भर्ती परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा और बनने वाली मेरिट में उनका भारांक जोड़ा जाएगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नियमित भर्ती कराने के आदेश भी दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के केस से लगभग दो हजार याचिकाकर्ता जुड़े थे। हालांकि तदर्थ शिक्षक एसोसिएशन का दावा है कि प्रदेश में 17 हजार तदर्थ शिक्षक हैं।

16000 शिक्षकों के पदों पर होगी भर्ती
फिलवक्त सेवा चयन बोर्ड 16,000 पदों को चिह्नित कर भर्ती कराने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में 4500 से अधिक सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज हैं लेकिन अव्वल तो इनमें नियमित भर्ती होती नहीं और जो भी भर्ती होती है, वह विवादों में फंस जाती है। बीते 10 सालों में 2011, 2013 व 2016 में चयन बोर्ड ने भर्तियां की लेकिन अब भी 2011 तक की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो सकी है। नियमित शिक्षकों के अभाव में रिक्त पद पर प्रबंधन तदर्थ शिक्षकों को नियुक्त कर देता है।

नई शिक्षक भर्ती में 12 लाख से अधिक आवेदन का अनुमान, 15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार

नई शिक्षक भर्ती में 12 लाख से अधिक आवेदन का अनुमान, 15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार

प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी ) के रिक्त 16 हजार से अधिक पदों पर शुरू होने जा रही भर्ती में 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन का अनुमान है। इससे पहले 2016 में टीजीटी के 7950 और पीजीटी के 1344 पदों पर भर्ती के लिए 10.71 लाख अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरे थे और फिलहाल यह भर्ती पूरी नहीं हो सकी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब के अनुसार टीजीटी के 13237 और पीजीटी के 2896 रिक्त पदों की सूचना मिलचुकी है। हालांकि यह संख्या घट- बढ़ सकती है। चयन बोर्ड ने इन पदों पर भर्ती की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। ऑनलाइन आवेदन के लिए सॉफ्टवेयर बनवाने के साथ ही उसकी सिक्‍योरिटी ऑडिट भी कराई जा चुकी है। वैसे तो चयन बोर्ड ने इसी महीने विज्ञापन निकालने की तैयारी कर ली थी लेकिन तदर्थ शिक्षकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अक्टूबर अंत तक भर्ती शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि तदर्थ शिक्षकों को भी नई भर्ती में सम्मिलित करना होगा। लिखित परीक्षा मई 2021 में कराई जा सकेगी। इस लिहाज से सर्वोच्च न्यायालय के जुलाई 2021 से पहले चयन एवं पदस्थापन की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश का अनुपालन थोड़ा मुश्किल दिख रहा है।


15 लाख से अधिक बीएड पास युवक बेरोजगार
एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सिर्फ बीएड पास बेरोजगारों की
संख्या 15 लाख से अधिक है | प्रशिक्षित स्नातक के लिए बीएड अभ्यर्थी आवेदन
के योग्य हैं जबकि प्रवक्‍ता पद के लिए परास्नातक करने वाले फॉर्म भर सकते हैं।
बेरोजगारों की बड़ी संख्या के मद्देनजर चयन बोर्ड ने भी अपनी तैयारी की है।

UPTET EXAM 2020, UPDELED 2020 परीक्षा कराने को परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने मांगी परमीशन

UPTET EXAM 2020, UPDELED 2020 परीक्षा कराने को परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने मांगी परमीशन

परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने शासन से राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी)-2020, डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) और विशिष्ट उर्दू बीटीसी परीक्षा सहित अन्य परीक्षाएं कराने की अनुमति मांगी है। प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चुतर्वेदी ने बताया कि शासन से अनुमति मिलने के बाद परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।

गौरतलब है कि टीईटी, डीएलएड, डिप्लोमा इन साइकॉलोजी, डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस, नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग, विशिष्ट उर्दू बीटीसी, मृतक आश्रित बीटीसी प्रशिक्षण परीक्षा, एकीकृत छात्रवृत्ति परीक्षा और आंग्लभाषा डिप्लोमा परीक्षा का आयोजन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय कराता है। मगर, कोरोना महामारी के चलते इस बार इन परीक्षाओं का आयोजन नहीं कर सका है।
उधर, शासन के एक अधिकारी ने बताया कि 9 अगस्त को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा सकुशल संपन्न हो गई। जेईई व नीट के आयोजन हो रहे हैं। इन परीक्षाओं के आयोजन की सफलता का आंकलन कर टीईटी सहित अन्य परीक्षाएं कराने की अनुमति दी जाएगी। गौरतलब है कि टीईटी में तीन से चार लाख तक अभ्यर्थी शामिल होते हैं। लिजाहा कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विशेष इंतजाम करने होंगे।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति2020 : अध्यापकों का चयन टी0ई0टी0, एनटी0ए0 टेस्ट एवं शैक्षिक प्रदर्शन के आधार पर किया जाना तथा पूर्व प्राथमिक शिक्षा से कक्षा-12 तक के शिक्षकों के चयन हेतु टी0ई0टी0 अनिवार्य किया जाना।

लखनऊ : प्रदेश में पूर्व प्राथमिक से लेकर 12वीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के चयन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य करने की तैयारी है। डीजी स्कूल विजय किरन आनंद ने नई शिक्षा नीति को लेकर जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में इसको रेखांकित किया है। जिलों से शिक्षा नीति को लेकर 5 से 25 सितंबर तक पंचायतों तक अभियान चलाने को कहा गया है।

UP TET 2020 : दिसंबर में यूपी टीईटी की तैयारी

दिसबंर में यूपीटीईटी की तैयारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी सितंबर के पहले पखवाड़े में भेजेंगे प्रस्ताव