कोरोना में अभिभावकों की समस्या समझे स्कूल

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नई शिक्षा नीति में शिक्षकों को घर और ज्यादा सैलरी देने का प्रावधान, जानिए और क्या-2 है…

यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन का वादा भी करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में गुणवत्ता शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, स्कूलों में शिक्षकों के चयन के लिए क्लास में डेमो देना या इंटरव्यू एक जरूरी मानदंड होगा।

नई शिक्षा नीति 29 जुलाई को आई थी। “इन इंटरव्यू का उपयोग स्थानीय भाषा में पढ़ाने में आसानी और प्रतिभा का आकलन करने के लिए किया जाएगा, ताकि प्रत्येक स्कूल / स्कूल परिसर में कम से कम कुछ शिक्षक हों जो स्थानीय भाषा और छात्रों की अन्य प्रचलित घरेलू भाषाओं में छात्रों के साथ बातचीत कर सकें। टीचर्स का सिलेक्शन राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा या केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के माध्यम से किया जाता है।

एनईपी ने इन परीक्षणों में सुधार के लिए नए दिशानिर्देश तय किए हैं। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) सामग्री और शिक्षाशास्त्र दोनों के संदर्भ में बेहतर परीक्षा सामग्री को विकसित करने के लिए मजबूत किया जाएगा। स्कूल शिक्षा के सभी चरणों (फाउंडेशनल, प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक) में शिक्षकों को शामिल करने के लिए टीईटी को भी बढ़ाया जाएगा।


इसमें बी.एड. शिक्षकों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के रूप में डिग्री। 2030 तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत B.Ed डिग्री होगी। नीतिगत दस्तावेज़ में कहा गया है कि घटिया स्टैंड-अलोन शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEIs) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नई शिक्षा नीति शिक्षकों के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी) को राष्ट्रीय शिक्षा परिषद द्वारा 2022 तक विकसित किया जाएगा, यह काम एनसीईआरटी, एससीईआरटी, शिक्षकों और विशेषज्ञ संगठनों के साथ सभी स्तरों और क्षेत्रों के परामर्श के बाद होगा। स्थानीय भाषा में शिक्षण प्रदान करने पर, नीति का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना है।


इसके माध्यम से यह परिकल्पना की गई है कि स्थानीय भाषा में कुशल वाले उच्च योग्य शिक्षकों को शिक्षण क्षेत्र में जोड़ा जाएगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के लिए प्रोत्साहन का वादा भी करता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में गुणवत्ता शिक्षकों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं।


आसपास के क्षेत्र में आवास सुविधा जैसे प्रोत्साहन या आवास भत्ते में वृद्धि प्रमुख प्रोत्साहन के बीच होगी जो ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाने वालों को प्रदान की जाएगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एनईपी को 1986 में बनाई गई शिक्षा नीति की जगह दी गई, और इसका उद्देश्य स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में ‘स्कूल रेडिनेस’ पर है विशेष फोकस

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई को 5+3+3+4 के फॉर्मूले के तहत चार चरणों में बाँटा गया है। पहले पाँच साल को फाउंडेशन स्टेज माना जा रहा है, जिसमें तीन साल की प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्रारंभिक बाल्यवस्था में देखभाल और शिक्षा को इतना महत्व देना एक उल्लेखनीय बात है।

इसका लक्ष्य है कि जब पहली कक्षा में किसी बच्चे का नामांकन हो तो ‘स्कूल जाने के लिए पूरी तरह तैयार’ हो। यानि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ‘स्कूल रेडिनेस’ को एक जरूरत की तरह देखती है। इसके साथ ही साथ ‘स्कूल रेडिनेस’ वाले कार्यक्रम बनाने और क्रियान्वित करने की तरफ संकेत भी करती है। इसे एक सकारात्मक क़दम कहा जा सकता है। ज़मीनी सच्चाइयों के मद्देनज़र यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अच्छी बात है कि भारत में शिक्षा की दिशा और दशा निर्धारित करने वाली नीति बनाते समय इस चुनौती को स्वीकार किया गया है।

इस संदर्भ में कहा गया है कि बच्चों के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास 6 वर्ष की आयु से पहले ही हो जाता है। इसलिए प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) पर ध्यान देने की जरूरत है। यह भी स्वीकार किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा से पहले मिलने वाली ‘विद्यालय पूर्व शिक्षा’ (जिसे निजी स्कूलों के संदर्भ में नर्सरी और एलकेजी व यूकेजी कहते हैं) से बहुत से विद्यार्थी वंचित हैं, इसलिए उनको यह अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है। वर्तमान में आँगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों के पोषण और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा की जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करने की बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020में कही गई है।

केंद्र सरकार ने अनलॉक-3 के लिए दिशा-निर्देश किए जारी, 31 अगस्त तक स्कूल रहेंगे बंद: देखें प्रेस विज्ञप्ति Unlock 3 guidelines: No schools, metro, cinema till Aug 31; Gyms allowedUnlock 3 guidelines: No schools, metro, cinema till Aug 31; Gyms allowed

Unlock 3 Expected Guideline: 1 अगस्त को होगी अनलॉक 3 की घोषणा, जानिए कहां-कहां मिल सकती है बड़ी राहत

Unlock 3 Expected Guideline 1: सिनेमा घर, होटल और रेस्त्रां को शर्तों के साथ खोलने की अनुमति मिल सकती है। इस बारे में उद्योग संगठनों ने सरकार को सिफारिश की है। होटल और रेस्त्रां नए नियमों के साथ काम करने को तैयार हैं, हालांकि मल्टिप्लेक्स मालिक कम दर्शकों के साथ फिल्में चालू करने पर पूरी तरह राजी नहीं हैं। उनका कहना है कि कम दर्शकों के साथ सिनेमा घर खोलने से अच्छा है बंद रखे जाएं।

Unlock 3 Expected Guideline 2: अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा पर लगी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं। द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी फिक्की की ओर से की गई सिफारिश के अनुसार, विदेशियों को भारत आने और भारतीयों को विदेश जाने की अनुमति मिलना चाहिए। हवाई अड्डों पर सेफ कॉरिडोर बनाए जाना चाहिए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

  • गृह मंत्रालय ने जारी की अनलॉक-3 की गाइडलाइंस
  • 5 अगस्त से जिम खोलने की इजाजत
  • 31 अगस्त तक बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज

केंद्र सरकार ने अनलॉक-3 की गाइडलाइंस जारी कर दी है. गृह मंत्रालय की ओर जारी दिशा-निर्देश में 5 अगस्त से जिम खोलने की इजाजत दी गई है. साथ ही सरकार ने नाइट कर्फ्यू को भी हटा दिया है. मेट्रो, रेल और सिनेमाघर पर पाबंदी जारी रहेगी.

सरकार ने कहा है कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किए जाएंगे. इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जैसे, मास्क पहनना. गृह मंत्रालय ने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.

भारत सरकार के शासनादेश द्वारा (TDS) की दर एवं (TCS) की दर में 25 छूट के सम्बन्ध में

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अनलॉक 3 : स्कूल बंद रहने के आसार

देश 1 अगस्त से अनलॉक 3 में प्रवेश कर सकता है । इसको लेकर सरकार के स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन अभी तक इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार अनलोक 3 में फिर से स्कूल खोलने की अनुमति दे सकती है लेकिन इसके आसार कम ही है।

राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार वर्ष 2019 हेतु जिला चयन समिति में राज्य प्रतिनिधि को नामित किये जाने के सम्बन्ध मे

स्नातक कक्षाओं के प्रथम व द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा तथा दोनों में अंतिम वर्ष की परीक्षा होगी। शासन ने विश्वविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी👇

स्नातक कक्षाओं के प्रथम व द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा तथा दोनों में अंतिम वर्ष की परीक्षा होगी। शासन ने विश्वविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी

69000 शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट LIVE UPDATES जानने के लिए बार-बार रिफ्रेश करते रहें।

भर्ती 69000 आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में 69000 भर्ती के सम्बंध में सम्भवतः सुनवाई नही होगी । सुनवाई टलने की जो भी वजह हो उसकी जानकारी के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट से नोटिस आने तक इंतजार करें।

आप सभी 67867 चयनित अभ्यर्थी परेशान न हों, नोटिस आने के बाद सब कुछ क्लियर हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली11 बजे लगभग नोटिस प्राप्त (AOR) होगा, किकब होगी सुनवाई….!!

69000 शिक्षक भर्ती की आज की सुनवाई हुई कैंसिल: अग्रिम तारिख अभी तय नहीं –
15 जुलाई को हुई सुनवाई में मा०जस्टिस ललित ने आज 16 जुलाई को 10:30 बजे से इस केस को as a part-heard सुनने का आदेश दिया था एवं आज की सप्लीमेंट्री कॉज लिस्ट में भी केस लिस्टेड हो गया था।
अधिवक्ताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी कारणवश उक्त बेंच आज नही बैठ रही है। केस की सुनवाई की अभी कोई डेट निश्चित नही है लेकिन जल्द ही सुनवाई की डेट फिक्स हो जाएगी।

लेकिन फिर भी लीगल टीम द्वारा दी जानकारी के अनुसार
सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली
69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ मामले में अगली सुनवाई 21.07.2020 मंगलवार को होने की सम्भावना है।
यह जानकारी अपने पैनल के AOR की रजिस्ट्रार आफिस में हुई बात के अनुसार है।