स्कूल में खिचड़ी खाने के बाद परिषदीय छात्रा की मौत, परिजनों का हंगामा: प्रधानाध्यापिका निलंबित

बलिया। बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय जैदोपुर में बुधवार की दोपहर में एक छात्रा की खिचड़ी खाने के बाद बेहोश हो गई। घटना के बाद विद्यालय में हड़कंप मच गया। तुरंत छात्रा गुंजन (5) को अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

विद्यालय पहुंचकर छात्रा के परिजनों ने हंगामा किया। पुलिस के साथ बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी स्कूल पहुंचे और घटना की जानकारी ली। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद स्कूल से भोजन सामग्री के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। बीईओ की जांच रिपोर्ट पर बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है।

बीएसए शिवनारायण सिंह का कहना है कि विद्यालय में 34 बच्चों ने एमडीएम की खिचड़ी खाई थी, जिनमें गुंजन को छोड़कर सभी सामान्य हैं। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि गुंजन घर से बेर लेकर आई थी और खाना खाने के बाद खा रही थी, जो उसके गले में फंस गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

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स्कूली ज़मीन पर मुर्दा जलाया, डर से स्कूल नहीं जाते बच्चे

उत्तर प्रदेश में अब शिक्षा के मंदिर की ज़मीन पर मुर्दा जलाया जा रहा है। जिसका जीता-जागता उदाहरण बलिया जनपद के पंदह ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय  है। जहाँ फूलपुर में विद्यालय की ज़मीन पर मुर्दा जलाया गया। जिसको देखकर मासूम बच्चें डर गए और विद्यालय आने में अब कोताही बरत रहे हैं। अगर विद्यालय आते भी हैं तो इनके हाथो में झाड़ू थमा दिया जाता हैं।

बलिया जनपद के पंदह ब्लॉक के फूलपुर प्राथमिक विद्यालय की ज़मीन पर मुर्दों को जलाया जाता हैं। विद्यालय से महज़ 100 मीटर की दूरी पर और विद्यालय की जमीन पर मुर्दो को जलाते देखकर बच्चें डरे और सहमे होते हैं। बच्चों को इतना डर लगता हैं कि विद्यालय आने में कतराते हैं। कई वर्षों से यहाँ पर इस तरह के कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के कर्मचारियों द्वारा अभी तक इसपर कोई रोकटोक नहीं लगायी गयी है और ना ही विद्यालय कैम्पस की बाउंड्री बनायीं गई है। जिससे बच्चों के दिमाग से यह डर निकाला जा सके।

हालांकि जब विद्यालय अपने समय से खुलता है तो इन मासूम बच्चों को पढ़ाने की बजाय इनके हाथ में झाड़ू थमा दिए जाते हैं। और ये मासूम पढ़ने के बजाय विद्यालय के हर कमरे में प्रतिदिन झाड़ू लगाते हैं। कोई ऐसा कमरा नहीं  है जहाँ यह बच्चे झाड़ू न लगाएं।

जब प्रधानाध्यापक का ही निर्देश हो तो किसकी मजाल की विद्यालय में झाड़ू न लगाएं। इतना ही नहीं, जब बच्चों से कोई सामान मंगवाने की बात होती है और बच्चे जाने से कतराते हैं। तो इनको मारा पीटा जाता है। यह किसी और की नहीं बल्कि प्रधानध्यापक की मेहरबानी है। जब बच्चे नहीं जाते तो प्रधानध्यापक मारना-पीटना शुरू कर देते हैं।

जब इस घटना की जानकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी को मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। और खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए जाँच करने का निर्देश दिया गया।और यह सुनिश्चित किया जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

बलिया: पढ़ाई के दौरान स्कूल में हुआ बार-बालाओं का अश्लील डांस, वीडियो वायरल

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं फिल्मों गीतों के तेज आवाज के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई.

बलिया के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बार डांसरों ने जमकर ठुमके लगाए. कंबल वितरण के नाम पर विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डांसरों ने फिल्मी गीतों के धुत पर ठुमका लगाया गया. बताया जा रहा है कि इस दौरान बच्चे क्लास में पढ़ाई कर रहे थे. वहीं फिल्मों गीतों के तेज आवाज के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से प्रभावित हुई. मामला सामने आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है.मामला सहतवार थाना क्षेत्र के आसमान ठोठा गांव का है. जहां प्राथमिक विद्यालय आसमान ठोठा में ग्राम प्रधान के द्वारा कंबल वितरण का कार्यक्रम नाच-गाने के बीच प्राथमिक विद्यालय परिसर में पढ़ाई कर रहे बच्चों के बीच किया गया. इस दौरान स्टेज पर बार बालाएं स्टेज पर फिल्मी गीतों के तेज धुनों पर अश्लील डांस करती नजर आई. गाने के तेज आवाज के कारण शिक्षकों को बच्चों की पढ़ाई बीच में ही रोकनी पड़ी.वही कार्यक्रम में मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पूर्व माननीय कार्यक्रम को रोकवाने के बजाय बार बालाओं के डांस का आनन्द लेते हुए नजर आए. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि यूपी में योगी सरकार जहां सरकारी स्कूलों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं कुछ लोग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं.l

दायित्वों के प्रति शिक्षकों की लापरवाही नहीं होगी क्षम्य

बलिया : बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में दायित्वों के प्रति शिक्षकों की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। वे समय पर विद्यालय तो जाएं ही, खुद के विद्यालय में प्रवेश के मुताबिक 80 प्रतिशत उपस्थिति भी सुनिश्चित कराएं। शिक्षक यदि अपनी जिम्मेदारियों का सही तरह से निर्वहन करेंगे तो वहां बच्चों की संख्या भी अच्छी होगी। विद्यालयों में बच्चों की दैनिक उपस्थिति ही शिक्षकों की कार्यशैली बयां करती हैं।

शैक्षणिक माहौल में सुधार के लिए आगामी 17 व 18 जनवरी को सिकंदरपुर में एक वर्कशाप के जरिए नए शिक्षकों को स्मार्ट क्लास चलाने वाले शिक्षक पढ़ाने के अलग टिप्स देंगे। इसके अलावा एक ही परिसर में चलने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय की तैयारी है। दोनों अलग-अलग विद्यालय अब एक में होंगे और वहां प्रधानाध्यापक भी एक ही रहेंगे। बीएसए गुरुवार को दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर में पाठकों के सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रस्तुत है सवाल-जवाब के प्रमुख अंश-: प्रश्न : एकवनी के एक स्कूल में फर्जी रुप से एक व्यक्ति नौकरी कर रहा है। उसके संबंध में मैने आपसे शिकायत भी की थी। अभी तक कुछ नहीं हुआ।

उत्तर : इस मामले में जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को लिखा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद हर हाल में कार्रवाई होगी।

प्रश्न : सिकंदरपुर में एक ही परिसर में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। जब भी छुट्टी होती है तो बच्चे वहां के एनएच से जान पर खतरा मोल घर पहुंचते हैं। शिक्षक उन्हें पंक्तिबद्ध तरीके से नहीं छोड़ते।

उत्तर : आपने बहुत ही अहम सवाल किया है, मै वहां के शिक्षकों को तत्काल निर्देश जारी करता हूं कि वे बच्चों का घर पहुंचने तक विशेष ख्याल रखें। बच्चा जबतक घर नहीं पहुंच जाता, शिक्षकों को भी उनपर नजर रखनी चाहिए।

प्रश्न : मै रतसर के विद्यालय नम्बर चार से शिक्षक बोल रहा हूं, यहां विद्यालय में शौचालय नहीं है, जिससे बहुत दिक्कत होती है।

उत्तर : आप अपने प्रधानाध्यापक से बात कराएं। इसकी लिखित जानकारी प्रधानाध्यापक दें, किस वजह से वहां शौचालय नहीं बन पाया है।

प्रश्न : सिकंदरपुर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई बिल्कुल नहीं हो रही है। इस बात की शिकायत भी मैंने लिखित रूप से किया था। इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

उत्तर : ऐसी बात नहीं है, लापरवाह शिक्षकों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। अभी तत्काल रेवती में औचक निरीक्षण कर बड़ी संख्या में कार्रवाई की गई है। ऐसे औचक निरीक्षण सभी ब्लाकों में बिना किसी सूचना के होंगे।

प्रश्न : शहर के प्राइवेट विद्यालयों में हर साल पाठ्य-पुस्तकों का बदलाव कर किया जा रहा है, जिससे अभिभावकों को काफी खर्च का सामना करना पड़ता है। उनपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।

उत्तर : इसके लिए मानक तय किया गया है। जल्द ही यह निर्देश जारी होंगे जिसमें ऐसी व्यवस्था बनेगी कि प्राइवेट विद्यालय भी तीन साल के अंदर पाठ्य पुस्तकों का बदलाव नहीं कर सकते।

प्रश्न : शहर में कई विद्यालयों की सीबीएसई से मान्यता केवल कक्षा एक से आठ तक है लेकिन उनमें हाईस्कूल तक की कक्षाओं को संचालित कर अभिभावकों से मनमाने तरीके से धनदोहन किया जा रहा है।

उत्तर : कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों की जिम्मेदारी मेरी है। उससे ऊपर की कक्षाओं के मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक से भी अपनी शिकायत करें। संबंधितों पर कार्रवाई जरूर होगी।

प्रश्न : परिषदीय विद्यालयों की दशा में सुधार हुआ है लेकिन एमडीएम में बहुत सी खामियां हैं।

उत्तर : जहां भी एमडीएम नहीं बन रहा है, वहां के विषय में बताएं कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न : विद्यालय में शिक्षक और शिक्षा मित्र नशे की हाल में आते हैं, पान गुटखा दिनभर चबाते हैं, वे बच्चों को क्या पढ़ाएंगे।

उत्तर : उनका नाम बताएं, ऐसे लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, सख्त सजा दी जाएगी। इन्होंने पूछे प्रश्न

अनिल कुमार अधिवक्ता सिविल लाइन, नितेश पांडेय सिकंदरपुर, कूलभूषण त्रिपाठी शिक्षक रतसड़, नवीन कुमार सिकंदरपुर, नंदकिशोर ¨सह बैरिया, मनोज कुमार जयप्रकाश नगर, रोहित ¨सह मुरलीछपरा, चंदन दुबहर, मुन्ना यदव चांददियर आदि।

BSA : Baliya

Baliya : सस्पेंड प्रधानाध्यपिका ने बीएसए के आदेश को दिखाया ठेंगा

बिल्थरारोड (बलिया) : सीयर शिक्षा क्षेत्र के अखोप मिडिल स्कूल पर तैनात प्रधानाध्यापिका श्रीमती शीला देवी को बीएसए द्वारा सरकारी धन के गबन के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया। बावजूद बीएसए के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए प्रधानाध्यापिका पूर्ववत अपने स्कूल पर कार्य कर रही है। जबकि बीएसए संतोष कुमार राय ने उक्त स्कूल के निरीक्षण में प्रधानाध्यापिका को मिड-डे-मील के तहत अधिक छात्र संख्या दिखाकर सरकारी धन का गबन करने का अरोपी पाया था। जिन्हें तत्काल प्रभाव में निलंबित करते हुए बीआरसी सीयर से संबंद्ध कर दिया गया और इसकी प्रतिलिपि 21 दिसंबर को ही बीआरसी को भेज दी गई। बावजूद आरोपी प्रधानाध्यापिका ने बीआरसी अब तक ज्वायन नहीं किया। इधर खंड शिक्षा अधिकारी निर्भय नारायण ¨सह ने बताया कि वे 26 दिसंबर से ही छुट्टी पर है। निलंबित प्रधानाध्यापिका ने बीआरसी ज्वायन किया या नहीं, इसका उन्हें अभी तक जानकारी नहीं मिल सका है।…

बलिया: पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारियों ने आवाज बुलंद