इस आदेश से आप बिना बीटीसी, बीएड किये बन सकते हैं सरकारी शिक्षक वो भी मनपसंद के विद्यालय में

जौनपुर में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बिना प्रशिक्षण के स्कूल में तैनाती का दिया गया आदेश। मृतक आश्रित कोटे से बनने वाले शिक्षक इस आदेश का उपयोग अपनी नियुक्ति में कर सकते हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश न करने पर कोर्ट की शरण में जा कर उपर्युक्त आदेश का हवाला देते हुए अपनी नियुक्ति पा सकते हैं।

आदेश को सुरक्षित रख लें।।

UP Bed प्रवेश परीक्षा:- रूहेलखंड विश्वविद्यालय कराएगा बीएड प्रवेश परीक्षा, 15 अप्रैल को विज्ञापन होगा जारी, प्रवेश परीक्षा शुल्क में की जाएगी तिहाई की कमी

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IGNOU बीएड प्रवेश परीक्षा:- ऑनलाइन आवेदन की तिथियां हुई जारी

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स्‍कूल टीचर बनने के लिए जरूरी होगा TET एग्‍जाम, NCTE ने लिया फैसला

नई शिक्षा नीति-2020 में श‍िक्षा व्यवस्था में व्‍यवस्‍था की गई है कि आने वाले कुछ सालों में श‍िक्षा की सबसे मजबूत कड़ी अध्यापक को सबसे मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए बीएड प्रोग्राम में बड़े बदलाव की बात कही गई है. इसके लिए श‍िक्षा नीति में वर्ष 2022 तक नेशनल काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनसीटीई) को टीचर्स के लिए एक समान मानक तैयार करने को कहा गया था.

अब NEP 2020 के तहत नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने यह फैसला किया है कि किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए उम्‍मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा TET यानी Teachers Eligibility Test पास करना जरूरी किया जाएगा. एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमिटी गठित कर दी है.

एनईपी में प्रावधान क‍िया गया है क‍ि ये पैरामीटर नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर्स कहलाएंगे. काउंसिल यह कार्य जनरल एजुकेशन काउंसिल के निर्देशन में पूरा करेगी. अब तक टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ क्लास 1 से 8वीं तक के लिए थी. 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (PGT) के लिए इसकी जरूरत नहीं होती थी. अब किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना जरूरी किया जाएगा.

एनसीटीई ने इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमेटी गठित कर दी है. स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए एनसीटीई यह तैयारी कर रहा है. नई श‍िक्षा नीति के अनुसार शिक्षकों के लिए अगले दो साल के भीतर न्यूनतम डिग्री बीएड तय होगी, जो उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर एक से चार साल की होगी. ये एमए के बाद एक साल और इंटरमीडिएट के बाद चार साल की होगी.

बीएड के लिए कुछ इस तरह से व्यवस्था की जाएगी क‍ि बीएड की दो साल की डिग्री उन ग्रेजुएट छात्रों को मिले जिन्होंने किसी खास सब्जेक्ट में चार साल की पढ़ाई की हो. चार साल की ग्रेजुएट की पढ़ाई के साथ एमए की भी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को बीएड की डिग्री एक साल में ही प्राप्त हो जाएगी, लेकिन इसके जरिये विषय विशेष के शिक्षक बन पाएंगे.

बता दें कि नई श‍िक्षा नीति में ये कहा गया है कि बीएड प्रोग्राम में शिक्षा शास्त्र की सभी विधियों को शामिल किया जाए. इसमें साक्षरता, संख्यात्मक ज्ञान, बहुस्तरीय अध्यापन और मूल्यांकन को विशेष रूप से सिखाया जाएगा. इसके अलावा टीच‍िंग मेथड में टेक्नोलॉजी को खास तौर पर जोड़ा जाएगा.

कमेटी की उन सिफारिशों को भी मान लिया गया है जिसमें स्तरहीन शिक्षक-शिक्षण संस्थानों को बंद करने की बात कही गई थी. अब सभी शिक्षण तैयारी/ शिक्षा कार्यक्रमों को बड़े बहुविषयक विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्थानांतरित करके शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव का भी प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा 4-वर्षीय एकीकृत चरण वाले विशिष्ट बी.एड. कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को अंततः न्यूनतम डिग्री की योग्यता प्राप्त हो सकेगी.

Education News: यूपी में वापस होगी बी.एड.की फीस, सरकार ने दिए ये आदेश

Education News : उत्तर प्रदेश में बी.एड. और बी.टी.सी. के छात्रों की फीस रिफंड की जाएगी. साथ ही स्कॉलरशिप भी मिलेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में बी.एड. करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए खुशखबरी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देने का आदेश दिया है. इसी के साथ छात्र-छात्राओं की फीस रिफंड होने का भी रास्ता साफ हो गया है.

सरकार द्वारा बी.एड.और बी.टी.सी. की सरकारी स्कॉलरशिप व फीस रिफंड मामले में इन पाठ्यक्रमों को संचालित करने वाली शिक्षण संस्थाओं की जांच के आदेश दिये थे. जिलों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी समाज कल्याण निदेशालय और शासन को 26 फरवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
जांच रिपोर्ट में जो शिक्षण संस्थाएं बी.एड., बी.टी.सी. व अन्य पाठ्यक्रमों छात्रवृत्ति तथा फीस भरपाई के फर्जीवाड़े में लिप्त पायी जाएंगी उन्हें छोड़कर बाकी अन्य सभी शिक्षण संस्थाओं के बी.एड.के पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और फीस भरपाई की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

मिलेगी 9 हजार रुपये स्कॉलरशिप

कोरोना महामारी के कारण वर्तमान शैक्षणिक सत्र में बी.टी.सी. का सत्र शून्य कर दिया गया है. इसलिए बी.टी.सी. कोर्स में स्कॉलरशिप और फीस वापसी नहीं होगी. जबकि बी.एड. में छात्र-छात्रों को पहले साल के 51,250 रुपए और दूसरे साल के 30,000 रुपए बतौर रिफंड किए जाएंगे. साथ ही हर साल लगभग 9 हजार रुपए की स्कॉलरशिप भी मिलेगी.


पिछले साल गठित कई गई थी जांच कमेटी

बीते वर्ष अक्तूबर में अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय जांच कमेटी गठित की गई थी. लेकिन इसे 16 फरवरी को निरस्त करके जिलों के मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में नई जांच कमेटी गठित की गई थी.
इसमें जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी और सम्बंधित उप जिलाधिकारी को सदस्य बनाया गया है. इस जांच कमेटी को अपनी आठ बिन्दुओं पर जांच रिपोर्ट आगामी 10 मार्च को शासन को सौंपने के निर्देश दिये गये थे. लेकिन इस समय सीमा को घटाकर 26 फरवरी तक कर दिया गया है.

B.Ed प्रवेश परीक्षा : बीएड प्रवेश परीक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियां हुई घोषित, 19 मई को होगी परीक्षा

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B’ed प्रवेश परीक्षा:- लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा बीएड द्वितीय वर्षीय पाठ्यक्रम प्रवेश परीक्षा की तिथियां हुई घोषित, यहां देखें महत्वपूर्ण तिथियां

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बीएड कॉलेजों में दाखिले हेतु काउंसलिंग आज से, देखें प्रस्तावित कार्यक्रम

राजधानी समेत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए काउंसलिंग गुरुवार से शुरू होगी। पहले चरण में एक से 50 हजाररैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। हालांकि अभी तक प्रदेश के कुछ राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से अन्तिम वर्ष के परीक्षा परिणाम घोषित न किए जाने से अभ्यर्थी परेशान हैं। बता दें कि दो बार इस काउंसलिंग कार्यक्रम को टाला जा चुका है। इस बार लखनऊ विश्वविद्यालय इसके कार्यक्रम में परिवर्तन करने के पक्ष में नहीं है। 

बीएड की प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि पंजीकरण के लिए अभ्यर्थियों को लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाना होगा। आप यह खबर प्राइमरी का मास्टर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। यहां जेईई का लिंक दिया गया है। तीन चरण में होने वाली काउंसलिंग में रैंक के अनुसार अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके बाद पूल काउंसलिंग और फिर सीधे प्रवेश का मौका दिया जाएगा।

आर्थिक रूप से कमजोरसामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए इस बार 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है। जीरो फीस का लाभ नहीं मिलेगा। सभी को काउंसलिंग के समय फीस जमा करनी होगी। फीस न जमा करने वाले की सीट लॉक नहीं की जाएगी। प्रो. बाजपेयी ने साफ किया कि अब कार्यक्रम में परिवर्तन नहीं होगा।

UP BEd Result 2020:- रिजल्ट हुआ जारी देखें टॉपर का नाम एवं जिला तथा पता करें अपना स्कोरकार्ड

UP BEd Result 2020:- रिजल्ट हुआ जारी देखें टॉपर का नाम एवं जिला तथा पता करें अपना स्कोरकार्ड

UP BEd Result 2020: लखनऊ यूनिवर्सिटी ने उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेश परीक्षा 2020 रिजल्ट शनिवार शाम 5 बजे अपनी आधिकारिक वेबसाइट CLICK HERE पर जारी कर दिया। सीतापुर के पंकज कुमार ने परीक्षा में बाजी मारी है। वह 299.333 अंकों के साथ प्रदेश में पहले स्थान पर रहे हैं। वहीं, सीतामढी के अजय कुमार 295 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहे हैं। परीक्षा के चेयरमैन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने इन नतीजों की घोषणा की। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुछ दिनों पहले जारी प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार नौकरी के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया 21 सितंबर से शुरू की जाएगी।

टॉप टेन सूची

रैंक नाम अंक जिला
1 पंकज कुमार 299.333 सीतापुर
2. अजय कुमार 295 सीतामढी
3. अमर सिंह 294.666 आजमगढ़
4. मनीषा मिश्रा 293.333 झांसी
5. सुयश दीक्षित 291.334 हरदोई
6. प्रशांत यादव 290.667 गाजीपुर
7. ओम भुवन राय 290.667 लखनऊ
8. मोहम्मद अजमान खान 288 मेरठ
9. नेहा अग्रवाल 288 फिरोजाबाद
10. राम अवतार 287.666 आगरा

कुलपति ने बताया कि ऑनलाइन आफ-कैम्पस काउन्सिलिंग प्रक्रिया की सम्भावित तिथि एवं काउन्सिलिंग सम्बन्धित अन्य सम्पूर्ण विवरण उसी वेबसाइट पर शीघ्र ही प्रदर्शित कर दिया जायेगा। अभ्यर्थियों को विभिन्न महाविद्यालयों में सीटों का आवंटन उनके द्वारा मूल आवेदन पत्र में भरे गए विषय वर्ग के अनुसार किया जायेगा। किसी भी दशा में, किसी भी स्तर पर, विषय-वर्ग परिवर्तन अनुमन्य नहीं होगा।

प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थी को नतीजे घोषित होने के बाद अपने पंसद का कॉलेज चुनने का मौका दिया जाता है। अभ्यर्थी को काउंसलिंग के लिए पंजीकरण कराना होगा। 5,750 रुपये शुल्क जमा करना होता है। इस शुल्क में 750 रुपये काउंसलिंग फीस होती है। बाकी के पांच हजार कॉलेज को भेज दिया जाएगा। इस बार ईडब्ल्यूएस की 10% सीटों पर भी प्रवेश लिए जाएंगे। इनकी रैंकिंग अलग से जारी की जाएगी।

कोरोना संक्रमण के बीच बीएड प्रवेश परीक्षा संपन्न

🔴केंद्र पर मास्क व सैनिटाइजर लेकर पहुंचे परीक्षार्थी,

🔴थर्मल स्कैनिंग के बाद ही दिया गया प्रवेश

सत्र 2020-21 के लिए बीएड प्रवेश परीक्षा सकुशल संपन्न हो गए जिले के 64 परीक्षा केंद्रों पर दो पारियों में कुल 2174 परीक्षार्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहे , जबकि 17366 परीक्षार्थी शामिल हुए।