उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े परिवर्तन (CHANGES IN BASIC EDUCATION DEPARTMENT) – जानिए अब स्कूलों के खुलने पर किन-किन नियमों और समय सारणी का करना होगा पालन

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े परिवर्तन –

मुख्य परिवर्तन निम्न हैं –

1. विद्यालय का समय
A) 1 अप्रैल से 30 सितंबर – प्रातः 8 से दोपहर 2 बजे तक
मध्यावकाश/मिड डे मील समय – प्रातः 10.15 से 10.45 तक
B) 1 अक्टूबर से 31 मार्च – प्रातः 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक
मध्यावकाश/मिड डे मील समय – प्रातः 11.55 से 12.25 तक

नोट – विद्यालय शिक्षण प्रारंभ होने से 15 मिनट पहले एवं न्यूनतम 30 मिनट बाद तक विद्यालय में रहेंगे।

2. शीतकालीन एवं ग्रीष्मकालीन अवकाश
A) शीतकालीन अवकाश – 31 दिसंबर से 14 जनवरी
B) ग्रीष्मकालीन अवकाश – 20 मई से 15 जून
C) नए सत्र का आरंभ – 16 जून से

नोट – अवकाश तालिका से भिन्न कोई भी लोकल अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार जिलाधिकारी महोदय के अतिरिक्त अन्य किसी के पास नहीं होगा।

3. समय सारणी में प्रत्येक कालांश 40 मिनट का होगा एवं साल में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस होंगे।

4. अभिलेख रजिस्टरों/पंजिकाओं की संख्या 40 से कम करके 14 कर दी जाएंगी –
A – शिक्षक डायरी
B – उपस्थिति पंजिका
C – प्रवेश पंजिका
D – कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका
E – एमडीएम पंजिका
F – समेकित निःशुल्क सामग्री वितरण पंजिका
G – स्टॉक पंजिका
H – आय व्यय पंजिका
I – चेक इशू पंजिका (बजट वार)
J – बैठक पंजिका
K – निरीक्षण पंजिका
L – पत्र व्यवहार पंजिका
M – बाल गणना पंजिका
N – पुस्तकालय/खेलकूद पंजिका

5. कुछ ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु –

A) विद्यालय प्रत्येक दो सप्ताह में इंटरनल टेस्ट लिया करेंगे जिसके आधार पर उपचारात्मक शिक्षण किया जाएगा।

B) शिक्षक अपने अवकाश या अन्य किसी कार्य हेतु विद्यालय अवधि में विद्यालय नहीं छोड़ेंगे, किसी अवकाश या समस्या की स्थिति में मानव संपदा पोर्टल का प्रयोग करना सुनिश्चित किया जाएगा।

C) शिक्षक किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य, रैली, फेरी, बैंक आदि के कार्य को विद्यालय समय में नहीं कर सकेंगे।

D) विद्यालय मरम्मत, रंगाई पुताई का कार्य या तो अवकाश में कराया जाएगा अथवा विद्यालय समय के पश्चात।

E) किसी शिक्षक के निलंबन के एक माह के भीतर मामला निस्तारित होगा अन्यथा खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं बेसिक शिक्षा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

F) किसी भी विभागीय कार्यालय द्वारा किसी शिक्षक को न तो सम्बद्ध किया जाएगा न ही किसी कार्य के लिये अध्यापक को विद्यालय समय में बुलाया जा सकेगा।

G) शिक्षकों के सभी प्रशिक्षण या तो ऑनलाइन आयोजित किये जायेंगे अथवा विद्यालय समय के पश्चात।

H) माह के चतुर्थ शनिवार को विद्यालय अवधि के पश्चात विकासखण्ड में प्रधानाध्यापकों की दो घंटे की मीटिंग आयोजित की जाएगी।

केंद्र की हरी झंडी के बाद ही खुलेंगे परिषदीय स्कूल, फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं

 कोरोना के मद्देनजर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों को केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद ही खोला जाएगा। ऐसे में फिलहाल स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते परिषदीय स्कूलों का संचालन मार्च के दूसरे सप्ताह से नहीं हो रहा है। शैक्षिक सत्र 2019-20 में इन स्कूलों के बच्चों को बिना परीक्षा के ही अगली कक्षा के लिए उत्तीर्ण कर दिया गया था। चालू शैक्षिक सत्र में पठन-पाठन ऑनलाइन क्लास के जरिये हो रहा है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कक्षाओं का संचालन शुरू होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने भी दीपावली के बाद स्कूल खोलने की कवायद शुरू की थी।

इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों से राय भी मांगी गई थी। पर, सूत्रों का कहना है कि कुछ विभागों ने फिलहाल स्कूल नहीं खोलने की सलाह दी है। उधर, शासन में भी उच्च स्तर पर यह निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार की ओर से फिलहाल स्कूल खोलने का निर्णय नहीं लिया जाए। उधर, इस संबंध में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को खोलने के लिए अभी गाइडलाइन जारी नहीं की है। केंद्र की गाइडलाइन के बाद ही परिषदीय स्कूलों को खोला जाएगा।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने साफ कहा था जब तक हम टैबलेट नही देते शिक्षकों को ऑनलाइन कार्यों के लिए बाध्य नही करेंगें,ONLINE TRAINING वापस लेने के संबंध में।

सुजीत कुमार शुक्ला जिला मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जनपद फतेहपुर इकाई द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर, इस बात की पुष्टि होती है कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने भी 20 जुलाई से होने वाली ऑनलाइन प्रशिक्षण के संबंध में विज्ञापन दिया है जिसका अभिभावक खुद शिक्षा मंत्री जी हैं जिन्होंने पूर्व में कहा था कि जब तक सुविधाएं मुहैया नहीं की जाएगी किसी भी प्रकार का ऑनलाइन प्रशिक्षण नहीं कराया जाएगा



69000 शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट LIVE UPDATES जानने के लिए बार-बार रिफ्रेश करते रहें।

भर्ती 69000 आज माननीय सुप्रीम कोर्ट में 69000 भर्ती के सम्बंध में सम्भवतः सुनवाई नही होगी । सुनवाई टलने की जो भी वजह हो उसकी जानकारी के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट से नोटिस आने तक इंतजार करें।

आप सभी 67867 चयनित अभ्यर्थी परेशान न हों, नोटिस आने के बाद सब कुछ क्लियर हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली11 बजे लगभग नोटिस प्राप्त (AOR) होगा, किकब होगी सुनवाई….!!

69000 शिक्षक भर्ती की आज की सुनवाई हुई कैंसिल: अग्रिम तारिख अभी तय नहीं –
15 जुलाई को हुई सुनवाई में मा०जस्टिस ललित ने आज 16 जुलाई को 10:30 बजे से इस केस को as a part-heard सुनने का आदेश दिया था एवं आज की सप्लीमेंट्री कॉज लिस्ट में भी केस लिस्टेड हो गया था।
अधिवक्ताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी कारणवश उक्त बेंच आज नही बैठ रही है। केस की सुनवाई की अभी कोई डेट निश्चित नही है लेकिन जल्द ही सुनवाई की डेट फिक्स हो जाएगी।

लेकिन फिर भी लीगल टीम द्वारा दी जानकारी के अनुसार
सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली
69000 शिक्षक भर्ती कट ऑफ मामले में अगली सुनवाई 21.07.2020 मंगलवार को होने की सम्भावना है।
यह जानकारी अपने पैनल के AOR की रजिस्ट्रार आफिस में हुई बात के अनुसार है।

69,000 शिक्षक भर्ती मामला: शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा- सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा, प्रथमदृष्टया हमें भर्ती परीक्षा में शिक्षा मित्रों के लिए 60-65 फीसदी कट ऑफ काफी ज्यादा लगता है। कोर्ट ने अपनी इस मौखिक टिप्पणी में यह भी कहा, हमें नहीं लगता कि इस परीक्षा में बीएड छात्रों को शामिल करने पर कोई आपत्ति होनी चाहिए। इस मामले में सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी।

जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक तौर पर कहा, हमें नहीं लगता कि भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन मंगाने से पहले या बाद में कटऑफ में फेरबदल करने में आपत्ति होनी चाहिए। दरअसल, अभ्यर्थियों के एक समूह ने परीक्षा प्रक्रिया के दौरान कटऑफ बढ़ाने को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया शिक्षामित्रों के लिए 60-65 कट ऑफ अधिक नजर आता है। 

महिला अंशकालिक अनुदेशकों/ शिक्षामित्रों/ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में संविदा पर कार्यरत शिक्षिकाओं के 6 माह के मानदेय सहित मातृत्व अवकाश स्वीकृत किए जाने के संबंध में जारी हुआ आदेश

UPTET 2019: यूं करें यूपीटीईटी परीक्षा की तैयारी, जानें काम की बातें👇

यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में टीचर बनने का सपना तभी पूरा होता है, जब बीएड व डीएलएड के अलावा शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) भी अच्छे अंकों से पास कर ली जाए। यह एक ऐसी परीक्षा है, जिसमें उम्मीदवारों की भारी भीड़ उमड़ती है। परीक्षा पास करने पर यह सर्टिफिकेट पांच साल के लिए मान्य होगा। इस परीक्षा के लिए तिथियां घोषित हो चुकी हैं। परीक्षा के एक महीने बाद रिजल्ट भी जारी हो जाएगा। इसमें बैठने के इच्छुक छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस बार परीक्षा शुल्क में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। पहले एक पेपर के लिए 500 व दोनों के लिए 1000 रुपये फीस ली जाती थी, वहीं इस साल यह बढ़कर क्रमश: 600 व 1200 रुपये हो गई है। 

दो स्तरों में होगी परीक्षा 
– प्राथमिक स्तर (कक्षा 1-5) 
– उच्च प्राथमिक स्तर (6-8) 

कब कर सकेंगे आवेदन 
इस परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवारों को स्नातक की परीक्षा 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के साथ-साथ बीएड अथवा डीएलएड उत्तीर्ण होना जरूरी है। इसमें प्रथम सेमेस्टर में अध्ययनरत छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा उसकी उम्र 18-40 वर्ष के बीच होनी जरूरी है। 
आवेदन में बरतें सावधानी 
इसमें आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण उम्मीदवार को सबसे पहले वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद फोटो व हस्ताक्षर अपलोड और शुल्क जमा करना होगा। इसलिए आवेदन और फोटो से पूर्व छात्रों को अपनी फोटो व हस्ताक्षर स्कैन कराना होगा तथा उन्हें एक वैध ईमेल आईडी तैयार करनी होगी। अपने आवेदन में संशोधन के लिए उम्मीदवारों को एक मौका और मिलता है। 
प्राथमिक स्तर की परीक्षा 
प्राथमिक स्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए प्राथमिक वर्ग में आवेदन करना होगा। इस परीक्षा की अवधि ढाई घंटे होगी। इसमें कुल 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी प्रश्नों के चार विकल्प होंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित होगा। ये प्रश्न हिन्दी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों में पूछे जाएंगे। इसमें निगेटिव मार्किंग नहीं है। पूछे जाने वाले प्रश्न पांच सेक्शनों से संबंधित हैं- बाल विकास एवं अभिज्ञान, भाषा-एक (हिन्दी), भाषा-दो (अंग्रेजी, संस्कृत अथवा उर्दू), गणित, पर्यावरणीय शिक्षा आदि। 
उच्च प्राथमिक स्तर का स्वरूप 
उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए है, जो कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं में पढ़ाने के इच्छुक हैं। इसकी भी अवधि ढाई घंटे की होगी तथा पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या 150 होगी। यह परीक्षा प्राथमिक स्तर से थोड़ी भिन्न होती है। इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न चार सेक्शनों जैसे- बाल विकास एवं अभिज्ञान, भाषा-एक (हिन्दी), भाषा-दो (अंग्रेजी, संस्कृत अथवा उर्दू), गणित व विज्ञान विषय अथवा सामाजिक अध्ययन विषय से संबंधित हैं।
 
तैयारी के आवश्यक टिप्स 
– प्रतिदिन पढ़ने की आदत विकसित करें 
– सभी सेक्शन को समान महत्व दें 
– कठिन सवालों के लिए समय बढ़ा दें 
– करेंट अफेयर्स पर भी अपडेट करें जानकारी 
– जो कठिन लगे, उस पर विशेषज्ञ की राय लें

 

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