BOARD EXAM 2021: बगैर एग्‍जाम के पास होंगे 9वीं, 10वीं, 11वीं के छात्र, इस राज्‍य ने लिया फैसला

Board Exam 2021: मुख्‍यमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण आई असामान्य स्थिति के चलते शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के अनुरोध पर यह फैसला लिया जा रहा है. कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान छात्रों को केवल ऑनलाइन क्‍लासेज पढ़ने का मौका मिला है.

Board Exam 2021: कोरोना संक्रमण के बीच पढ़ाई और परीक्षाओं की खबरों के बीच अब तमिलनाडु सरकार ने फैसला लिया है कि राज्‍य में 9वीं, 10 वीं और 11 वीं कक्षा के छात्र बिना परीक्षा के पास होंगे. मुख्यमंत्री एडप्पादी पलानीस्वामी ने नियम 110 के तहत विधानसभा में घोषणा की कि 2020-21 के शैक्षणिक वर्ष में इस कक्षाओं के लिए परीक्षा आयोजित नहीं होगी और छात्र सीधे पास कर दिए जाएंगे.

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि महामारी के कारण आई असामान्य स्थिति के चलते शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों के अनुरोध पर यह फैसला लिया जा रहा है. कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान छात्रों को केवल ऑनलाइन क्‍लासेज पढ़ने का मौका मिला है. सरकार ने फिल्म परियोजनाओं की संख्या में भी कमी की है.

इससे पहले, राज्‍य में कक्षा 1 से 8 तक के लिए स्‍कूल खोलने के लिए राज्‍य शिक्षामंत्री ने इनकार कर दिया था. 12 फरवरी को के. ऐ. सेनगोट्टियन ने कहा था कि अभी स्‍कूल दोबारा खोलने पर फैसला नहीं लिया गया है. अधिकांश राज्‍यों में स्‍कूल कोरोना नियमों के साथ खोल दिए गए हैं जबकि बिहार राज्‍य में बोर्ड की परीक्षाएं जारी हैं.

UP BOARD TIME TABLE:- माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा कार्यक्रम हुआ घोषित

UP BOARD TIME TABLE:- माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा हाई स्कूल तथा इंटरमीडिएट की परीक्षा कार्यक्रम हुआ घोषित

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इंटर की परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा, क्लिक कर देखें क्या होंगे बड़े बदलाव

हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा का बदलेगा पैटर्न, तीन घंटे का पेपर दो भागों में होगा

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन की योजना तैयार कर ली है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पुनर्गठन कर इसे स्वायत्तशासी संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा। साथ ही हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों का पैटर्न भी बदल जाएगा।

तीन घंटे का पेपर दो भागों में बांटा जाएगा। पहला भाग एक घंटे का वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का होगा। यह 30 अंक का होगा, जिसे ओएमआर शीट पर हल करना होगा। प्रश्न पत्र का दूसरा भाग वर्णनात्मक होगा। यह 70 अंक का होगा और दो घंटे में हल करना होगा। प्रश्न पत्र में संबंधित विषय के उच्चतर चिंतन कौशल से संबंधित प्रश्न भी रखे जाएंगे। वहीं, विज्ञान और गृह विज्ञान विषय की वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र में 50 प्रतिशत प्रश्न प्रायोगिक गतिविधियों से संबंधित होंगे। विभाग ने इसकी योजना केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को प्रस्तुत कर दी है।

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स गठित करने के साथ हर मुद्दे पर प्रस्ताव तैयार करने के लिए स्टीयरिंग कमेटी गठित की थी। इससे मिले प्रस्तावों के आधार पर विभाग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की योजना तैयार की है।
सत्र 2021-22 से लागू होगा नया पैटर्न
परीक्षा का नया पैटर्न 2021-22 से कक्षा 9 से लागू किया जाएगा। नए पैटर्न पर हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा वर्ष 2023 में जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा 2025 में होगी। बोर्ड परीक्षा के लिए वार्षिक, सेमेस्टर मॉडल पर भी विचार किया जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा। बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।

विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।

खत्म होगी आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था
परीक्षा में आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था समाप्त करने की योजना है। विभाग का मानना है कि इससे परीक्षा की विश्वसनीयता व वैधता बढ़ेगी। अंकों के हेरफेर पर अंकुश लगेगा। बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र के कारण बच्चों को अधिक अंक लाने का अवसर मिलेगा और तनाव कम होगा।

प्रदर्शन सुधारने का मिलेगा मौका
हाई स्कूल परीक्षा वर्ष 2023 से साल में दो बार ली जाएगी। पहली बार परीक्षा निर्धारित समय पर होगी। दूसरी बार परीक्षा विद्यार्थियों के परीक्षाफल सुधार के लिए होगी।

मूल्यांकन का पैटर्न भी बदलेगा
माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 9 से 12 तक परीक्षा का पैटर्न बदलने के साथ मूल्यांकन का पैटर्न भी बदला जाएगा। शिक्षकों को लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय और बहु विकल्पीय प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2021-22 से प्रशिक्षण शुरू किए जाएंगे। मूल्यांकन को योगात्मक से रचनात्मक की ओर लेकर जाएंगे। शिक्षकों को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रटने की प्रवृत्ति कम की जाएगी
रटने की प्रवृत्ति कम करने के लिए ज्ञानात्मक प्रश्नों को कम किया जाएगा। बोधात्मक, अनुप्रयोगात्मक और कौशलात्मक प्रश्नों को वरीयता दी जाएगी। 20 प्रतिशत तक प्रश्न विश्लेषणात्मक होंगे।

स्कूलों की मैपिंग होगी
कक्षा 9 से विद्यार्थियों को विषयों के चयन में स्वतंत्रता देने के लिए 2021-22 से राजकीय और वित्त पोषित विद्यालयों की मैपिंग की जाएगी। विद्यालयों की भौतिक सुविधाओं, शिक्षकों की संख्या और स्थानीय मांग के अनुरूप विषय चयन की अनुमति दी जाएगी। विषय चयन की सुविधा को 2022-23 से लागू किया जाएगा।

कृषि विज्ञान विषय
प्रदेश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को देखते हुए कृषि विषय को प्राथमिकता दी जाएगी। कृषि विषय का नाम कृषि विज्ञान रखा जाएगा।

सभी समितियों का होगा पुनर्गठन
विश्व की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को स्वायत्तशासी बनाकर अकादमिक प्रकोष्ठ को सुदृढ़ करने, बोर्ड की सभी समितियों को पुनर्गठित करते हुए नया रूप प्रदान करने की योजना है। समितियों में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा।

बोर्ड के मुख्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों को तकनीकी रूप से सृदृढ़ करने के लिए वहां आईटी के समूह ‘ख’ और ‘ग’ के पदों का सृजन कर अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। विभाग का मानना है कि बोर्ड का विकेंद्रीयकरण 1985 में किया गया था, अब 35 साल बाद वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बोर्ड का विस्तार और विकेंद्रीयकरण भी किया जाना चाहिए।

UP Board : बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने की तिथि बढ़कर 31 अगस्त 2020 हुई

बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने की तिथि बढ़कर 31 अगस्त 2020 हुई

UP BOARD : यूपी बोर्ड बढ़ाएगा परीक्षा फार्म व पंजीकरण की तारीख

प्रयागराज : यूपी बोर्ड इधर हर साल करीब 50 लाख से अधिक छात्र-छात्रओं का कक्षा 9 व 11 में पंजीकरण कराता रहा है। इतनी ही तादाद हाईस्कूल व इंटर के लिए परीक्षा फार्म भरने वालों की होती रही। इस बार की स्थितियां एकदम उलट हैं, प्रदेश में यूपी बोर्ड से संबद्ध 27 हजार से अधिक माध्यमिक कालेजों में अपेक्षित छात्र-छात्रएं न तो परीक्षा का फार्म भर रहे हैं और न ही पंजीकरण करा पा रहे हैं। ऐसे में बोर्ड प्रशासन को पंजीकरण व परीक्षा फार्म भरने की तारीखों में इजाफा करना पड़ेगा।

बोर्ड ने जुलाई माह में पहले 2021 की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा के लिए फार्म भरने का कार्यक्रम जारी किया और कुछ दिन बाद कक्षा 9 व 11 में पंजीकरण का कार्यक्रम भी घोषित कर दिया। संयोग से दोनों की अंतिम तारीख पांच अगस्त है। इस तारीख तक छात्र-छात्रओं को फीस प्रधानाचार्यो के पास जमा करनी थी। पिछले 20 दिनों में दोनों प्रक्रिया बेहद धीमी रही हैं। वजह, कोरोना के कारण कालेजों का न खुलना है। बोर्ड ने अब तक परीक्षा फार्म भरने और पंजीकरण कराने वालों की संख्या उजागर नहीं की है लेकिन इस कार्य में लगे अफसरों का कहना है कि पिछले वर्षो से बहुत कम संख्या में छात्रों ने प्रवेश लिया है। हालांकि हाईस्कूल व इंटर में लगभग छात्र-छात्रओं की संख्या तय है, ज्ञात हो कि कक्षा 9 व 11 उत्तीर्ण करने वाले ही इन कक्षाओं में पहुंचे हैं। सबसे खराब स्थिति नए पंजीकरण की है।

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मार्च से, ऑनलाइन मिलेंगे एडमिट कार्ड, एकेडमिक कैलेंडर में हो रहा बदलाव

यूपी बोर्ड की 2021 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं फरवरी के बजाय मार्च में होंगी। कोरोना महामारी को देखते हुए बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है। इसी क्रम में छात्रों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी होंगे। वहीं, मार्च-अप्रैल में ही स्कूलों को अपनी गृह परीक्षाएं समाप्त कर परिणाम जारी करने होंगे।

एक बार ही होगी प्री-बोर्ड परीक्षा

 नए एकेडमिक कैलेंडर के तहत हाईस्कूल और इंटर के छात्रों के लिए इस बार प्री-बोर्ड परीक्षा एक बार ही होगी, जो पहले दो बार हुआ करती थी। जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षा कराने का प्रस्ताव है। वहीं दिसंबर व जनवरी में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

प्री-बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर समीक्षा की जाएगी। वहीं एकेडमिक कैलेंडर में सभी जयंती व प्रमुख दिवसों पर छात्रों के बीच ऑनलाइन गतिविधियां कराने के निर्देश हैं। एनसीसी, स्काउट-गाइड व खेलकूद गतिविधियां ऑफलाइन करा सकते हैं, लेकिन इनमें कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से करना होगा।

ऑनलाइन पढ़ाई व मासिक परीक्षा पर जोर

एकेडमिक कैलेंडर में माहवार की जाने वाली शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई है। क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है इसलिए अगस्त से मार्च तक की माहवार गतिविधियों का जिक्र है। इससे पहले के महीनों का जिक्र नहीं है। एकेडमिक कैलेंडर में ऑनलाइन पढ़ाई और हर महीने ऑनलाइन मासिक परीक्षा कराने पर जोर दिया गया है। यदि स्थिति थोड़ी सामान्य हुई तो स्कूलों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऑफलाइन कैंपस की कक्षाएं करने का निर्देश दिया जाएगा। 

नया शैक्षिक पंचांग बनकर तैयार है। जल्द यूपी बोर्ड की तरफ से इसे जारी कर दिया जाएगा। नया पंचांग कोरोना संक्रमण को देखते हुए तैयार किया गया है। स्कूलों को इसका अनुसरण करना होगा। -डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मार्च से, ऑनलाइन मिलेंगे एडमिट कार्ड, एकेडमिक कैलेंडर में हो रहा बदलाव

यूपी बोर्ड की 2021 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं फरवरी के बजाय मार्च में होंगी। कोरोना महामारी को देखते हुए बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है। इसी क्रम में छात्रों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी होंगे। वहीं, मार्च-अप्रैल में ही स्कूलों को अपनी गृह परीक्षाएं समाप्त कर परिणाम जारी करने होंगे।

एक बार ही होगी प्री-बोर्ड परीक्षा

 नए एकेडमिक कैलेंडर के तहत हाईस्कूल और इंटर के छात्रों के लिए इस बार प्री-बोर्ड परीक्षा एक बार ही होगी, जो पहले दो बार हुआ करती थी। जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षा कराने का प्रस्ताव है। वहीं दिसंबर व जनवरी में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

प्री-बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर समीक्षा की जाएगी। वहीं एकेडमिक कैलेंडर में सभी जयंती व प्रमुख दिवसों पर छात्रों के बीच ऑनलाइन गतिविधियां कराने के निर्देश हैं। एनसीसी, स्काउट-गाइड व खेलकूद गतिविधियां ऑफलाइन करा सकते हैं, लेकिन इनमें कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से करना होगा।

ऑनलाइन पढ़ाई व मासिक परीक्षा पर जोर

एकेडमिक कैलेंडर में माहवार की जाने वाली शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई है। क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है इसलिए अगस्त से मार्च तक की माहवार गतिविधियों का जिक्र है। इससे पहले के महीनों का जिक्र नहीं है। एकेडमिक कैलेंडर में ऑनलाइन पढ़ाई और हर महीने ऑनलाइन मासिक परीक्षा कराने पर जोर दिया गया है। यदि स्थिति थोड़ी सामान्य हुई तो स्कूलों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऑफलाइन कैंपस की कक्षाएं करने का निर्देश दिया जाएगा। 

नया शैक्षिक पंचांग बनकर तैयार है। जल्द यूपी बोर्ड की तरफ से इसे जारी कर दिया जाएगा। नया पंचांग कोरोना संक्रमण को देखते हुए तैयार किया गया है। स्कूलों को इसका अनुसरण करना होगा। -डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं मार्च से, ऑनलाइन मिलेंगे एडमिट कार्ड, एकेडमिक कैलेंडर में हो रहा बदलाव

यूपी बोर्ड की 2021 की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं फरवरी के बजाय मार्च में होंगी। कोरोना महामारी को देखते हुए बोर्ड के एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है। इसी क्रम में छात्रों को ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी होंगे। वहीं, मार्च-अप्रैल में ही स्कूलों को अपनी गृह परीक्षाएं समाप्त कर परिणाम जारी करने होंगे।

एक बार ही होगी प्री-बोर्ड परीक्षा

 नए एकेडमिक कैलेंडर के तहत हाईस्कूल और इंटर के छात्रों के लिए इस बार प्री-बोर्ड परीक्षा एक बार ही होगी, जो पहले दो बार हुआ करती थी। जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षा कराने का प्रस्ताव है। वहीं दिसंबर व जनवरी में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

प्री-बोर्ड परीक्षा परिणाम के आधार पर समीक्षा की जाएगी। वहीं एकेडमिक कैलेंडर में सभी जयंती व प्रमुख दिवसों पर छात्रों के बीच ऑनलाइन गतिविधियां कराने के निर्देश हैं। एनसीसी, स्काउट-गाइड व खेलकूद गतिविधियां ऑफलाइन करा सकते हैं, लेकिन इनमें कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से करना होगा।

ऑनलाइन पढ़ाई व मासिक परीक्षा पर जोर

एकेडमिक कैलेंडर में माहवार की जाने वाली शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों की जानकारी दी गई है। क्योंकि एकेडमिक कैलेंडर में बदलाव किया जा रहा है इसलिए अगस्त से मार्च तक की माहवार गतिविधियों का जिक्र है। इससे पहले के महीनों का जिक्र नहीं है। एकेडमिक कैलेंडर में ऑनलाइन पढ़ाई और हर महीने ऑनलाइन मासिक परीक्षा कराने पर जोर दिया गया है। यदि स्थिति थोड़ी सामान्य हुई तो स्कूलों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऑफलाइन कैंपस की कक्षाएं करने का निर्देश दिया जाएगा। 

नया शैक्षिक पंचांग बनकर तैयार है। जल्द यूपी बोर्ड की तरफ से इसे जारी कर दिया जाएगा। नया पंचांग कोरोना संक्रमण को देखते हुए तैयार किया गया है। स्कूलों को इसका अनुसरण करना होगा। -डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

यूपी बोर्ड :आज से मिलेंगे 10वीं- 12वीं के डिजिटल अंकपत्र

बच्चों को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अंकपत्र सह प्रमाणपत्र छपवाकर भेजा जाएगा। कोरोना से हार्ड कॉपी भेजने में हो रही अड़चन को देखते हुए डिजिटल प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है।