ELECTION- 2019 स्मार्ट तकनीक के उपयोग से होगा 2019 का लोकसभा चुनाव, निर्वाचन आयोग ने कसी कमर

 नई दिल्ली। आगामी चुनाव के लिहाज से राजनीतिक दलों की तैयारियों के साथ चुनाव आयोग ने भी चुनाव कार्यक्रम को लेकर कमर कस ली है। कुछ ही दिनों में शुरु होने जा रहे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने नागरिकों को उनके नाम, नए पंजीयन, ब्यौरे में बदलाव और मतदाता पहचान पत्र में सुधार करने के लिए मतदाता पुनरीक्षण और सूचना कार्यक्रम (वीवीआईपी) को देश भर में लांच किया है। निर्वाचन आयोग ने इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न माध्यमों की शुरूआत करते हुए, देश के सभी जिलों में संपर्क केंद्र भी बनाए हैं।

चुनाव में ज्यादा से ज्यादा जन मानस की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने मतदाताओं को चुनाव से जुड़ी किसी भी प्रकार की मदद के लिए हेल्प लाइन नम्बर 1950 उपलब्ध करवाया है। साथ ही देश के सभी संपर्क केंद्रों में वोटरों से जुड़ी नवीनतम जानकारी भी उपलब्ध करवाने का फैसला किया है।

आयोग ने चुनाव से जुड़े अपने अधिकारियों को याद दिलाया है कि आयोग इस चुनाव को अधिक समावेशी बनाना चाहता है, साथ ही आयोग ने कहा है कि एप्प के उपयोग से तत्काल जवाब को सुनिश्चित किया जाना चाहिए क्योंकि नागरिक बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाएं चाहते हैं।

निर्वाचन आयोग ने लांच की ‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प और पीडब्ल्यूडी एप्प

आयोग ने इस मौके पर एंड्राएड आधारित ‘वोटर हेल्पलाईन’ एप्प को भी लांच किया है, ताकि नागरिक एप्प के जरिए ही विभिन्न सुविधा जैसे मतदाता सूचि में अपना नाम ढूंढना, ऑनलाइन फार्म जमा करना, आवेदन की स्थिति जानना जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

इस मोबाइल एप्प पर सभी फार्म, चुनाव परिणाम, उम्मीदवारों का शपथ पत्र, मतदाता जागरूकता और प्रमुख दिशा निर्देश भी उपलब्ध करवाए गए है। वहीं दूसरी ओर आयोग ने दिव्यांगजनों के लिए पीडब्ल्यूडी एप्प को लांच किया है। जिसके माध्यम से दिव्यांगजन अपनी पहचान पंजीकृत कर सकेंगे। इस एप्प से देश के दिव्यांग वोटर नया पंजीयन कर सकने के साथ ही पते और अन्य ब्यौरे में बदलाव भी कर सकते हैं।

संपर्क ब्यौरा देने के बाद बूथ स्तर का अधिकारी उन्हें घर पर सुविधा प्रदान करेगा। चुनाव के दौरान दिव्यांगजन व्हीलचेयर की मांग भी कर सकते हैं।

चुनाव आयोग का मानना है कि मौजूदा दौर में सभी को तकनीक की ताकत और इसके उपयोग को समझाना होगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के अनुसार तकनीक वास्तव में इस चुनाव में एक प्रमुख गेम चेंजर साबित होगी।

पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में अधिकारियों में जानकारी के अभाव के चलते नकारात्मक प्रचार झेल चुका चुनाव आयोग इस बार किसी प्रकार की कोताही नही बरतना चाहता और पिछली शिकायतों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने चुनाव के संचालन में सूचना और संचार तकनीक के उपयोग पर प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का भी आयोजन किया है।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग के द्वारा नवीनतम तकनीक के उपयोग से चुनावी गतिविधियों में नवीनता आई है। चुनावों के प्रभावी संचालन के लिए निर्वाचन आयोग ने स्मार्ट तकनीक का उपयोग करना सुनिश्चित किया है।

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