25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश, आधा फसाना आधा सच, सच देखने के लिए अभी क्लिक करें

25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश

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उक्त भाग बेसिक शिक्षा विभाग के शैक्षिक कैलेंडर 2020-21/2021-2022 का है, जिसपे शीतकालीन अवकाश व ग्रीष्मकालीन अवकाश का विवरण है, देखने के पश्चात स्वयं विचार करें और हमें भी बताएं।।

वायरल खबर का सच:- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने न्यूज़ पेपर की खबर को बताया फर्जी

Big Breaking news,खुशखबरी- 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश, शिक्षकों में बनी हुई थी भ्रम की स्थिति, विभाग ने जारी शैक्षिक कैलेंडर,देखें

big breaking news,खुशखबरी- 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश, शिक्षकों में बनी हुई थी भ्रम की स्थिति, विभाग ने जारी शैक्षिक कैलेंडर,देखें क्या है सच्चाई

25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश, शिक्षकों में बनी हुई थी भ्रम की स्थिति, विभाग ने जारी शैक्षिक कैलेंडर

प्रतापगढ-आदरणीय ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी से हुई वार्ता के क्रम में बताया गया है कि यह न्यूज जो शीतवकाश के संदर्भ में पेपर में छपी है, पूर्णतया भ्रामक और गलत है,शासन से शीतवकाश के सम्बंध में जो भी निर्णय लिया है उसी अनुसार अवकाश होंगे।

प्रतापगढ़: बेसिक शिक्षा के लगभग 11000 शिक्षकों, अनुदेश को और शिक्षामत्रों के लिए खुशखबरी है। शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक का अवकाश इसी साल से लागू होगा। जिले की प्राइमरी और मिडिल स्कूल 25 दिसंबर से बंद हो ।

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षा सत्र के प्रारंभ में शैक्षिक कैलेंडर जारी कर 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है हालांकि 15 दिन के अवकाश को मई में जोड़ा गया है । सच्ची कैलेंडर में अवकाश घोषित होने के बाद भी शिक्षकों में या भ्रम की स्थिति थी कि यह अवकाश अगले शिक्षा सत्र के लिए है। जबकि इन दिन बच्चों के लिए स्कूल पूरी तरह बंद है, मगर शिक्षकों शिक्षिकाओं, अनुदेश को शिक्षा मित्रों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है । बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अवकाश की यह तालिका इसी वर्ष से लागू होगी। इसीलिए 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक सभी परिषदीय स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे । 11 जनवरी से शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक होगी ।

बेसिक स्कूलों में शिक्षिकाओं की दो व शिक्षकों की पांच साल की पिछड़े क्षेत्र में सेवा पर ही तबादला, आवेदन प्रकिया शुरू

बेसिक स्कूलों में शिक्षिकाओं की दो व शिक्षकों की पांच साल की पिछड़े क्षेत्र में सेवा पर ही तबादला, आवेदन प्रकिया शुरू

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत उन्हीं शिक्षिकाओं को दूसरी बार अंतर जिला तबादले का लाभ मिलेगा, जिन्होंने पिछड़े क्षेत्र में अनिवार्य रूप से दो साल की सेवा पूरी कर ली है। इसी तरह शिक्षकों के लिए पांच साल तक पिछड़े क्षेत्र में सेवा करना अनिवार्य किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर परिषद ने शुक्रवार से आनलाइन आवेदन लेना शुरू कर दिया है। सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भी इसके निर्देश भेजे गए हैं। परिषदीय स्कूल शिक्षकों की अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया दिसंबर, 2019 से चल रही है।

परिषदीय विद्यालयों में अंतरजनपदीय स्थानांतरण के लिए शुक्रवार को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई। ऑनलाइन आवेदन से पहले सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि आवेदन में पुरुष अध्यापकों में पांच वर्ष की सेवा एवं महिला अध्यापकों में दो वर्ष की सेवा पूरी करने वालों को स्थानांतरण का लाभ दिया जाएगा।

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि शिक्षिकाएं जो विवाह के पूर्व स्थानांतरण का लाभ ले चुकी हैं, दोबारा स्थानांतरण का लाभ ले सकेंगी। महिला एवं पुरुष अभ्यर्थी 18 से 21 दिसंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से कहा गया है कि आवेदन के बाद 22 से 24 दिसंबर के बीच जनपद स्तर पर काउंसलिंग एवं ऑनलाइन सत्यापन होगा। 26 दिसंबर को बीएसए की ओर से काउंसलिंग के बाद डाटा लॉक किया जाएगा। एनआईसी की ओर से अर्ह आवेदन पत्रों के आधार पर 26 दिसंबर को सूची तैयार की जाएगी। 29 दिसंबर को एनआईसी की ओर से तैयार सूची का परीक्षण होगा। 30 दिसंबर को स्थानांतरण की सूची का प्रकाशन होगा।

25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश

25 दिसंबर से 10 जनवरी तक परिषदीय विद्यालय में अवकाश, शिक्षकों में बनी हुई थी भ्रम की स्थिति, विभाग ने जारी शैक्षिक कैलेंडर, जानिए क्या है पूरी खबर और किसने किया है इसे प्रकाशित

प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग के लगभग 11 हजार शिक्षकों, अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों के लिए खुशखबरी है। शैक्षिक कैलेंडर के अनुसार 25 दिसंबर से 10 जनबरी तक का अवकाश इसी साल से लागू होगा। जिले के प्राइमरी और मिडिल स्कूल 25 दिसंबर से बंद होंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा सत्र के प्रारंभ में शैक्षिक कैलेंडर जारी कर 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है| हालांकि 15 दिन के अवकाश को मई में जोड़ा गया है। शैक्षिक कैलेंडर में अवकाश घोषित होने के बाद भी शिक्षकों में यह भ्रम की स्थिति थी कि यह अवकाश अगले शिक्षा सत्र के लिए हैं। जबकि इन दिनों बच्चों के लिए स्कूल पूरी तरह बंद हैं, मगर शिक्षकों-शिक्षिकाओं , अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अवकाश की यह तालिका इसी वर्ष से लागू होगी। इसलिए 25 दिसंबर से 10 जनवरी तक सभी परिषदीय स्कूल पूरी तरह बंद रहेंगे। 11 जनवरी से शिक्षकों की उपस्थिति आवश्यक होगी।
अभी-अभी:-

प्रतापगढ-आदरणीय ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी से हुई वार्ता के क्रम में बताया गया है कि यह न्यूज जो शीतवकाश के संदर्भ में पेपर में छपी है, पूर्णतया भ्रामक और गलत है,शासन से शीतवकाश के सम्बंध में जो भी निर्णय लिया है उसी अनुसार अवकाश होंगे।

माध्यमिक विद्यालयों तथा कई जनपदों में परिषदीय विद्यालयों में रहेगा 19 दिसंबर का अवकाश, कार्यकारी आदेशों के अंतर्गत रहेगा अवकाश

गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस के उपलक्ष्य में 19 दिसम्बर को रहेगा अवकाश, देखें अवकाश तालिका
👉 गुरु तेग बहादुर सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में शनिवार को सभी शिक्षकों का अवकाश रहेगा।
– बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय कन्नौज से सूचना प्राप्त हुई है।

मैनपुरी : 69000 के नवनियुक्त शिक्षकों का सत्यापन उपरांत वेतन आदेश जारी, देखें आदेश

मैनपुरीb: 69000 के नवनियुक्त शिक्षकों का सत्यापन उपरांत वेतन आदेश जारी, देखें आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार: कोविड-19 वायरस की वैक्सीन लगना प्रस्तावित , देखें आदेश👇

कोविड-19 वायरस की वैक्सीन लगना प्रस्तावित हो गया है इसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत सभी कर्मी भली-भांति जानते है की बर्तमान में कोरोना वैश्विक महामारी प्रचलन में है एवं इसको रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं इसी क्रम में माह दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के प्रारंभ में कोर्ट कोविड-19 वायरस की वैक्सीन लगना प्रस्तावित है।

प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय, फर्जी डिग्री के आधार पर पाई नौकरी

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल काे सौंप चुकी है।
वाराणसी । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में करीब 700 शिक्षकों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। इनका चयन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री के आधार पर हुआ है। इनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट विशेष अनुसंधान दल को सौंप दी है। ऐसे में माना जा रहा कि फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों की दो माह में बर्खास्तगी हो सकती है।

बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में बड़ी संख्या में संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षक नियुक्त हैं। चयन के समय विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया था। रिपोर्ट में व्यापक हेराफेरी की शिकायत मिली थी। इसमें एक शिक्षक का पहले फर्जी फिर बाद में उसका प्रमाणपत्र वैध घोषित कर दिया गया था। इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी थी। वहीं व्यापक पैमाने पर सत्यापन में हेराफेरी को देखते हुए शासन ने जांच एसआइटी को सौंपी। एसआइटी ने नए सिरे से शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया है।

तीन वर्ष से जारी एसआइटी की जांच
तीन सालों में करीब 15 से अधिक बार एसआइटी की टीम विश्वविद्यालय का दौरा कर चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन उसे अंकचिट, टीआर सहित तमाम दस्तावेजों को उपलब्ध भी करा चुका है। प्रमाणपत्रों के वहीं जल्द सत्यापन के लिए एसआइटी का विश्वविद्यालय पर दबाव था। जिसका असर रहा कि 75 में 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट एसआइटी को मिल चुकी है। वहीं दो जिलों की रिपोर्ट इस माह के अंत तक भेजने का निर्णय लिया गया है। सत्यापन में करीब सात सौ में शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी निकले हैं। ऐसे इनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है।

दस वर्ष के प्रमाणपत्र जांच की जद में
मुख्य रूप से संस्कृत विवि से जारी दस साल के प्रमाणपत्र जांच की जद में हैं, जिन शिक्षकों ने वर्ष 2004 से 2014 तक का अंकपत्र, प्रमाणपत्र लगाया था एसआइटी ने उन्हीं के प्रमाणपत्रों का दोबारा सत्यापन कराया। इसमें पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा, (इंटर), शास्त्री (स्नातक), बीएड के प्रमाणपत्र शामिल हैं।
फर्जी डिग्री मिली है
फर्जीवाड़े की जांच अब अंतिम चरण में है। संस्कृत विवि ज्यादातर जिलों की सत्यापन रिपोर्ट सौंप चुका है। जिसमें सूबे के 700 से अधिक शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली है। कुछ जिलों की सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। विवि जैसे ही हर जिले की रिपोर्ट सौंप देगा एक सप्ताह में कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति कर दी जाएगी। – विनोद कुमार सिंह, इंस्पेक्टर, विशेष अनुसंधान दल
अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी
75 जिलों के करीब चार-पांच हजार शिक्षकों के अंकपत्रों का प्रमाणपत्रों का सत्यापन चुनौती थी। एक जिले से 50-50 शिक्षकों के अंकपत्रों का सत्यापन करना था। रिपोर्ट सावधानी से तैयार कराई गई है। रिकार्ड से मिलान कराया ताकि चूक न हो। दो जिलों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन लंबित है। उसकी रिपोर्ट सप्ताहभर में मिलेगी। – प्रो. राजाराम शुक्ल, कुलपति, संविवि
डिग्री की जांच
● 75 जिलों के शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन होना था● 71 जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूर्ण● 15 बार संविवि का दौरा किया एसआइटी ने सत्यापन को लेकर● 10 वर्ष यानी 2004-14 तक के प्रमाणपत्रों का हुआ सत्यापन

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बेसिक शिक्षा विभाग:- जनपदों में चयनित SRG एवं ARP के कार्य आवंटन के संबंध में महानिर्देशक का आदेश

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