पति-पत्नी सरकारी सेवा में तो एक की लगेगी चुनाव ड्यूटी के सम्बन्ध में, विभाग को दी जाने वाली एप्लीकेशन के फ़ॉर्मेट की कॉपी की pdf डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें

पति-पत्नी सरकारी सेवा में तो एक की लगेगी चुनाव ड्यूटी के सम्बन्ध में, विभाग को दी जाने वाली एप्लीकेशन के फ़ॉर्मेट की कॉपी की pdf डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें

चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को भी लगेगी सतर्कता डोज ,जाने क्या है वैक्सीनेशन की गाइडलाइन

लखनऊ। कोरोना से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को भी प्रिकाशन (सतर्कता) डोज लगाई जाएगी। हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बीमार लोगों के साथ ही इन्हें भी वैक्सीन की सतर्कता डोज लगाई जाएगी। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से सभी जिलों के डीएम व सीएमओ को विस्तृत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

15 वर्ष से 18 वर्ष के किशोर वैक्सीन लगवाने के लिए एक जनवरी से पंजीकरण करा सकेंगे और तीन जनवरी 2022 से इन्हें टीका लगाया जाएगा। इस आयु वर्ग के लोगों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी। प्रदेश में 15 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र के 1.40 करोड़ किशोर हैं। यह आनलाइन पंजीकरण के साथ-साथ टीकाकरण केंद्रों पर जाकर भी अपना पंजीकरण करा सकेंगे। इसके लिए टीकाकरण केंद्रों पर अलग काउंटर तैयार किए जा रहे हैं।

वहीं 20 लाख हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर व 60 वर्ष से अधिक उम्र के 37.54 लाख बीमार लोगों को सतर्कता डोज लगाई जाएगी। इस तरह कुल 57.54 लाख लोगों को सतर्कता डोज 10 जनवरी 2022 से लगना शुरू होगी। बीमार बुजुर्गों को सतर्कता डोज लगवाने के लिए डाक्टर के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी। ऐसे हेल्थ केयर व फ्रंटलाइन वर्कर जो कोविन पोर्टल पर सामान्य नागरिक के रूप में पंजीकृत हैं, उन्हें अपना रोजगार प्रमाण पत्र दिखाने पर सरकारी टीकाकरण केंद्र पर वैक्सीन की सतर्कता डोज लगाई जाएगी। नौ महीने या 39 सप्ताह के बाद यह डोज लगाई जाएगी। प्रदेश में करीब 16 हजार से अधिक टीकाकरण केंद्र हैं।

चुनाव ड्यूटी से पहले हलफनामा देना होगा, सरकारी डॉक्टर, टीचर, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगेंगे :- तीन साल से एक जगह जमे अफसरों की चुनाव ड्यूटी नहीं

प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में ड्यूटी करने वाले सभी अफसरों व कार्मिकों को एक घोषणा पत्र भरना होगा। नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दाखिल किये जाने वाले इस घोषणापत्र में इन अफसरों व कार्मिकों को अपनी तरफ से यह घोषित करना पड़ेगा कि उनका मौजूदा चुनाव में खड़े किसी उम्मीदवार से उनका किसी भी तरह का कोई निकट संबंध नहीं है। न ही वे राज्य या जिला स्तर पर किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं।

यही नहीं, इस घोषणा पत्र में उन्हें यह भी लिखना पड़ेगा कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चल रहा है। यह निर्देश केन्द्रीय चुनाव आयोग ने जारी किये हैं। इन निर्देशों के अनुसार इनमें से अगर कोई भी जानकारी गलत पायी गयी तो सम्बंधित अफसर या कार्मिक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव में ऐसा कोई अफसर तैनात नहीं होगा जो वर्तमान में अपने गृह जनपद में तैनात है या फिर एक ही जिले में उक्त अफसर ने पिछले चार वर्षों में से तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है या फिर आगामी 31 मार्च 2022 को उस जिले में उसकी तैनाती के तीन साल पूरे हो रहे हैं। आयोग के यह निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी या चुनाव सम्बंधी किसी कार्य के लिए तैनात नोडल अधिकारी पर लागू होंगे। यही नहीं, आयोग के ये निर्देश एडीएम, उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, विकास खंड अधिकारी आदि पर लागू माने जाएंगे।
आयोग के यह निर्देश चुनाव के दौरान सुरक्षा की ड्यूटी पर तैनात होने वाले पुलिस विभाग के आईजी, डीआईजी, एसएचओ, इन्सपेक्टर, सब इन्सपेक्टर आदि पर भी लागू होंगे। आयोग ने यह भी कहा है कि चुनाव ड्यूटी में ऐसे सब इसंपेक्टर नहीं लगाए जाएंगे जिनकी तैनाती उनके अपने गृह जनपद में है। ऐसे पुलिस कर्मी जो एक पुलिस सब डिवीजन में पिछले चार वर्षों में से तीन साल से लगातार तैनात हैं उनको भी चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा।


सरकारी डॉक्टर, टीचर, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगेंगे
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी यह मंशा कतई नहीं है कि चुनाव के नाम पर बड़े पैमाने पर अफसरों व कर्मचारियों के तबादले किये जाएं। डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्रधानाचार्य आदि जिनका चुनाव से सीधा कोई सम्बंध नहीं है, चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाए जाएंगे। आयोग ने यह भी कहा है कि यदि ऐसे किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ राजनीतिक पक्षपात की शिकायत जांच में सही पायी जाती है तो न केवल तत्काल उसका तबादला किया जाएगा बल्कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। वोटर लिस्ट के संक्षिप्त पुनरीक्षण में लगे अधिकारियों व कार्मिकों को तब तक स्थानांतरित नहीं किया जा सकेगा जब तक वोटर लिस्ट का फाइनल ड्राफ्ट प्रकाशित न हो जाए, अगर ऐसा करना अपरिहार्य होता है तो फिर उस मामले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आयोग से अनुमति लेनी होगी।

नौकरी-मुआवजा पाएंगे सभी मृतक आश्रित – चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

लखनऊ: चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले शिक्षक व अन्य कार्मिकों की वास्तविक संख्या को लेकर खींचतान मची थी। इस बीच योगी सरकार ने राहत भरा कदम उठाया है। किसी भी मृत कार्मिक के स्वजन नौकरी और मुआवजे से वंचित नहीं रहेंगे। राहत का दायरा सीमित कर रही राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन को बदलने के लिए आयोग के साथ सरकार की कवायद शुरू हो चुकी है।

हाल ही में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान कई कार्मिकों की मृत्यु भी हो गई। इन कार्मिकों की संख्या को लेकर सरकार, शिक्षक संगठन और विपक्ष के अलग-अलग दावे हैं। मुद्दा यह भी उठा कि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन में चुनाव ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले ही मुआवजे आदि का लाभ ले पा रहे हैं, जबकि कोरोना की परिस्थिति अलग है। कोई संक्रमित ड्यूटी के दौरान हुआ और बाद में उसकी मृत्यु हुई तो उसके आश्रितों को राहत देने के बीच में आयोग की पुरानी गाइडलाइन आड़े आ रही है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार को मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु हुई या जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, उन सभी के आश्रितों को मदद मिलनी चाहिए। गाइडलाइन पुरानी है अब इस पर नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। योगी ने निर्देश दिया कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग से आख्या ली जाए। सीएम ने कहा है कि इनके बच्चे राज्य की संपत्ति हैं। ऐसे अनाथ और निराश्रित बच्चों की देखभाल के लिए कार्ययोजना तैयार करें।

’चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले सभी कार्मिकों के आश्रितों के हित में योगी सरकार का कदम

’राज्य निर्वाचन आयोग की पुरानी गाइडलाइन्स से सीमित मृतक आश्रित पा रहे राहत

मृतक आश्रितों को तुरंत मिले अनुग्रह राशि और मुआवजा

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा है कि कोविड संक्रमण के नियंत्रण एवं बचाव के लिए ड्यूटी के समय संक्रमित होने से कुछ कर्मियों की दु:खद मृत्यु भी हुई है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे कर्मियों के स्वजन के लिए अनुमन्य अनुग्रह राशि और एक आश्रित को नियमानुसार नौकरी देने की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करें। यदि कार्यवाही विभाग या शासन स्तर पर की जानी है तो अपनी आख्या भी तत्काल संबंधित विभाग को भेजें।

उ0प्र0 सरकार – बदली जाए गाइडलाइंस, निर्वाचन आयोग से होगी बातचीत, चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की मौत पर बवाल

🔴 चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों की मौत पर बवाल
🔴 विपक्ष ने उठाया मुद्दा तो हरकत में आई सरकार

पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचर्स की कोरोना से मौत हुई, उनके परिवारों को मिले मुआवजा और सरकारी नौकरी- CM योगी का आदेश

सीएम योगी ने आदेश जारी किया कि पंचायत चुनाव इलेक्शन ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर मुआवजा और सरकारी नौकरी दिलाई जाए.
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण से सैंकड़ों टीचरों की मौत (UP panchayat election teachers death) के मामले में अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को गुरुवार को आदेश दिया कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उनके परिवार को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर न सिर्फ मुआवजा दिलाया जाए बल्कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए.

सीएम ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई मौतों को लेकर उन्हें बेहद अफ़सोस है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदना ऐसे हर परिवार के साथ है. शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है.

सीएम योगी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी व्यक्ति कोरोना के कारण दिवंगत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए. सीएम योगी ने कहा- क्योंकि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जब जारी हुई थी उस समय कोरोना नहीं था इसलिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इलेक्शन ड्यूटी के कारण जिन कर्मियों को संक्रमण हुआ और बाद में जिनकी मौत हुई, उन सभी को नियमानुसार मुआवजा देने के संबंध में चुनाव आयोग से बातचीत की जाए.

इससे पहले उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचायत चुनावों ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों और कर्मचारियों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है.

कल ही कहा था कि सिर्फ 3 की मौत हुई
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने साफ़ कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इसके अलावा विभाग के सचिव सत्य प्रकाश की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी मतगणना में लगे कर्मचारियों के अपने घर से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और फिर ड्यूटी समाप्त कर वापस घर पहुंचने के दौरान सिर्फ 3 कर्मचारियों की मौत को ही सच ठहराया गया था. सिर्फ इन तीन लोगों के परिवारों के लिए ही मुआवजे का भी ऐलान किया गया है.

सीएम योगी ने कहा- “प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है. उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए. चूंकि इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस पुरानी है, तब कोरोना नहीं था,अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है.”

आजमगढ़ में हुईं सबसे ज्यादा मौतें
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा के मुताबिक आजमगढ़ जिले में सबसे ज्यादा 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. प्रदेश के 23 ऐसे जिले हैं, जहां 25 से अधिक शिक्षकों-कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हुई है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप इन सभी मृत शिक्षकों/शिक्षामित्रों तथा अन्य कर्मचारियों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई.



उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की ड्यूटी के दौरान अभी तक सिर्फ 3 शिक्षकों जान गंवाने की बात कही तो दूसरी तरफ शिक्षक संघ का कहना है कि हमारे 1600 से ज्यादा शिक्षकों की मौत हुई है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्टिव हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को निर्देश दिया है कि वो राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर ऐसे हर कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता और नौकरी दिलाएं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत हुई।

अब चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत पर आश्रितों को मिलेगा 15 लाख तक का मुआवजा


अब चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत पर आश्रितों को मिलेगा 15 लाख तक का मुआवजा

FATEHPUR : लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2019 में दिव्यांग मतदाताओं की सहायता हेतु कंट्रोल रूम एवं कंट्रोल रूम का प्रभारी नियुक्त करना के संबंध में आदेश जारी 👇

FATEHPUR : गलत चुनाव ड्यूटी लगाने पर सीडीओ के निशाने में आए बीएसए, गर्भवती, सेवानिवृत्त, गैर जनपद जाने वालों की लग गयी ड्यूटी

फतेहपुर : गलत चुनाव ड्यूटी लगाने पर सीडीओ के निशाने में आए बीएसए, गर्भवती, सेवानिवृत्त, गैर जनपद जाने वालों की लग गयी ड्यूटी

मतदान प्रक्रिया के दौरान लापरवाही बरतने मामले में पीठासीन को नोटिस जारी 👇

मतदान प्रक्रिया के दौरान लापरवाही बरतने मामले में पीठासीन को नोटिस जारी, नहीं किया निर्देशों का पालन

FATEHPUR : दिव्यांग मित्र के रूप में मतदान स्थल पर D.el.ed शिक्षकों की तैनाती एवं दो फोटो उपलब्ध कराने के संबंध में आदेश जारी👇

मित्र के रूप में मतदान स्थल पर D.el.ed शिक्षकों की तैनाती एवं दो फोटो उपलब्ध कराने के संबंध में