दिनांक 13 मार्च 2023 से 31 मार्च 2023 के मध्य सभी जनपदों में विशेष निरीक्षण अभियान चलाए जाने के संबंध में महानिदेशक का आदेश।

दिनांक 13 मार्च 2023 से 31 मार्च 2023 के मध्य सभी जनपदों में विशेष निरीक्षण अभियान चलाए जाने के संबंध में महानिदेशक का आदेश।

आईना:- आए थे शिक्षक बनने, लेकिन स्कूलों में सफाई कर्मी, सत्यापन कर्मी, चपरासी, क्लर्क, माली, ठेकेदार व रसोई संभालने की गुणवत्ता खोजते खोजते शिक्षक ही खो गया….. पढ़ें बेसिक विभाग की सच्चाई

आईना:- आए थे शिक्षक बनने, लेकिन स्कूलों में सफाई कर्मी, सत्यापन कर्मी, चपरासी, क्लर्क, माली, ठेकेदार व रसोई संभालने की गुणवत्ता खोजते खोजते शिक्षक ही खो गया….. अनुराग मिश्रा अध्यक्ष अशोथर प्राथमिक शिक्षक संघ फतेहपुर

बीते 5 साल में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का न तो जिले के भीतर तबादला और न ही पदोन्नति

प्रयागराज : बीते पांच साल में बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का न तो जिले के भीतर तबादला हुआ और न ही पदोन्नति की आस पूरी हो सकी। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने जिले के अंदर एक से दूसरे विकास खंड में तबादले के लिए कई बार आश्वासन दिया लेकिन वास्तविकता में कुछ नहीं हुआ।

पिछले साल 23 अप्रैल को मंत्री ने ट्वीट कर शिक्षकों के जिले के भीतर जल्द तबादले की बात कही थी। फिर उसके बाद सात अगस्त को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में अगस्त में ही स्थानान्तरण करने के निर्देश दिए लेकिन न तो शासनादेश जारी हुआ और न ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकी।

शिक्षकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि उनका पद जिला कैडर का होने के बावजूद 2016 के बाद से जिले के भीतर ट्रांसफर नहीं हुआ जबकि इन पांच सालों के दौरान गैर जिले के शिक्षकों को दो बार अंतर जनपदीय तबादले का लाभ मिला। पहले जिले के अंदर हर साल स्थानांतरण होता था लेकिन 2016 के बाद से स्थानांतरण नहीं हुए।

कुछ गिनती के शिक्षकों को पारस्परिक ट्रांसफर का लाभ मिला। इस दौरान शिक्षकों को पदोन्नति भी नहीं मिली। जिले में मार्च 2009 से नियुक्त हजारों शिक्षक पदोन्नति के इंतजार में है। बेसिक शिक्षा परिषद के नियमों के मुताबिक नियुक्ति के तीन साल बाद पदोन्नति होनी चाहिए।

लेकिन प्रयागराज में आखिरी बार 2016 में फरवरी 2009 तक नियुक्त शिक्षकों को ही पदोन्नति मिल सकी है। पदोन्नति न होने के कारण प्रत्येक शिक्षक को हर महीने औसतन चार से पांच हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर एक परिसर में स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संविलियन कर देने से प्रधानाध्यापक के सैकड़ों पद कम हो गए। इससे शिक्षकों के पद्दोन्नति के अवसर भी कम हो गए।

इनका कहना है

पांच साल में सबसे अधिक शिक्षकों के हित प्रभावित हुए। जिले के अंदर स्थानांतरण पांच वर्षों से नहीं हुए जबकि पारस्परिक स्थानांतरण नई सरकार बनने के बाद दो बार हुए। शिक्षक का पद जिले कैडर का होता है। बाहरी जिलों से आए शिक्षकों से ज्यादा प्राथमिकता जनपद में पूर्व से नियुक्त शिक्षकों की होनी चाहिए किन्तु नियमावली के विरूद्ध अन्य जिलों से आए शिक्षक को प्राथमिकता दी गई।

अनिल राजभर, परिषदीय शिक्षक

जिले में मार्च 2009 से नियुक्त शिक्षकों को पदोन्नति नहीं मिल सकी है। हम लोगों का हर महीने औसतन चार से पांच हजार रुपये का नुकसान हो रहा है। नियमत: तीन साल के बाद पदोन्नति होनी चाहिए। लेकिन हजारों शिक्षक ऐसे हैं जिनका प्रमोशन नियुक्ति के पांच से 12 साल के बाद भी नहीं हुआ।

दीपक मिश्र, परिषदीय शिक्षक

l

बेसिक शिक्षा विभाग:- 16 जनवरी तक प्राथमिक विद्यालयों में भी रहेगा अवकाश सचिव द्वारा जारी हुआ आदेश

बेसिक शिक्षा विभाग:- 16 जनवरी तक प्राथमिक विद्यालयों में भी रहेगा अवकाश सचिव द्वारा जारी हुआ आदेश

बेसिक शिक्षा विभाग के कनिष्ठ सहायकों के हुए स्थानांतरण, देखें सूची

बेसिक शिक्षा विभाग के कनिष्ठ सहायकों के हुए स्थानांतरण, देखें सूची

बेसिक शिक्षा विभाग : ‘प्लास्टिक वेस्ट कचरा’ करेंगे एकत्र, हर विद्यालय को मिला टारगेट, देखें यह आर्डर

Plastic West Garbage ‘will be collected, every school got target

बेसिक शिक्षा विभाग : ‘प्लास्टिक वेस्ट कचरा’ करेंगे एकत्र, हर विद्यालय को मिला टारगेट, देखें यह आर्डर

बेसिक शिक्षा विभाग:1 अक्टूबर से बदल जाएगा परिषदीय विद्यालयों के संचालन का समय, देखें संबंधित आर्डर

बेसिक शिक्षा विभाग : 1 अक्टूबर से बदल जाएगा परिषदीय विद्यालयों के संचालन का समय, देखें संबंधित आर्डर

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के सवा लाख पद खाली, शिक्षक- छात्र औसत का पुनः निर्धारण को भी कहा

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के सवा लाख पद खाली, शिक्षक- छात्र औसत का पुनः निर्धारण को भी कहा, केंद्र ने खाली पदों को भरने के दिए निर्देश।

लखनऊ: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और प्रधानाध्यापकों के सवा लाख से अधिक पद खाली है भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने बेसिक शिक्षा परिषद में इन खाली पदों को भरने के लिए कहा है साथ ही इसे औसत के आधार पर सहायक अध्यापकों व प्रधानाध्यापकों के सवा लाख पदों को भरने के निर्देश दिए हैं।

केजीबीवी में भी 2715 पद खाली

प्रदेश में 878 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। इनमें वार्डन पूर्णकालिक शिक्षक,अंशकालिक शिक्षक, उर्दू शिक्षक, लेखाकार, मुख्य रसोइया, सहायक रसोइया व चौकीदार के कुल 11041 पद स्वीकृति हैं। जिनमे से 2715 पद खाली है।मंत्रालय ने इन स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए रिक्त पदों को भरने की संतुष्टि की है।

बिना छुट्टी के गायब शिक्षकों पर होगी विभागीय विभागीय कार्रवाई, आकस्मिक अवकाश लेकर शिक्षकों ने मंगलवार को किया था प्रदर्शन

बदायूँ: प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों का आंदोलन रोकने को एस्मा लगाई है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने आकस्मिक अवकाश लेकर आंदोलन किया मानव संपदा पोर्टल पर कितने शिक्षकों के आवेदन पहुंचे। इसकी जांच कराई जाएगी। बिना अवकाश के स्कूल से गायब मिलने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, बीएसए और खंड शिक्षा अधिकारियों के निरीक्षण में अधिकांश विद्यालय खुले मिले थे।

परिषदीय शिक्षकों ने मंगलवार को 21 सूत्रीय मांगों को लेकर बीतेमंगलवार को ब्लाक संसाधन केंद्रों पर प्रदर्शन किया था। शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को भी इसमें शामिल होने का आह्वान किया गया था। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में जिले में ब्लाक संसाधन केंद्रों पर शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षकों ने आंदोलन किया था। दावा किया गया था कि सामूहिक अवकाश लेकर विद्यालय बंद करके आंदोलन किया जाएगा। इसको लेकर जिला प्रशासन ने सख्त हिदायत दी थी कि कोई भी विद्यालय बंद नहीं होना चाहिए।  जहां शिक्षक अवकाश पर हों ऐसी जगहों
पर शिक्षामित्र विद्यालय संचालित करें। इसकी निगरानी के लिए बीएसए डा. महेंद्र प्रताप सिंह और खंड शिक्षा अधिकारियों ने विद्यालयों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में अधिकांश विद्यालय खुले मिले थे। अब इस बात की जांच कराई जा रही है कि कौन शिक्षक बिना अवकाश लिए आंदोलन में शामिल हुए थे। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बीएसए ने बताया कि निरीक्षण में विद्यालय खुले मिले थे। बिना अवकाश लिए जो लोग धरना प्रदर्शन में शामिल हुए हैं उनकी जांच कराई जा रही है, विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

सवा लाख प्रधानाध्यापकों के पद समाप्त करने के खिलाफ आक्रोश

सवा लाख प्रधानाध्यापकों के पद चुनाव समाप्त करने के खिलाफ आक्रोश

प्रतापगढ़ : प्राइमरी स्कूल में सवा लाख प्रधानाध्यापकों के पश्चात समाप्त करने, 5 साल में किसी भी शिक्षक को प्रमोशन नहीं मिलने, शिक्षकों को मोबाइल लैपटॉप तथा इंटरनेट सुविधा दिए बिना ही ऑनलाइन था के लिए बात करने के विरोध में जिले के शिक्षक 14 सितंबर को बीआरसी पर धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।