अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में स्कूल खोलने के लिए सरकार ने अभिभावकों से मांगे सुझाव, अभिभावकों की यह बन रही राय

🛑 अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में स्कूल खोलने के लिए सरकार ने अभिभावकों से मांगे सुझाव,

🛑 covid-19 के लगातार बढ़ रहे मामले को देखते हुए अभिभावकों के मन में बच्चों को विद्यालय भेजने की गुंजाइश नहीं

🛑 online शिक्षण के नाम पर विद्यालय प्रबंधक द्वारा फीस की वसूली अभिभावकों को कर रही परेशान

🛑 कोरोना वायरस के चलते छात्रों का वर्ष व्यर्थ होने की स्थिति को देख अभिभावकों में चिंता

🛑 सरकार ने अभिभावकों से “विद्यालय के किस तरह की उम्मीद” पर भी पूछी है राय

🛑 किस महीने से अभिभावकों को होगी सुविधा इस बात पर भी देनी है अपनी राय

🛑 online शिक्षण व्यवस्था को दुरुस्त करना तथा विद्यालय प्रबंधन की कार्यसमिति सुधार भी अभिभावकों की पहली राय

UP BOARD RESULTS: 10वीं और 12वी में फेल छात्रों को मिलेगा एक और मौका:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था एनआईओएस की बड़ी पहल


10वीं और 12वी में फेल छात्रों को मिलेगा एक और मौका:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था एनआईओएस की बड़ी पहल

उच्च शिक्षा (New Delhi) : छात्रों की शिकायत पर अब 30 दिनों में होगा निपटारा, विवि और उच्च शिक्षण संस्थानों में पहली बार यूजीसी छात्र शिकायत प्रकोष्ठ रेगुलेशन-2018 लागू।

 छात्रों की शिकायत पर अब 30 दिनों में होगा निपटारा, विवि और उच्च शिक्षण संस्थानों में पहली बार यूजीसी छात्र शिकायत प्रकोष्ठ रेगुलेशन-2018 लागू।

Higher Education : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 47,223 सीटें बढ़ीं, 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत होगी बढ़ोतरी।

उच्च शिक्षा : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 47,223 सीटें बढ़ीं, 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत होगी बढ़ोतरी।

प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय विद्यालयों के बच्चों के लिए एप ‘स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ भारत’ किया लांच

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ‘स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ भारत’ कार्यक्रम के लिए फिटकेवियन एप लांच किया। इसके माध्यम से देश भर के 1199 केंद्रीय विद्यालयों के करीब 13 लाख बच्चों की फिटनेस का मूल्यांकन किया जा सकेगा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय स्कूली शिक्षा प्रणाली के लिए मिसाल हैं। जावड़ेकर गुरुवार को सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में दोनों स्कूलों के संयुक्त प्राचार्य महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसमें 1800 से अधिक प्राचार्यों ने भाग लिया।

स्कूल शिक्षा और साक्षरता की सचिव बीना रे ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन की जीआईएस वेबसाइट और मोबाइल एप भी लॉन्च किया। इस एप पर देश के सभी 1199 केन्द्रीय विद्यालयों की मैपिंग की गई है और केवी को एक क्लिक पर लोकेट किया जा सकता है।

यह एप एनआइसी और इएसआरआइ (स्ट्रीट, एरियल, सैटेलाइट, टेरेन, टोपो) के विभिन्न बेसमैप का चयन करना समेत विभिन्न सुविधाओं से लैस है। इस सुविधा को www.kvsgis.nic.in पर देखा जा सकता है। इस दौरान सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बोर्ड द्वारा शुरू किए गए विभिन्न परीक्षा सुधारों पर प्राचार्यों के साथ बातचीत की।

शोध छात्रों की फेलोशिप राशि मे 35% तक बढ़ोतरी, एक जनवरी 2019 से मिलेगी संशोधित फेलोशिप

शिक्षा विभाग :नवोदय विद्यालयों में TGT-PGT शिक्षकों की भर्ती समेत कई पदों पर निकली भर्तियां शुरू

निःशुल्क़ एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के मान व मानकों के आधार पर अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में जनशक्ति निर्धारण के सम्बन्ध में

स्कूलों में बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने में हिमाचल देशभर में दूसरे नंबर पर रहा है। #NITIAayog के मानकों पर खरा उतरते हुए प्रदेश ने 100 में से 82 अंक हासिल किए हैं।

 

स्कूलों में बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने में हिमाचल देशभर में दूसरे नंबर पर रहा है। नीति आयोग के मानकों पर खरा उतरते हुए प्रदेश ने 100 में से 82 अंक हासिल किए हैं। वहीं केरल अब भी पहले पायदान पर काबिज है। केरल ने 100 में से 87 अंक प्राप्त किए हैं। यह खुलासा नीति आयोग की रिपोर्ट में हुआ है।

जल्द ही प्रदेश के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। नीति आयोग ने स्कूलों में दी जा रही शिक्षा को लेकर पूरे देश में सर्वे किया था। इसमें क्वालिटी एजुकेशन को परखा गया। नीति आयोग के सर्वे में हिमाचल के स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक विद्यार्थियों की 92.87 फीसद एनरोलमेंट दर्ज की गई, जबकि छह से 13 साल तक के केवल 0.21 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल से बाहर हैं। इसके अलावा वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर 6.07 फीसद बच्चे स्कूल से बाहर पाए गए जो देश के सभी राज्यों से बेहतर है। इसमें हिमाचल को 100 फीसद अंक मिले हैं।

यही नहीं हिमाचल के स्कूलों में 95.75 फीसद शिक्षक पढ़ाने में पूरी तरह निपुण हैं और प्रशिक्षित हैं। यह शिक्षक शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मापदंडों को पूरा कर रहे हैं। प्रदेश के 96.10 फीसद स्कूलों में शिक्षक पूरे हैं। हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाए गए सभी कार्यक्रमों का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। सीखने के प्रतिफल के तहत शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। वहीं स्कूलों में भी इसे लागू किया गया। 55 फीसद तक यह कार्य पूरा हो चुका है। इससे पहले भी शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुका है।

क्वालिटी एजुकेशन में हिमाचल का दूसरे नंबर पर आना गर्व की बात है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश में बेहतर कार्य किया है। प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है। कुछ समय से क्वालिटी एजुकेशन पर ही फोकस किया गया है।