अब अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को सौगात की तैयारी, योगी सरकार 2.38 लाख को देगी

अब अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को सौगात की तैयारी, योगी सरकार 2.38 लाख को देगी

यूपी की योगी सरकार अब अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को सौगात देने जा रही है। यह सौगात इस साल शिक्षक दिवस पर दिया जाएगा। सरकार शिक्षकों को 2.38 लाख टैबलेट देगी। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू हो सकेंगे। इन नए स्मार्ट क्लासों में शिक्षक बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा सकें इसके लिए निपुण भारत मिशन के तहत अपर प्राइमरी स्कूलों के इन सभी शिक्षकों को अगले सप्ताह से ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।

स्मार्ट क्लास की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश को प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए इसके 2.38 लाख शिक्षकों को अगले माह शिक्षक दिवस के अवसर पर चरणबद्ध तरीके से टैबलेट देने का निर्णय किया है।

विभाग की ओर से इसके लिए प्रदेश के 22,260 अपर प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की तैयारियां भी शुरू करा दी गई है। साथ ही स्मार्ट क्लास निर्बाध रूप से संचालित हो इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण की तैयारियों को भी अन्तिम रूप दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए चयनित शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।

दूसरी तरफ टैबलेट क्रय की निविदा प्रक्रिया भी पूरी कराकर आगे की तैयारियां शुरू करा दी गई है। साथ ही प्रदेश के 3176 अपर प्राइमरी स्कूलों व 880 विकासखंडों में इसी साल शासन की निधि से आईसीटी लैब तैयार कराए जा रहे हैं।

यूपी की योगी सरकार अब अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को सौगात देने जा रही है। यह सौगात इस साल शिक्षक दिवस पर दिया जाएगा। सरकार शिक्षकों को 2.38 लाख टैबलेट देगी। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू हो सकेंगे। इन नए स्मार्ट क्लासों में शिक्षक बेहतर तरीके से बच्चों को पढ़ा सकें इसके लिए निपुण भारत मिशन के तहत अपर प्राइमरी स्कूलों के इन सभी शिक्षकों को अगले सप्ताह से ट्रेनिंग भी दिलाई जाएगी।_l

बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अपर प्राइमरी स्कूलों को स्मार्ट क्लास की तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश को प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए इसके 2.38 लाख शिक्षकों को अगले माह शिक्षक दिवस के अवसर पर चरणबद्ध तरीके से टैबलेट देने का निर्णय किया है।

विभाग की ओर से इसके लिए प्रदेश के 22,260 अपर प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास की तैयारियां भी शुरू करा दी गई है। साथ ही स्मार्ट क्लास निर्बाध रूप से संचालित हो इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण की तैयारियों को भी अन्तिम रूप दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए चयनित शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है।

दूसरी तरफ टैबलेट क्रय की निविदा प्रक्रिया भी पूरी कराकर आगे की तैयारियां शुरू करा दी गई है। साथ ही प्रदेश के 3176 अपर प्राइमरी स्कूलों व 880 विकासखंडों में इसी साल शासन की निधि से आईसीटी लैब तैयार कराए जा रहे हैं।

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनन्द की मानें तो निविदा प्रक्रियाओं को पूरा कराकर आगे की कार्रवाई जारी है। जल्द ही हमारे चयनित शिक्षकों के हाथों में टैबलेट होगा और अधिक से अधिक बच्चे स्मार्ट क्लास के माध्यम से स्मार्ट शिक्षा ग्रहण कर रहे होंगे।

विजय किरन कहते हैं कि प्रदेश के 2.38 लाख शिक्षकों के हाथों में टैबलेट पहुंचने के बाद प्रदेश की प्राइमरी शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय शुरू होगा। यूपी इस क्षेत्र में अन्य अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा दिखेगा।_l

ऑपरेशन कायाकल्प 2.0 के तहत प्रदेश में पहले से संचालित 4000 प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में तीन साल में कम्प्यूटर, साइंस लैब, लाइब्रेरी स्टॉफ रूम आदि की सुविधा के लिए विभाग की ओर से शासन को पहले ही प्रस्ताव भेजा जा चुका है। वहीं निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार के लिए चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट क्लास के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण जल्द शुरू करने की तैयारी है।

परिषदीय इंग्लिश मीडियम स्कूल होंगे हिंदी मीडियम

परिषदीय इंग्लिश मीडियम स्कूल होंगे हिंदी मीडियम

UP Basic Shiksha News: प्रत्येक परिषदीय स्कूल काे दिए जाएंगे दो-दो टैबलेट, उपस्थिति के साथ योजनाओं की होगी बेहतर निगरानी

 

UP News: प्रत्येक परिषदीय स्कूल काे दिए जाएंगे दो-दो टैबलेट, उपस्थिति के साथ योजनाओं की होगी बेहतर निगरानी

अब प्रत्येक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट की मदद से विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ योजनाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी। अभी इन स्कूलों में उपस्थिति मिड डे मील पाठ्य-पुस्तक वितरण पत्र व्यवहार व रखरखाव सहित 14 रजिस्टर डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे। विभिन्न योजनाओं का किन-किन विद्यार्थियों को लाभ मिला इसका रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा।

अब प्रत्येक परिषदीय स्कूल को दो-दो टैबलेट दिए जाएंगे। इस टैबलेट की मदद से विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ-साथ योजनाओं की बेहतर ढंग से निगरानी हो सकेगी। अभी इन स्कूलों में उपस्थिति, मिड डे मील, पाठ्य-पुस्तक वितरण, पत्र व्यवहार व रखरखाव सहित 14 रजिस्टर डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे। विभिन्न योजनाओं का किन-किन विद्यार्थियों को लाभ मिला, इसका रियल टाइम डाटा उपलब्ध हो सकेगा।

 

स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि 1.36 लाख परिषदीय स्कूलों को पहले चरण में 2.09 लाख टेबलेट भेजे जा रहे हैं। बाकी टैबलेट दूसरे चरण में स्कूलों में भेजे जाएंगे। स्कूलों के रजिस्टर तो डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे ही बल्कि शिक्षकों को इसके माध्यम से ऑनलाइन पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। सरल एप सहित कई जरूरी एप इस पर मौजूद रहेंगे।

 

निपुण लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के विद्यार्थियों की ओएमआर शीट पर परीक्षा लेने के बाद उसे स्कैन कर आसानी से अपलोड किया जा सकेगा। स्कूलों में एक टैबलेट प्रधानाध्यापक और दूसरा टैबलेट वरिष्ठ शिक्षक के पास रहेगा। टैबलेट पर बायोमेट्रिक उपस्थिति की भी व्यवस्था है। यानी किस-किस विद्यार्थी को पाठ्य पुस्तक सहित विभिन्न लाभ मिल रहे हैं, उसका पारदर्शी सत्यापन हो सकेगा।

विद्यार्थियों के आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिसे इससे लिंक किया जाएगा। फिलहाल, शिक्षकों की उपस्थिति के लिए अभी कोई व्यवस्था इस टैबलेट के माध्यम से दर्ज करने की नहीं है। आगे जरूरत के अनुसार फेशियल रिकाग्निशन सिस्टम यानी चेहरे को पहचानकर उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था होगी। फिर विद्यार्थियों के लिए भी बायोमेट्रिक की जगह प्रतिदिन स्कूल में उपस्थिति दर्ज करने के लिए यही व्यवस्था होगी।

मासिक समीक्षा बैठकों में न्यूनतम प्रदर्शन करने वाले 25 जनपदों का भौतिक निरीक्षण कर उत्तरदायित्व निर्धारित करने हेतु महानिदेशक सहित राज्य स्तरीय अधिकारियों की कोर टीम गठित

मासिक समीक्षा बैठकों में न्यूनतम प्रदर्शन करने वाले 25 जनपदों का भौतिक निरीक्षण कर उत्तरदायित्व निर्धारित करने हेतु महानिदेशक सहित राज्य स्तरीय अधिकारियों की कोर टीम गठित

शिक्षण की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु शिक्षकों का अन्यत्र विद्यालय में किया अटैचमेंट, देखें आदेश👇

शिक्षण की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु शिक्षकों का अन्यत्र विद्यालय में किया अटैचमेंट, देखें आदेश👇

FATEHPUR – 12 स्कूलों का बीएसए ने किया निरीक्षण, पांच अध्यापकों का रोका वेतन।

12 स्कूलों का बीएसए ने किया निरीक्षण, पांच अध्यापकों का रोका वेतन।

 

 

फतेहपुर :- परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षकों की लापरवाही लगातार जारी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने औचक निरीक्षण के दौरान मिली खामियों के चलते दो स्कूलों के समस्त स्टाफ पर कार्रवाई की है।

 

बीएसए ने दोनों स्कूलों में तैनात 4 शिक्षक और एक शिक्षामित्र समेत 5 कर्मियों का वेतन रोक दिया है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने देवमई विकासखंड के कुल 12 स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कम्पोजिट विद्यालय देवमई और कम्पोजिट विद्यालय धमौली में ढेर सारी कमियां पाई गई।

 

विद्यालय में तैनात शिक्षक गैरहाजिर मिले जिसके चलते बीएसए ने समस्त कर्मियों का अप्रैल माह का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। बीएसए की कार्यवाही से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान गैरहाजिर मिले शिक्षकों का वेतन रोकने की कार्यवाही कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने बताया औचक निरीक्षण लगातार जारी रहेगा लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

बेसिक शिक्षा विभाग- साइट हुई एक्टिव0,शिक्षक / शिक्षिकाओं द्वारा पदोन्नति पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु यहाँ क्लिक करें

साइट एक्टिव

शिक्षक / शिक्षिकाओं द्वारा पदोन्नति पोर्टल पर लॉगिन करने हेतु यहाँ क्लिक करें

https://basicparishad.upsdc.gov.in/

Click here 👆

बेसिक शिक्षा विभाग- बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गई परीक्षा की समय सारणी (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक) एवं मौखिक और लिखित परीक्षा फल हेतु सैंपल फॉर्मेट देखे व डाउनलोड करें।

बेसिक शिक्षा विभाग- बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी की गई परीक्षा की समय सारणी (प्राथमिक व उच्च प्राथमिक) एवं मौखिक और लिखित परीक्षा फल हेतु सैंपल फॉर्मेट देखे वह डाउनलोड करें।

परिषदीय वार्षिक परीक्षा 2023 मूल्यांकन

कक्षा. मौखिक. लिखित अं
1 50 0
2 25 25
3 25 25
4 15 35
5. 15 35
6. 0 50
7 0 50
8 0 50
मूल्यांकन उपरोक्तानुसार किया जाएगा।

‘बाबू’ बन गए परिषदीय शिक्षक, कैसे पढ़ाएं

बाबू’ बन गए परिषदीय शिक्षक, कैसे पढ़ाएं

फतेहपुर/खागा, आरटीई एक्ट के मुताबिक प्राथमिक शिक्षकों को चुनाव, जनगणना व आपदा कार्यों के अतिरिक्त अन्य गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जा सकते हैं लेकिन धरातल पर कानून का पालन होता नहीं दिख रहा है। बच्चों को शिक्षा देने की बजाए परिषदीय स्कूलों के शिक्षक इन दिनों अपने स्मार्टफोन से बाबुओं का काम करने में जुटे हैं। इन हालात में बच्चों की शिक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभिभावक भी शिक्षकों के ऐसे हालात की जानकारी पर अवाक हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग जब से अपने कामों को आनलाइन मोड में करने लगा है तब से अधिकांश बेसिक शिक्षक मोबाइल फोन पर व्यस्त मिलते हैं। डीबीटी, आधार सत्यापन, प्रेरणा पोर्टल, साक्षरता परीक्षा की फीडिंग व यू डायस में बच्चों का विवरण भरने से लेकर यू ट्यूब सेशन ज्वाइन करने जैसे काम शिक्षकों द्वारा किए जा रहे हैं। ऐसे में कैसे बच्चों को पढ़ाएंगे आसनी से समझा जा सकता है।

20 मार्च से वार्षिक गृह परीक्षाओं का आयोजन होना है लेकिन शिक्षकों के पास बच्चों को पढ़ाने के समय नहीं है। शिक्षक 19 मार्च को होने वाली साक्षरता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। एनआईएलपी ऐप पर निरक्षरों की फीडिंग, रजिस्ट्रेशन प्रपत्र भराने के साथ परीक्षा की तैयारी की जा रही है। 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा संभालने वाले शिक्षक अब 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की साक्षरता का कामकाज भी देख रहे हैं। यूडायस प्लस में बच्चों का आनलाइन विवरण भी काफी समय जाया कर रहा है।

बुुद्धिजीवी बोले, शिक्षकों पर लदे काम से कैसी शिक्षा

पूरे मामले पर बुुद्धिजीवी कहते हैं कि डीबीटी, आधार सत्यापन, प्रेरणा पोर्टल, साक्षरता परीक्षा की फीडिंग व यू डायस में बच्चों का विवरण भरने जैसे कायोको शैक्षणिक कार्य कैसे माना जा सकता है। इन कार्यों से बच्चों को कहां शिक्षा प्राप्त हो रही है। साफ तौर पर कहा कि पढ़ाई के अलावा शिक्षकों से कराए जा रहे कार्यों को क्लर्कों से कराया जाना चाहिए लेकिन अधिकांश बेसिक स्कूलों में क्लर्क छोड़िए, सफाईकर्मी व चपरासी भी नहीं हैं। ऐसे में केवल और केवल बच्चों की पढ़ाई ही प्रभावित हो रही है।

स्कूल में दाख‍िले का नियम बदला! केंद्र सरकार के निर्देश- न्यूनतम छह साल की उम्र में हो कक्षा-1 में दाख‍िला

स्कूल में दाख‍िले का नियम बदला! केंद्र सरकार के निर्देश- न्यूनतम छह साल की उम्र में हो कक्षा-1 में दाख‍िला

मंत्रालय ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे प्रवेश के लिए छात्र की आयु सीमा को नई श‍िक्षानीति के अनुरूप तय करें. बच्चे को छह वर्ष या उससे अधिक की आयु में कक्षा 1 में प्रवेश प्रदान करें.

नई श‍िक्षा नीति (NEP) के तहत सरकार ने प्राथम‍िक श‍िक्षा में पॉलिसी लेवल पर कई बदलावों की बात की थी. एनईपी में आंगनबाड़ी और प्राथमिक स्कूलों का रोल स्पष्ट किया गया है. इसमें पहली कक्षा में दाख‍िले की उम्र छह साल तय करने की बात की गई है. नई श‍िक्षा नीति को देश भर में लागू करने के लिए केंद्रीय श‍िक्षा मंत्रालय समय समय पर पहल कर रहा है. 

इसी क्रम में बुधवार 22 फरवरी को शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहली कक्षा में प्रवेश के लिए न्यूनतम उम्र छह साल तय करने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार, मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए पांच साल के सीखने के अवसर शामिल हैं, जिसमें तीन साल की प्री स्कूल एजुकेशन और फिर कक्षा 1 और 2 शामिल हैं. 

केंद्रीय श‍िक्षा मंत्रालय केएक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि श‍िक्षा नीति इस प्रकार प्री-स्कूल से कक्षा 2 तक के बच्चों के निर्बाध सीखने और विकास को बढ़ावा देती है. यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और एनजीओ में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन साल की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है.