स्थानांतरण:- परिषदीय शिक्षकों के तबादलों के लिए आनलाइन पोर्टल, दो चरणों में होंगे

परिषदीय शिक्षकों के तबादलों के लिए आनलाइन पोर्टल, दो चरणों में होंगे

शिक्षकों का पारस्परिक तबादला दो चरणों में पूरा होगा। इसमें यदि कोई शिक्षक तबादला चाहता है तो उसे पटल पर लागइन करके रजिस्टर कराना होगा, उसके संबंध में कैडर, वर्तमान विद्यालय, विकासखंड व जिला प्रदर्शित होगा। हर आवेदक को कम से कम एक और अधिकतम पांच चयन करना होगा।

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षकों का स्थानांतरण करने के लिए आनलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा। शिक्षकों को मानव संपदा की आइडी से स्थानांतरण पोर्टल पर लागइन करना होगा। इससे साफ्टवेयर मानव संपदा पोर्टल पर संबंधित शिक्षक का ब्योरा बिना मानवीय हस्तक्षेप के हासिल कर -लेगा। इसके लिए महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र को पत्र भेजा है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने एनआइसी को भेजे पत्र में लिखा है कि जिले के अंदर, एक से दूसरे जिले और पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वालों को मानव संपदा पोर्टल की लागइन आइडी से ही स्थानांतरण पोर्टल पर लागइन किया जाना है। इसके लिए दोनों अलग-अलग टीमें समन्वय बनाकर तैयारी करें, ताकि हर शिक्षक का विवरण स्थानांतरण पोर्टल पर आवेदन करने पर प्रदर्शित हो सके। आवेदन करने वाला वहीं सूचना अलग से अंकित करेगा जो मानव संपदा पोर्टल पर नहीं है।

बताया कि अंतर जिला तबादलों में वे शिक्षक ही पोर्टल पर आवेदन करेंगे जो तय अर्हता रखते हों। इसके लिए शासनादेश जारी होगा और उसी के अनुसार तबादले किए जाएंगे। जिलों में विद्यालय आवंटन की कार्यवाही एनआइसी पोर्टल से कराई जाएगी। इसमें छात्र-शिक्षक अनुपात आदि का ध्यान रखा जाएगा।

परिवार से दूर प्राइमरी शिक्षकों को नई तबादला नीति का इंतजार, नई सरकार से शिक्षकों को उम्मीदें: देखें पिछले 10 सालों रिकॉर्ड

लखनऊ। मेरठ की मृदुला पालीवाल बलरामपुर में शिक्षिका हैं। वर्ष 2015 में नियुक्ति हुईं। पति प्राइवेट नौकरी में हैं और छोटे बच्चे मेरठ में उनके साथ ही हैं। बच्चों को संभालने और परवरिश में खासी दिक्कतें आती हैं। गाजियाबाद की रुचि श्रावस्ती में शिक्षिका हैं और लम्बे समय से अंतरजनपदीय तबादले की राह ताक रही हैं।


नई सरकार से उम्मीदें: ये सिर्फ बानगी भर हैं, ऐसे कई उदाहरण हैं जहां शिक्षिका पत्नी अपने परिवार से दूर रहने को मजबूर हैं। अब नई सरकार के कामकाज शुरू करने के साथ ही नया सत्र शुरू हो चुका है और तबादले की राह देख रहे शिक्षकों को नई सरकार से उम्मीद बंधी है। तबादले की कोई स्थायी नीति न होने के कारण बीते 10 सालों में केवल पांच बार ही तबादले हुए हैं।

पिछली बार तबादले वर्ष 2019- 2020 में हुए थे। इसके लिए आदेश 2019 में जारी हुआ, सरकार ने तबादले के लाभार्थियों की संख्या अगस्त 2020 में जारी की और तबादले की सूची दिसम्बर 2020 में जारी हो पाई।

स्थायी नीति नहीं फिर भी सरकार करती है सहानुभूति पूर्ण फैसला: अंतरजनपदीय तबादलों की कोई स्थायी नीति नहीं है। जब भी अंतजरनपदीय तबादले करने होते हैं, सरकार नए सिरे से नीति बनाती है। 10 से लेकर पांच व तीन साल तक अनिवार्य सेवा का नियम समेत अब मेरिट सूची बनाने के लिए अंक निर्धारित किए गए हैं। पिछली बार सरकार ने महिला शिक्षकों के लिए एक वर्ष की सेवा और पुरुष शिक्षकों के लिए तीन वर्ष की सेवा का अनिवार्य नियम बनाया था लेकिन हाईकोर्ट ने इस नियम को खारिज कर महिलाओं के लिए तीन वर्ष व पुरुष शिक्षकों के लिए पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य की। इस फैसले के चलते 2020 में 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षक अपात्र हो गए।

कम कटआफ होने से मिलती है दूर के जिले में तैनाती: बड़े शहरों में रिक्त पद कम होने के कारण कटऑफ बहुत ऊंचा ज्यादा है जबकि पिछड़े आठ जिलों समेत पूर्वांचल के कई जिलों की मेरिट काफी नीचे होती है। यही कारण है कि बड़े शहरों के अभ्यर्थी कम कटऑफ होने के कारण छोटे जिलों में नियुक्ति पाते हैं। इसके बाद शादी या अन्य कारणों से शिक्षक अपने परिवार के पास तबादला करवाना चाहते हैं।

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अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने मूल निवास और नियुक्ति वाले जिले की जानकारी ली। पूछा कि वहां रहकर पढ़ा लेंगे? सभी
ने हां में जवाब दिया। योगी हंसते हुए बोले कि नियुक्ति पत्र लेते समय कोई समस्या नहीं होती, लेकिन फिर तबादले के प्रार्थना पत्र शुरू हो जाते हैं। योगी ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि दो वर्ष तक ट्रांसफर की चर्चा भी न करना।

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education department) के टीचरों को बड़ी सौगात दी है. अब बेसिक शिक्षा विभाग में टीचर्स ट्रांसफर के लिए 5 साल की समय सीमा को घटाकर 3 साल कर दिया गया है. यही नहीं महिलाओं के लिए ये बाध्यता सिर्फ सिर्फ 1 साल कर दी गई है. इसके अलावा सरकार ने फौजियों की पत्नियों को ट्रांसफर में प्राथमिकता देना तय किया है.
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश दि्ववेदी ने बताया कि यूपी के प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर बनाना है. वह बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए अन्य विभाग की भी मदद लेंगे. उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा में फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया गया है. यह उड़न दस्ता सभी स्कूलों का निरीक्षण करेगा. वहीं मिड डे मील व्यवस्था में पंचायती राज विभाग भी शामिल होगा, जहां गड़बड़ी ग्राम प्रधान करेगा, वहां पंचायती राज उस पर कार्रवाई करेगा.

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश दि्ववेदी ने बेसिक शिक्षा विभाग में कई घाेषणाएं की हैं.
उन्होंने बताया कि अब बेसिक शिक्षकों का तबादला तीन वर्ष में होगा. पहले यह व्यवस्था 5 वर्ष की थी. वहीं महिलाओं का तबादला अब एक साल में हो सकता है. इसके अलावा फौजियों की शिक्षक पत्नी को नई सुविधा मिलेगी. अब उनकी प्राथमिकता के आधार पर तबादला और नियुक्ति होगी. इसके अलावा गंभीर रोग से पीड़ित शिक्षकों को भी तबादले में सुविधा दी जाएगी.

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रण के अधीन संचालित प्राथमिक / उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2019 – 20 हेतु जनपद के अंदर समायोजन के संबंध में जारी आदेश 👇

अंतर्जनपदीय तबादले के लिए पाँच साल की सेवा होगी अनिवार्य,  पिछड़े जिले में 10% से ज्यादा रिक्तियां होने पर नहीं होगा स्थानांतरण। 


अंतर्जनपदीय तबादले के लिए पाँच साल की सेवा होगी अनिवार्य, पिछड़े जिले में 10% से ज्यादा रिक्तियां होने पर नहीं होगा स्थानांतरण।