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गलत जिला आवंटन में आज की कोर्ट में हुई सुनवाई का सार…

कोर्ट में आज गलत जिला आवंटन पर बहस पूरी नही हो पाई , आज 2 घण्टे बहस चली लेकिन पूरी नही हो पाई क्योकि बिंदुवार जवाब कोर्ट में देने पर समय लगता है। आज बहस 4 बजे रोक दी गई है, परसो लंच बाद शेम बिंदु के आगे बहस होंगी.

जिला आवंटन केस / शिखा सिंह व् अन्य

आज केस फाइनल हियरिंग के लिए 3 बजे फिक्स हुआ ।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक खरे , श्री राधा कान्त ओझा , व् श्री एम् डी सिंह तथा 6127 की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एच एन सिंह , श्री पी एन सक्सेना व् शैलेन्द्र श्रीवास्तव अपीयर हुए ।

अशोक खरे ने बहस की शुरुवात नियमावली के 20 वें संसोधन से की और रूल 14(1)a को पढ़ा और कहा कि 68500 का शासनादेश 9 जनवरी को जारी हुआ है और उस समय नियम के अनुसार आवेदन सम्बंधित जिले से विहित प्रशिक्षण अहर्ता रखने वाले अभ्यर्थियों से लिए जाने का प्रावधान था । उसके बाद 22 वां संसोधन पढ़ा जिसमे सम्बन्धित जिले से प्रशिक्षण अहर्ता रखने वाले अभ्यर्थियों से ही आवेदन लेने की बाध्यता ख़त्म कर दी गयी है । बाबूजी द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया कि पूरी चयन प्रक्रिया नियम विरुद्ध है क्योंकि विज्ञापन जिले के बीएसए को जारी करना था और चयन सूची जनपदीय चयन समिति को बनानी थी किन्तु समस्त प्रक्रिया स्टेट लेवल पर की गयी है ।

जिस पर जज साहब ने पूछा कि क्या आप पूरी चयन प्रक्रिया को चैलेन्ज कर रहे है , तो बाबू जी ने यू टर्न लेते हुए कहा कि हम इसे प्रेस नहीं कर रहे ।

उसके बाद बाबू जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 9 जनवरी को 68500 पदों को अधिसूचित किया गया था किंतु जब लिखित परीक्षा में 41556 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए तो पदों को कम करते हुए 41556 कर दिया ।

जज साहब ने इस पर पूछा कि पदों को कम करने के निर्णय को आपने आवेदन करने से पहले चैलेन्ज किया ?

बाबूजी द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया जिस पर 6127 की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एच एन सिंह द्वारा कहा गया कि इनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया ।जिस पर जज साहब ने कहा कि फिर आप कैसे 68500 पदों पर आवंटन की बात कर सकते है ?

  1. बाबूजी ने तुरंत बात को घुमाते हुए जनपद विकल्प,विज्ञापन , अलॉटमेंट लिस्ट की ओर बहस शुरू कर दी और कोर्ट को बताया कि प्रथम सूची में आरक्षित वर्ग के उच्च गुणांक अभ्यर्थियों को सामान्य में रख दिया और निचली वरीयता के जनपद आवंटित कर दिए जबकि पहली सूची के आरक्षित वर्ग के कम गुणांक के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग में रखा और उन्हें ऊपर की वरीयता के जनपद आवंटित किए जो नियम विरुद्ध है और इनके समर्थन में दो तीन जजमेन्ट पढ़े ।

जिस पर जज साहब ने सरकारी वकील से पूछा कि आपने इस पर कॉउंटर फाइल किया तो उनके द्वारा बताया गया कि कॉउंटर राधा कान्त ओझा जी की याचिका शुभ्रा अवस्थी में फाइल किया गया है । जिसे जज साहब को दिया गया ।तब तक कोर्ट का समय पूरा हुआ और परसों आगे की बहस 2 बजे से होगी ।चूँकि याचिकाकर्ताओं ने बहस की शुरुवात सेल्फ गोल से की है इस लिए अब ये केस किसी भी हद तक जा सकता है ।लीगल टीम की ओर से तीन IA और तीन कॉउंटर फाइल किये गये है ।जिन्हें आज रात तक अपलोड कर दिया जायेगा

 

 

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