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परिणाम में देरी से सरकारी सेवा अवधि का नुकसान तय

राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : भर्तियां चार साल पहले की और रिजल्ट अब तक नहीं। दो भर्तियों में करीब 4500 पदों पर चयन के लिए हजारों अभ्यर्थियों को उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपीपीएससी से हो रही देरी का खामियाजा तो भुगतना पड़ रहा है, रिजल्ट आने पर नौकरी मिली भी, तो सरकारी सेवा में भी उन्हें दो से तीन साल की अवधि का नुकसान होना तय है, क्योंकि समय से परिणाम निकलता और नियुक्तियां हो जाती तो आयु सीमा के अनुसार सेवा में रह पाने का पूरा लाभ मिल सकता था।सबसे बड़ा नुकसान राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा 2013 में एई और जेई पदों पर आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को हो रहा है। एई के 952 पदों और जेई यानी जूनियर इंजीनियर के 3222 पदों पर भर्ती के लिए 2016 में लिखित परीक्षा हुई है। कुल 4174 पदों पर भर्ती की आस लगाए अभ्यर्थियों ने 2017 में खूब आंदोलन भी किया और यूपीपीएससी ने उन्हें परिणाम जल्द जारी करने का दो बार लिखित आश्वासन दिया। अब 2018 भी बीतने में महज 13 दिन रह गए हैं। इसके बावजूद परिणाम का कोई अता-पता नहीं है।एक अन्य भर्ती जिसमें अर्थ और संख्या विभाग तथा राज्य नियोजन संस्थान के अंतर्गत सहायक सांख्यिकीय अधिकारी के 373 पदों पर चयन के लिए आवेदन 2014 में लिए गए थे।इसकी स्क्रीनिंग परीक्षा ही 11 नवंबर 2018 को हो सकी। इसमें पंजीकृत 2814 के सापेक्ष 1714 अभ्यर्थी ही शामिल हो सके, क्योंकि परीक्षा होने में विलंब होने पर निराश हुए अभ्यर्थियों ने उसी बीच रोजगार पाने का अन्य रास्ता चुन लिया। जिन 1714 अभ्यर्थियों ने स्क्रीनिंग परीक्षा दी, उन्हें भी परिणाम जल्द आने की प्रतीक्षा है। अभ्यर्थियों के अनुसार परिणाम में लेटलतीफी से चयनित हो जाने की दशा में उन्हें उतना ही नुकसान उठाना पड़ेगा जितना की भर्ती के लिए आवेदन निकलने से अब तक का समय बीत रहा है। हालांकि इसमें एई का परिणाम यूपीपीएससी की ओर से जल्द जारी होने का दावा किया जा रहा है लेकिन, इसकी समय सीमा निश्चित नहीं है।

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