शिक्षण सत्र 2019-2020 से ही आरक्षण लागू हो जाएगा। करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य श्रेणियों के तहत मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं हो।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को ऐलान किया कि वह शिक्षण सत्र 2019-20 से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को लागू करेगा और देशभर में उच्च शिक्षा संस्थानों तथा विश्वविद्यालयों में करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाएगा।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अधिकारियों की बैठक में यह फैसला किया गया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिक्षण सत्र 2019-2020 से ही आरक्षण लागू हो जाएगा। करीब 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाई जाएंगी ताकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य श्रेणियों के तहत मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं हो।’’ जावड़ेकर ने कहा, ‘‘तौरतरीकों पर काम हो रहा है और एक सप्ताह के भीतर हम बढ़ाई जाने वाली सीटों की सही-सही संख्या बता सकेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि निजी विश्वविद्यालय भी आरक्षण लागू करने के लिए तैयार हैं l
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी विशेष प्रावधान को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से शनिवार (12 जनवरी) को जारी अधिसूचना में कहा गया कि संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।