Month: May 2019
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CTET: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में 10 फीसदी आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस
CTET: केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में 10 फीसदी आरक्षण की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) में सरकार द्वारा दिए गए आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण के तहत अंकों में छूट को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। इस याचिका पर अब कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है। सीटेट में अभी तक सरकार द्वारा दिए गए 10 फासदी आरक्षण को शामिल नहीं किया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कोर्ट ने यह कहते हुए अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया कि यह नीतिगत निर्णय है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि प्रवेश की पात्रता के लिए आयोजित परीक्षा में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं हो सकता। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और संजीव खन्ना की पीठ ने सीटेट, 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी के आरक्षण के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह स्पष्टीकरण दिया था।
पीठ ने कहा था कि प्रवेश परीक्षा को पास करने के लिए कोई आरक्षण नहीं हो सकता। ये पूरी तरह से गलत है। ये केवल पात्रता प्राप्त करने की परीक्षा है। आरक्षण का सवाल तो प्रवेश के समय उठेगा। वहीं जब याचिकाकर्ता के वकील ने सात जुलाई को होने वाली परीक्षा की अधिसूचना का जिक्र किया था तो पीठ ने कहा कि परीक्षा की अधिसूचना अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को भी किसी प्रकार का आरक्षण प्रदान नहीं करती है।
जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ताओं का दावा था कि वे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के हैं और इस परीक्षा को देने जा रहे हैं। सीबीएसई ने 23 जनवरी, 2019 को इस परीक्षा के आयोजन को लेकर विज्ञापन जारी किया था, जिसमे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को यह लाभ नहीं दिया गया था। जिसके चलते याचिकाकर्ताओं ने याचिका दायर की थी।
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सुप्रीम कोर्ट 68500 सीबीआई जाँच केस :-टीम द्वारा सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से एसएलपी की कॉपी निकालने पर याचिकाकर्ता द्वारा लिए गये ग्राउन्ड व प्रेयर को पढ़ने पर निम्नलिखित तथ्य सामने आए
सुप्रीम कोर्ट 68500 सीबीआई जाँच केस :-टीम द्वारा सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से एसएलपी की कॉपी निकालने पर याचिकाकर्ता द्वारा लिए गये ग्राउन्ड व प्रेयर को पढ़ने पर निम्नलिखित तथ्य सामने आए
सुप्रीम कोर्ट 68500 सीबीआई जाँच केस :-
टीम द्वारा सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से एसएलपी की कॉपी निकालने पर याचिकाकर्ता द्वारा लिए गये ग्राउन्ड व प्रेयर को पढ़ने पर निम्नलिखित तथ्य सामने आए –
1. याचिकाकर्ता ने एसएलपी में कहा है कि 68500 शिक्षक चयन प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार , अवैध नियुक्ति व दोषपूर्ण मूल्यांकन किया गया है , जिसमे राज्य सरकार के उच्च पदों पर बैठे अधिकारी भी शामिल है |
2. 41556 पदों चयन हेतु सचिव , बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है जबकि रूल 14(1)a के अनुसार जनपद स्तर पर विज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को जारी करना था , अतः इस विज्ञापन से की गयी समस्त नियुक्तियाँ अवैध है |
3. विज्ञापन केवल 41556 पदो पर जारी हुआ जिसके सापेक्ष 40296 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया और 34660 अभ्यर्थी चयनित किए गये 5636 अभ्यर्थी उनके वर्ग मे पद शेष न होने के कारण चयनित नहीं हो सके |
4. किन्तु राज्य सरकार द्वारा अवशेष 6127 अभ्यर्थियों की काउन्सेलिंग करा के नियुक्ति दे दी जो पूर्णतया अवैध हैं |
5. राज्य सरकार ने 4706 अभ्यर्थियों , जो पुनर्मूल्यांकन मे उत्तीर्ण हुये ( नोट – शासनादेश में पुनर्मूल्यांकन का कोई प्रावधान नहीं था ) उनका चयन भी बिना जनपद स्तर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी के विज्ञापन के कर दिया गया , यह नियुक्तियाँ भी विज्ञापित 41556 पदों के सापेक्ष नहीं है |
6. परीक्षा संस्था , मूल्यांकन करने वाले परीक्षक व कोडिंग डिकोडिंग एजेंसी द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया मे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के सबूत हर स्तर पर मिले है जो कोर्ट मे परीक्षण के समय सिद्ध भी हुये है |
7. राज्य सरकार द्वारा जाँच कमेटी मे उसी विभाग से दो अधिकारी नियुक्त कर दिये , जबकि यह विधि द्वारा स्थापित है कि कोई भी व्यक्ति अपने खुद के मामले में जज नहीं हो सकता |
8. याचिकाकर्ता की प्रेयर है कि उसके द्वारा उठाए गये तथ्यों की जाँच सीबीआई से कराई जाये और उसकी मानीटरिंग सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जाये व आरोप सही होने पर पूरी प्रक्रिया रद्द कर नए सिरे से पारदर्शी रूप में कराई जाये |
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