कस्तूरबा गांधी विद्यालय:- अनामिका जैसी दो फर्जी शिक्षिकाएं और पकड़ी गई

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प्रश्न विवाद पर विराम,चयनितों की राह आसान,120 अंक से ज्यादा पाने वालों की स्क्रुटनी शुरू

69000 सुप्रीम कोर्ट की मोडिफिकेशन एप्लीकेशन अन्ततः हूई दाखिल।

*69000##सुप्रीम कोर्ट*

*सरकार की मोडिफिकेशन एप्लीकेशन अन्ततः हूई दाखिल।*

69 हजार शिक्षक भर्ती: रद्द नहीं होगी भर्ती, जानिए इसमें कितने हैं कानूनी दांवपेंच

69 हजार शिक्षक भर्ती: रद्द नहीं होगी भर्ती, जानिए इसमें कितने हैं कानूनी दांवपेंच

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में काउंसलिंग के समय स्टे का ग्रहण लगने के बाद विवादों का साया लगातार बढ़ता जा रहा है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) की परीक्षा के दौरान हुई नकल को लेकर हर दिन हो रहे नए खुलासे जहां सरकार के चुनौती बन रहे हैं, तो वहीं हाईकोर्ट में लगातार पड़ रही अर्जियां इस भर्ती को पूरा करने में बहुत बड़ी बाधा बन रही है। नकल के खुलासे और हाईकोर्ट (High Court) में लगातार बढ़ती जा रही रिट के बीच में भर्ती (69000 Assistant Teachers) को पूरा करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट (Supream Court) में शिक्षामित्र (Shikshamitra) मामला लेकर पहुंच गए हैं, तो एमआरसी (MRC) , एनओसी (NOC) , भारांक, कम आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट (High Court) में रिट दाखिल की है।

यही नहीं, इस भर्ती में आए दिन हो रहे नए खुलासे सरकार के लिए और मुसीबत बनते जा रहे हैं। परीक्षा के दौरान हुई नकल को लेकर लगातार विपक्ष हावी है और लगातार परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहा है। मीडिया में आए दिन बनने वाली सुर्खियां अभ्यर्थियों से लेकर सरकार तक की मुसीबत बढ़ा रही है।

वहीं, अभ्यर्थियों के परिजन अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत ही परेशान दिख रहे हैं। बता दें एक जून को जिला आबंटन की सूची जारी होने के बाद लिस्ट से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों ने कानूनी लड़ाई में भर्ती को पेचीदा बना दिया है। कानूनी लड़ाई में त्रुटि संशोधन और अर्हता (22 दिसम्बर 2018 के बाद बैकपेपर वाले करने वाले अभ्यर्थी) अभ्यर्थी के केस को हाईकोर्ट (High Court) खारिज कर चुका है। इसके बाद भी कई मुद्दों पर कानूनी लड़ाई इस भर्ती में लड़ी जानी शेष है।

वहीं, अधिकारियों ने भी इस बार मानकों को ध्यान में नहीं रखा है, जिसकी वजह से अब अधिकतर मामले कोर्ट में ही खिंच रहे हैं। सभी अपने न्याय की गुहार कोर्ट (Superme Court & High Court) से लगा रहे हैं। इंडिया वेव आपको बता रहा है कि इस भर्ती में आखिर कितने लोगों ने अब तक हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है और आखिर यह परीक्षा क्यों रद्द नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की तरफ से 69 हजार शिक्षकों (69000 Assistant Teachers) के लिए निकाली गई भर्ती में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस परीक्षा में नकल कराने से लेकर ओएमआर (OMR) की स्क्रीनिंग तक में धांधली की बात निकलकर सामने आ रही है। ओएमआर सीट (OMR Sheet) की स्क्रीनिंग के दौरान कम्पनियों से कई फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया, ऐसा मीडिया की सुर्खियां बन रही है। इसके अलावा प्रयागराज के सेंटर्स में हुई नकल से सभी वाकिफ हो चुके हैं।

इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अधिकतर टॉपर प्रयागराज के सेंटरों से ही निकले हैं। प्रयागराज के सेंटर्स को लेकर एसटीएफ (Special Task Force) भी काफी सक्रिय है। वहीं, प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने इस मामले में अहम खुलासा करके यहां से चल रहे पूरे गैंग का पर्दाफाश किया है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नकल की बू आते ही विपक्ष लगातार हावी है।

कांग्रेस जहां इस पूरी भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया की जांच न्यायालय के जज की निगरानी में कराने की मांग कर रही है, तो वहीं बसपा और सपा सीबीआई (CBI) से मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। विपक्ष के लगातार हावी होने पर सरकार ने भर्ती (69000 Assistant Teachers) की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। अब इस मामले की जांच एसटीएफ (Special Task Force) कर रही है।

वहीं, कुछ संगठनों की तरफ से इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा को रद्द कराए जाने की भी लगातार मांग उठ रही है। अभ्यर्थियों की तरफ से भले ही भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग उठ रही हो, लेकिन सरकार इस भर्ती (69000 Assistant Teachers)प्रक्रिया को रद्द करने के इरादे में बिल्कुल ही नहीं है।

सरकार इस भर्ती को रद्द नहीं करेगी और विपक्ष को अगर इस परीक्षा को रद्द कराना है तो कोर्ट में कम से कम परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का 10 प्रतिशत नकल में शामिल होने का प्रूफ देना होगा। नियमानुसार 10 प्रतिशत धांधली साबित होने के बाद ही परीक्षा रद्द करने पर विचार हो सकता है।

भर्ती (69000 Assistant Teachers) को रद्द कराने की मांग करने वाले अगर साक्ष्यों के आधार पर यह साबित कर दें कि कि परीक्षा में सफल 146060 अभ्यर्थियों में से 10 प्रतिशत लोग धांधली से पास हुए हैं तभी परीक्षा निरस्त हो सकती है। बता दें विपक्ष लगातार इस भर्ती पर सवाल उठा रहा है कि परीक्षा में जमकर धांधली की गई है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मायावती और सपा शासन काल में हुई पूरी हुई 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती (72825 Assistant Teachers) में भी जमकर धांधली का आरोप लगाया गया था। अभ्यर्थियों ने नकल होने की बात करते हुए भर्ती को रद्द कराए जाने की मांग की थी और इस मुद्दे को लेकर लोग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उस समय जस्टिस रहे दीपक मिश्रा ने वकीलों से कहा था कि आपको भर्ती (72825 Assistant Teachers) परीक्षा में पास 2 लाख 72 हजार से ऊपर पास अभ्यर्थियों की योग्यता पर शक है।

यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा था कि क्यों न वकील साहेब आप पर वकालत करने की पाबंदी के लिए बार एसोसिशन ऑफ इंडिया को पत्र लिख दिया जाए और अभ्यर्थियों पर जुर्माना लगा दिया जाए। जस्टिस दीपक मिश्रा ने वकीलों से कहा था कि आप इस भर्ती में 10 प्रतिशत नकल साबित कर दीजिए, हम परीक्षा को रद्द कर देंगे। हालांकि अभ्यर्थियों के वकील ऐसा नहीं कर पाए थे और यह परीक्षा रद्द नहीं हुई।

आज 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में पास 66,655 शिक्षक प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि 72,825 परीक्षा में फेल एक अभ्यर्थी ने पेपर रद्द कराने के लिए याचिका की थी जिस पर कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि उसने टीईटी 2011 में पास 2 लाख 72 हजार लोगों की प्रतिभा पर शक किया है।

हाई कोर्ट लखनऊ : 69000 शिक्षक भर्ती उत्तरमाला मामले में स्पेशल अपील पर सरकार को मिली अंतरिम राहत

हाई कोर्ट लखनऊ

👉69000 शिक्षक भर्ती उत्तरमाला मामले में स्पेशल अपील पर सरकार को मिली अंतरिम राहत , भर्ती प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के 21 मई व 9 जून के आदेश के क्रम में कई जाए

69 हजार शिक्षक भर्ती: जानिए आखिर कौन हैं भर्ती का सरगना डॉ. कृष्ण लाल पटेल

69 हजार शिक्षक भर्ती: जानिए आखिर कौन हैं भर्ती का सरगना डॉ. कृष्ण लाल पटेल

69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers)का सरगना डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) गिरफ्तार हो चुका है। परीक्षा में पास कराने के नाम पर किस तरह से वसूली की गई है, अब उसकी जांच एसटीएफ (Special Task Force) करने जा रही है, ऐसे में बहुत उम्मीद बढ़ गई है। वैसे इस गिरोह का सरगना केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) पहले से ही एसटीएफ (Special Task Force) के रडार पर था। करीब डेढ़ साल पहले साॅल्वर गिरोह पकड़े जाने के दौरान उसका नाम सामने आया था जिस पर उसे मुकदमे में वांछित भी किया गया था। लेकिन राजनीतिक पहुंच और सत्ता की हनक होने की वजह से पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था।

राजनीतिक गलियारों में अपनी पहुंच रखने वाल सरगना इस समय भाजपा नेताओं का बहुत खास माना जाता है। यही नहीं, पूर्व में वह जिला पंचायत चुनाव भी लड़ चुका है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) के तार सिर्फ यूपी से नहीं बल्कि मध्य प्रदेश तक भी जुड़े हुए हैं। व्यापम घोटाले में भी डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) का नाम आ चुका है। शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उसने अपने सहयोगियों के साथ पंचमलाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रयागराज के प्रबंधक से सांठगांठ कर परीक्षार्थियों की गैर कानूनी तरीकों से मदद की थी और इसकी एवज में उनसे मोटी रकम वसूलते थे। शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुई अनियमितता में पकड़े गए आरोपी का झांसी से कनेक्शन पाए जाने पर जांच एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
परीक्षाओं में धांधली कराकर डॉक्टर कृष्ण कुमार पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) ने अकूत सम्पत्ति बना ली है। आज उसके प्रयागराज में कई डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज चल रहे हैं। वर्तमान में झांसी में तैनात डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) का नाम पूर्व में परीक्षाओं में धांधली में भी आ चुका है। एसटीएफ (Special Task Force) के लिए जाना पहचाना नाम बन चुके केएल लाल करीब डेढ़ साल से रडार पर थे। डेढ़ साल पहले जब एसटीएफ (Special Task Force) ने रेलवे परीक्षाओं के दौरान फरवरी में सॉल्वर गिरोह पकड़ा गया था, उस समय इसका नाम आया था। शिवकुटी क्षेत्र से गिरफ्तार सॉल्वर गिरोह के पांच सदस्यों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने का काम करते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि परीक्षाओं (69000 Assistant Teachers)में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) समेत सात अन्य लोग हैं, जिनके माध्यम से उन्हें अभ्यर्थी मिलते हैं। एसटीएफ (Special Task Force) के एसआई मनोज सिंह ने शिवकुटी थाने (Police Station Shivkuti) में सॉल्वर गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया था, उसमें केएल पटेल का भी नाम शामिल था। अब ऐसा माना जा रहा है कि एसटीएफ (Special Task Force) शिक्षक भर्ती के साथ ही साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उसकी संलिप्तिता की जांच करेगी।
प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुई अनियमितता में पकड़े गए आरोपियों में शामिल डॉक्टर केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) झांसी में तैनात है। वो यहां मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात था और 2017 में करीब तीन साल पहले स्थानांतरित होकर झांसी आया था। झूंसी (Jhunshi) में तैनाती के दौरान व्यापम में नाम आने के बाद सीएमओ ने उनकी सैलरी रोक थी। यही नहीं, इस घटना में टॉपरों के नाम सामने आने के बाद वह पुलिस से बचने के लिए 25 मई से ही भूमिगत हो गया था, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गया। डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) झांसी (Jhansi) जिले के बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोटा में मेडिकल ऑफिसर के पद पर साल 2017 से तैनात था।

लेकिन, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नाम आने की वजह से विगत वह 25 मई से गायब चल रहा था। उसका नाम आने के बाद झांसी (Jhansi) के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। डॉक्टर के खिलाफ शासन ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीके निगम ने बताया कि शिक्षक भर्ती में अनियमितता में पकड़े गए डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बता दें, इस मामले में अब तक पुलिस 11 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।

डॉक्टर का बहुत बड़ा है नेटवर्क
परिषदीय प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) की अनियमितताओं में फंसे झांसी में तैनात डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) ने पूरे प्रदेश में इसका जाल बिछा रखा है। वह अपने करीबियों के जरिए इस ऐसी घटनाओं को अंजाम देता था और उन्हें जाल में फंसाकर परीक्षा में पास कराने का पूरा ताना-बाना बिनता था। वह परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए पंद्रह-बीस लाख रुपये तक की मोटी रकम लेता था। इसका जाल पूर्वांचल सहित प्रयागराज, झांसी के अलावा जालौन तक में भी फैला हुआ है।

डॉक्टर (Dr. Krishna Lal Patel) के मेडिकल ऑफिसर के ओहदे की वजह से आसानी से लोग उस पर भरोसा कर लेते थे। वह परीक्षा (69000 Assistant Teachers) में छात्रों को पास कराने के लिए बहुत ही मोटी रकम लेकर अन्य साथियों को देकर ही घटना को अंजाम देता था।

ब्रेकिंग न्यूज़ – कल सुनाया जाएगा आंसर की का ऑर्डर

*ब्रेकिंग न्यूज़*

*कल सुनाया जाएगा आंसर की का ऑर्डर*

बिग ब्रेकिंग:-69000 शिक्षक भर्ती मे कार्यरत शिक्षकों को NOC ना देने के मामले मे सरकार को झटका, कोर्ट ने उन्हें काउन्सलिंग मे शामिल करने के निर्देश दिये

हाई कोर्ट लखनऊ69000 शिक्षक भर्ती NOC 8635/20ss मामले में बहराइच के bsa साब के आदेश पर रोक लगाते हुए याचियों के काउन्सलिंग में प्रतिभाग कराने का आदेश हुआ है और कोर्ट की अनुमति के बाद ही नियुक्ति पत्र मिलेगा

69000 शिक्षक भर्ती: इंस्पेक्टर ने खारिज की सीनियर IPS की FIR दर्ज करने की दरख्वास्त, अफसर पहुंचे CJM कोर्ट

69000 शिक्षक भर्ती: इंस्पेक्टर ने खारिज की सीनियर IPS की FIR दर्ज करने की दरख्वास्त, अफसर पहुंचे CJM कोर्ट

सीनियर आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने दावा किया है कि उनके पास 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में धांधली को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. लेकिन पर्याप्त सबूतों के बाद भी कर्नलगंज इंस्पेक्टर ने एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers Recruitment) में गड़बड़ी को लेकर सीनियर आईपीएस अमिताभ ठाकुर (Senior IPS Amitabh Thakur) ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने सीजेएम कोर्ट (CJM Court) में इस संबंध में अर्जी दाखिल की है. अमिताभ ठाकुर ने अपनी अर्जी में भर्ती में हुई धांधली को लेकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. अमिताभ ठाकुर ने दावा किया है कि उनके पास भर्ती में धांधली को लेकर पर्याप्त सबूत हैं. लेकिन पर्याप्त सबूतों के बाद भी कर्नलगंज इंस्पेक्टर ने एफआईआर दर्ज नहीं की.

थाने में दर्ज नहीं हुई एफआईआर तो कोर्ट का किया रुख
उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज न होने पर उन्हें सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी पड़ी है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इस भर्ती की एसटीएफ जांच कर रही है. लेकिन जांच सीबीआई के पास ट्रांसफर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सीबीआई इस तरह के मामले में अच्छे ढंग से इन्वेस्टिगेशन कर सकती है. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वह इस संबंध में शासन और डीजीपी से सीबीआई जांच के लिए अनुरोध करेंगे.
भर्ती का पेपर लीक आदि का पर्याप्त सबूत होने का दावा

अर्ज़ी दाखिल करने के लिए खुद कोर्ट पहुंचे आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने दावा किया कि उनके पास इस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने और पैसे लेकर लोगों को पास कराने के पर्याप्त सबूत हैं. उन्होंने कहा है कि प्रयागराज की कर्नलगंज थाना पुलिस द्वारा एफआईआर से इंकार करने पर उन्हें मजबूरन अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है. उनके मुताबिक इस भर्ती में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, इसलिये इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए.