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69 हजार शिक्षक भर्ती: जानिए आखिर कौन हैं भर्ती का सरगना डॉ. कृष्ण लाल पटेल

69 हजार शिक्षक भर्ती: जानिए आखिर कौन हैं भर्ती का सरगना डॉ. कृष्ण लाल पटेल

69 हजार शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers)का सरगना डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) गिरफ्तार हो चुका है। परीक्षा में पास कराने के नाम पर किस तरह से वसूली की गई है, अब उसकी जांच एसटीएफ (Special Task Force) करने जा रही है, ऐसे में बहुत उम्मीद बढ़ गई है। वैसे इस गिरोह का सरगना केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) पहले से ही एसटीएफ (Special Task Force) के रडार पर था। करीब डेढ़ साल पहले साॅल्वर गिरोह पकड़े जाने के दौरान उसका नाम सामने आया था जिस पर उसे मुकदमे में वांछित भी किया गया था। लेकिन राजनीतिक पहुंच और सत्ता की हनक होने की वजह से पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था।

राजनीतिक गलियारों में अपनी पहुंच रखने वाल सरगना इस समय भाजपा नेताओं का बहुत खास माना जाता है। यही नहीं, पूर्व में वह जिला पंचायत चुनाव भी लड़ चुका है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य व डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) के तार सिर्फ यूपी से नहीं बल्कि मध्य प्रदेश तक भी जुड़े हुए हैं। व्यापम घोटाले में भी डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) का नाम आ चुका है। शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में उसने अपने सहयोगियों के साथ पंचमलाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्रयागराज के प्रबंधक से सांठगांठ कर परीक्षार्थियों की गैर कानूनी तरीकों से मदद की थी और इसकी एवज में उनसे मोटी रकम वसूलते थे। शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुई अनियमितता में पकड़े गए आरोपी का झांसी से कनेक्शन पाए जाने पर जांच एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
परीक्षाओं में धांधली कराकर डॉक्टर कृष्ण कुमार पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) ने अकूत सम्पत्ति बना ली है। आज उसके प्रयागराज में कई डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज चल रहे हैं। वर्तमान में झांसी में तैनात डॉक्टर कृष्ण लाल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) का नाम पूर्व में परीक्षाओं में धांधली में भी आ चुका है। एसटीएफ (Special Task Force) के लिए जाना पहचाना नाम बन चुके केएल लाल करीब डेढ़ साल से रडार पर थे। डेढ़ साल पहले जब एसटीएफ (Special Task Force) ने रेलवे परीक्षाओं के दौरान फरवरी में सॉल्वर गिरोह पकड़ा गया था, उस समय इसका नाम आया था। शिवकुटी क्षेत्र से गिरफ्तार सॉल्वर गिरोह के पांच सदस्यों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाने का काम करते हैं। उन्होंने यह भी बताया था कि परीक्षाओं (69000 Assistant Teachers)में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) समेत सात अन्य लोग हैं, जिनके माध्यम से उन्हें अभ्यर्थी मिलते हैं। एसटीएफ (Special Task Force) के एसआई मनोज सिंह ने शिवकुटी थाने (Police Station Shivkuti) में सॉल्वर गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया था, उसमें केएल पटेल का भी नाम शामिल था। अब ऐसा माना जा रहा है कि एसटीएफ (Special Task Force) शिक्षक भर्ती के साथ ही साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उसकी संलिप्तिता की जांच करेगी।
प्राथमिक विद्यालयों में 69,000 शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) में हुई अनियमितता में पकड़े गए आरोपियों में शामिल डॉक्टर केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) झांसी में तैनात है। वो यहां मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात था और 2017 में करीब तीन साल पहले स्थानांतरित होकर झांसी आया था। झूंसी (Jhunshi) में तैनाती के दौरान व्यापम में नाम आने के बाद सीएमओ ने उनकी सैलरी रोक थी। यही नहीं, इस घटना में टॉपरों के नाम सामने आने के बाद वह पुलिस से बचने के लिए 25 मई से ही भूमिगत हो गया था, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गया। डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) झांसी (Jhansi) जिले के बंगरा ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोटा में मेडिकल ऑफिसर के पद पर साल 2017 से तैनात था।

लेकिन, इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नाम आने की वजह से विगत वह 25 मई से गायब चल रहा था। उसका नाम आने के बाद झांसी (Jhansi) के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। डॉक्टर के खिलाफ शासन ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है। मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीके निगम ने बताया कि शिक्षक भर्ती में अनियमितता में पकड़े गए डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बता दें, इस मामले में अब तक पुलिस 11 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।

डॉक्टर का बहुत बड़ा है नेटवर्क
परिषदीय प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती (69000 Assistant Teachers) की अनियमितताओं में फंसे झांसी में तैनात डॉ. केएल पटेल (Dr. Krishna Lal Patel) ने पूरे प्रदेश में इसका जाल बिछा रखा है। वह अपने करीबियों के जरिए इस ऐसी घटनाओं को अंजाम देता था और उन्हें जाल में फंसाकर परीक्षा में पास कराने का पूरा ताना-बाना बिनता था। वह परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए पंद्रह-बीस लाख रुपये तक की मोटी रकम लेता था। इसका जाल पूर्वांचल सहित प्रयागराज, झांसी के अलावा जालौन तक में भी फैला हुआ है।

डॉक्टर (Dr. Krishna Lal Patel) के मेडिकल ऑफिसर के ओहदे की वजह से आसानी से लोग उस पर भरोसा कर लेते थे। वह परीक्षा (69000 Assistant Teachers) में छात्रों को पास कराने के लिए बहुत ही मोटी रकम लेकर अन्य साथियों को देकर ही घटना को अंजाम देता था।

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