Site icon Basic Shiksha Parishad

यूपी : परिषदीय स्कूलों में 80 हजार शिक्षक सरप्लस, PAB रिपोर्ट में दावा, इधर भर्ती की तैयारी

यूपी : परिषदीय स्कूलों में 80 हजार शिक्षक सरप्लस, PAB रिपोर्ट में दावा, इधर भर्ती की तैयारी

लखनऊ। यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 79,568 सहायक अध्यापक ज्यादा (सरप्लस) हैं। यह दावा किया है केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग उसने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश सरकार को सहायक अध्यापकों के पदों को सुव्यवस्थित करने और सभी स्कूलों में आवश्यक शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख से अधिक स्कूलों में अभी 3.79 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, एक लाख 40 हजार से अधिक शिक्षा मित्र भी सेवाएं दे रहे हैं। इस तरह स्कूलों में कुल 5 लाख 19 हजार शिक्षक शिक्षामित्र कार्यरत हैं।

प्राथमिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 (30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक) और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35:1 (35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक) है। परिषदीय विद्यालयों में करीब 1.76 करोड़ विद्यार्थी नामांकित हैं।

केंद्र सरकार का मानना है कि सहायक अध्यापकों और शिक्षा मित्रों की कुल संख्या और पंजीकृत विद्यार्थियों की कुल संख्या के हिसाब से प्रदेश में 79,568 सहायक अध्यापक सरप्लस हैं। हालांकि विभाग में सृजित पदों की संख्या के हिसाब से देखें तो सहायक अध्यापकों और प्रधानाचार्यों के करीब 1.26 लाख पद खाली हैं।


इधर तो भर्ती की तैयारी…
प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। कमेटी जिलावार रिक्त पदों का आकलन कर भर्ती के लिए रिपोर्ट देगी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद भर्ती पर निर्णय होगा।

शिक्षकों की नई नियुक्तियों और नामांकन के बाद स्थिति बदली है। हम रिपोर्ट का अध्ययन कर रहे हैं। – अनामिका सिंह, सचिव बेसिक शिक्षा


स्कूलवार होना चाहिए आकलन

पूर्व निदेशक एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की कमेटी के सदस्य कृष्ण मोहन त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षकों की संख्या का आकलन स्कूलवार विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर होना चाहिए। कुल छात्र संख्या और कुल शिक्षक संख्या से सही आकलन नहीं हो सकता है। यूपी में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सृजित पदों के लिहाज से शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए।

Exit mobile version