69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा : आखिर शिक्षामित्रों को 25 अंक का बोनस भारांक क्यों ??

 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा : आखिर शिक्षामित्रों को 25 अंक का बोनस भारांक क्यों ??

जबकि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान एवं हरियाणा के शिक्षकभर्ती में भारांक सम्बन्धी आदेश में स्पष्ट दिया है कि भारांक 15 अंक से अधिक नही दिया जा सकता है:-
हरियाणा सरकार ने 2009 में अध्यापकों की भर्ती हेतु विज्ञापन निकाला तथा उस विज्ञापन में उमा देवी केस को आधार बना कर पूर्व में कार्यरत संविदा कर्मियों को उनके अनुभव के सापेक्ष 24 अंको का भारी भरकम भारांक दे दिया। जिसको कि वहां की हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया गया। हाई कोर्ट ने 24 अंको के उक्त भारांक को अनुच्छेद 14 व 16 के आलोक में आवश्यकता से अधिक कहते हुए दिनाँक 06 अप्रैल 2010 को रद्द कर दिया तथा टिप्पणी की कि सरकार ने इतना अधिक भारांक देकर उन संविदा कर्मियों का अप्रत्यक्ष समायोजन कर दिया जिसको कि वह प्रत्यक्ष रूप से नही कर सकती थी तथा यह अन्य योग्यताधारियों के सरकारी नौकरी में समान अवसर के अधिकार का उल्लंघन है। बाद में यह केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा व सुप्रीम कोर्ट ने 21 फरवरी 2012 को हाई कोर्ट के आदेश को सही मानते हुए आवश्यकता से अधिक भारांक को रद्द कर दिया। ऐसा ही एक अन्य मुद्दा राजस्थान हाई कोर्ट में उठा जहां राजस्थान सरकार ने संविदा कर्मियों को 30 अंको का अधिकतम भारांक दे दिया जिसको कि हाई कोर्ट ने 25 सितम्बर 2013 को आवश्यकता से अधिक बताते हुए रद्द कर दिया। हरियाणा मुद्दे में जहां सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा उचित भारांक देने को कहां वहां ही राजस्थान हाई कोर्ट ने अधिकतम 15 अंको के भारांक को उचित माना।
UPON hearing the counsel the Court made the following
O R D E R
SLP(C)NOS.32008-32009/2013, 39720/2013, 3026/2014, 1885/2015,
1886/2015, 1887/2015, 1884/2015 & 8584/2015
Learned counsel for the petitioner prays and is permitted to
withdraw the application (I.A.No.3-4/2015) for withdrawal of SLP(C)
No.32008-32009/2013.
Application for withdrawal of SLP(C)No.32008-32009/2013 is
dismissed as withdrawn.
All the applications for impleadment are dismissed.
Leave granted. The appeals are allowed, in terms of the
signed order.
SLP(C)NOS. 7110/2014, 22767/2014, SLP(C)…CC No.19472-19475/2014,
SLP(C) Nos.22387/2014, SLP(C)No.2560/2016 and SLP(C)No.28042/2016
Delay condoned in SLP(C)..CC No.10472-19475/2014.
Leave granted in all the SLPs.
[O.P. SHARMA] [RAJINDER KAUR]
AR-CUM-PS COURT MASTER
(Signed order is placed on the file)
7
IN THE SUPREME COURT OF INDIA
CIVIL APPELLATE JURISDICTION
CIVIL APPEAL NO.11406-11407 OF 2016
(Arising out of SLP(C)No.32008-32009/2013)
STATE OF RAJASTHAN & ORS APPELLANT(S)
VERSUS
ARCHANA ETC. RESPONDENT(S)
WITH
CIVIL APPEAL NO.11408 OF 2016
(@ SLP(C)No.39720/2013)
CIVIL APPEAL NO.11409 OF 2016
(@ SLP(C)No.3026/2014)
CIVIL APPEAL NO.11410 OF 2016
(@ SLP(C)No.1885/2015)
CIVIL APPEAL NO.11411 OF 2016
(@ SLP(C)No.1886/2015)
CIVIL APPEAL NO.11412 OF 2016
(@ SLP(C)No.1887/2015)
CIVIL APPEAL NO.11413 OF 2016
(@ SLP(C)No.1884/2015)
CIVIL APPEAL NO.11414 OF 2016
(@ SLP(C)No.8584/2015)

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