प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों पर व्यापक पैमाने पर कार्रवाई हो रही है। अब तक 1701 फर्जी शिक्षक बर्खास्त किये जा चुके हैं। जितने भी फर्जी शिक्षक होंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा। उनसे वेतन वसूली की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उन्होंने गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में बसपा व सपा शासनकाल में फर्जी शिक्षकों की भर्ती हुई। प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही फर्जी शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है।
श्री द्विवेदी ने कहा कि आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी लगातार शिक्षक बनने वाले चार हजार शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इनके विरुद्ध कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अब तक 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हो चुकी है लेकिन एक भी शिकायत नहीं हुई। कस्तूरबा विद्यालय में अनामिका शुक्ला प्रकरण आने के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी शिक्षकों का सत्यापन शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में संविदा पर तैनात होने वाले शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का बोर्ड एवं विश्वविद्यालयों से सत्यापन भी अब अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन पढाई बनी संकट मोचनउन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में परिषदीय शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में सक्रिय सहभागिता की है। ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से ही बच्चों की शिक्षा में अवरोध नहीं उत्पन्न हुआ। बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों द्वारा उनके घरों पर निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए यूनिफार्म के साथ मॉस्क भी देने पर विचार किया जा रहा है। लॉक डाउन के समय का मिडडे मील का खाद्यान्न व परिवर्तन लागत बच्चों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षण और विभागीय कार्यो को सहज व पारदर्शी बनाने के लिए पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है।
मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी शिक्षकों व छात्रों का विवरण दर्ज हो रहा है। इससे फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा एप लांच किया गया है। इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध कराया जाएगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए अत्याधुनिक पैटर्न पर कार्यक्रमों से परिषदीय विद्यालयों की शैक्षिक व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने सर्किट हाउस में मंडल व जिला के शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए उन्हें स्कूल खुलने से पहले बच्चों को किताबें घरों पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने लॉकडाउन अवधि को लेकर मिडडे मील के अन्तर्गत खाद्यान्न व परिवर्तन लागत के वितरण की प्रगति का जायजा लिया।
अभिभावकों ने दिया ज्ञापनगोरखपुर के दर्जन भर अभिभावकों ने बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश द्विवेदी को स्कूल द्वारा फीस के लिए बनाये जा रहे दबाव सम्बंधी ज्ञापन दिया। साथ ही अभिभावकों ने समस्या बतायी की कोरोना काल में व्यापार, नौकरी सब ठप है। ऐसे में हम फीस कैसे जमा करें।