शिक्षा सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) नई दिल्ली की अधिसूचना में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताओं और सेवा से संबंधित मूल अधिनियम में जोड़े गए नये उपबंध के अनुसार, 31 मार्च 2015 तक नियुक्त या पदासीन प्रत्येक शिक्षक को निर्धारित शैक्षिक और प्रशिक्षण अर्हता पूर्ण करने के लिए 4 साल का समय दिया है। निर्धारित अहर्ताएं (दो साल का डीएलएड प्रशिक्षण और टीईटी क्वालिफाई) पूरी करने के लिए शिक्षा मित्रों के पास 31 मार्च 2019 तक का समय है। यदि इस तिथि के बाद भी शिक्षा मित्र निर्धारित अर्हताएं पूरी नहीं कर पाते हैं, तो एनसीटीई के निर्देशों के क्रम में उन पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
इधर, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर की ओर से इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए इस तिथि तक डीएलएड/टीईटी उत्तीर्ण न कर सकने वाले शिक्षा मित्रों के पदों को रिक्त मानते हुए वर्तमान में चलाई जा रही भर्ती प्रक्रिया में उन पदों को शामिल करने को कहा गया है। बता दें कि, वर्ष 2016-17 में राज्य में ऐसे शिक्षा मित्रों की संख्या करीब दो हजार थी, जो डीएलएड/टीईटी उत्तीर्ण नहीं कर सके थे। बहरहाल, हाल ही में जारी हुए यूटीईटी परीक्षा परिणामों के आधार पर अर्हता पूरी न करने वाले शिक्षा मित्रों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
वीएस रावत (अपर निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा उत्तराखंड) ने कहा- शिक्षा मित्रों को निर्धारित अर्हता पूर्ण करने के लिए चार साल का समय दिया गया था, जो आने वाली 31 मार्च को पूरा हो रहा है। उच्च स्तर से प्राप्त आदेशों के क्रम में चुनाव आदर्श आचार संहिता हटने के बाद अर्हता पूर्ण न करने वाले शिक्षा मित्रों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देशित कर दिया गया है।