लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना आपदा की वजह से बढ़ी दरों से महंगाई भत्ता पाने से वंचित हुए उत्तर प्रदेश सरकार के 16 लाख कर्मचारियों को इस साल जुलाई से बढ़ी दर से डीए देने का इंतजाम योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में कर लिया है। इसके लिए सरकार ने बजट में कर्मचारियों के वेतन के लिए दी जाने वाली रकम की लगभग 30 प्रतिशत राशि डीए के लिए रखी है। यह बात और है कि राज्य कर्मचारियों को डीए देने का फैसला केंद्र सरकार द्वारा अपने कार्मिकों को इसके भुगतान के निर्णय पर निर्भर करेगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने संसाधनों की तंगी के कारण राज्य सेवा के कार्मिकों को पहली जनवरी 2020, पहली जुलाई 2020 और पहली जनवरी 2021 से बढ़ी दरों पर आधारित महंगाई भत्ता देने पर पिछले साल 24 अप्रैल को रोक लगा दी थी। कर्मचारियों से कहा गया था कि उन्हें इस दौरान बढ़ी दरों का डीए संचयी प्रभाव से एक जुलाई से मिलेगा। हालांकि उन्हें बढ़ी दरों पर डीए के एरियर का भुगतान नहीं होगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में अपने कर्मचारियों को वेतन के मद में 53,710.89 करोड़ रुपये का इंतजाम किया है। वहीं उसने डीए के मद में 15,997.84 करोड़ रुपये का आवंटन किया है जो कि वेतन की रकम का लगभग 30 प्रतिशत है।
बता दें कि योगी सरकार ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 5,50,278.78 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। सूबे के इतिहास का पहला कागज रहित (पेपरलेस) और अपना पांचवां व आखिरी पूर्ण बजट पेश करते हुए सरकार ने चुनावी साल में मिशन 2022 के लक्ष्य संधान के लिए सारे जतन बजट में किए हैं। कोरोना महामारी का तीखा दंश झेलने के बावजूद सूबे के विकास की बड़ी लकीर खींचने की खातिर सरकार ने हौसला दिखाते हुए बुनियादी ढांचे के विकास को रफ्तार देने के लिए धनवर्षा की है। वहीं, श्रमिकों, महिलाओं, किसानों और युवाओं को सौगातें देने के लिए भी खजाना खोला है।