प्रयागराज : बेटी को नकल कराने के लिए पर्चा आउट करने के आरोप में गिरफ्तार डा. केएन काटजू इंटर कालेज के प्रिंसिपल राम नयन द्विवेदी ने कई जतन किए थे। साल्वर की व्यवस्था करने के लिए अपने स्कूल के वाइस प्रिंसिपल आकाश खरे को छुट्टी दे दी थी। ताकि भारत स्काउट एंड गाइड स्कूल जाकर उसकी बेटी को पास कराने में मदद कर सके। किसी तरह का जोखिम होने की आशंका पर प्रिंसिपल ने अपने बेटे अनुग्रह को भी अवैध गतिविधि के लिए मोहरा बनाया। पूछताछ के दौरान एसटीएफ को कई और जानकारी हाथ लगी है। इस आधार पर अब पता लगाया जा रहा है कि प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और सहायक अध्यापक ने जो पर्चा आउट किया था, उसके जरिए केएन काटजू स्कूल में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों को तो लाभ नहीं पहुंचाया गया। साथ ही पूर्व में आयोजित हुई परीक्षाओं में उनकी क्या गतिविधि रही, इस बारे में भी छानबीन चल रही है। हालांकि अभी तक एसटीएफ को केवल साल्वर का नाम ही मिल सका है। वह कहां का रहने वाला है और उसे पेपर साल्व करने के लिए कितना पैसा दिया गया था, इसका पता वाइस प्रिंसिपल की गिरफ्तारी होने पर चलेगा। फिलहाल एसटीएफ फरार चारों आरोपितों के मोबाइल की लोकेशन खंगाल रही है और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी का दावा कर रही है।
बेटी बताएगी नकल कर पाई या नहीं
एसटीएफ ने यह तो पता लगा लिया है कि बेटी को पास कराने के लिए सरकारी प्रिंसिपल व शिक्षक ने शर्मनाक करतूत की, लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि नकल का मकसद पूरा हो पाया था अथवा नहीं। इसका पता बेटी आकांक्षा की गिरफ्तारी के बाद ही चल सकेगा। मगर आकांक्षा को अवैध तरीके से उत्तीर्ण कराने के लिए प्रिंसिपल ने जिस तरह से अपने बेटे से लेकर अन्य लोगों का उपयोग किया, उसको लेकर शिक्षा विभाग में तरह-तहर की चर्चा शुरू हो गई है।
निलंबन के लिए पुलिस भेजेगी रिपोर्ट
कीडगंज थाने में प्रिंसिपल और सहायक अध्यापक के खिलाफ परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उसी मुकदमे में उसकी बेटी, बेटा, साल्वर व वाइस प्रिंसिपल वांटेड है। अब पुलिस प्रिंसिपल समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भेजेगी। बताया गया कि जिस आरोप में गिरफ्तारी हुई है, उसमें निलंबन होना तय है।