नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को 15 मई को दिलाई जाएगी शपथ, उसके बाद ब्लाक प्रमुख व जिला प्रमुख का होगा चुनाव – new gram pradhan take oath 2021
लखनऊ – त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना पूरी होने के बाद नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों की तैयारी शुरू हो गई है। 15 मई तक शपथ ग्रहण कराने के बाद 29 मई तक जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निपटाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव के अनुसार पहले जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाएंगे तब क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लाक प्रमुख) का चुनाव कराया जाएगा। पंचायतीराज विभाग ने क्षेत्र पंचायत प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। ब्लॉक प्रमुख के चुनाव 14 से 17 मई के बीच कराने की योजना है।
सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव 20 से 27 मई के मध्य कराए जा सकते हैं। इससे पहले नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों व ग्राम पंचायत सदस्यों के शपथ ग्रहण और पहली बैठक कराने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। 12 से 15 मई तक शपथ ग्रहण कराने की योजना है। 15 मई को प्रदेश में एक साथ नवगठित ग्राम सभा की पहली बैठक कराने का प्रस्ताव है। बैठक के दिन से ही ग्राम पंचायतों के कार्यकाल की शुरुआत मानी जाएगी।
उधर जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर जोड़तोड़ तेज हो गई है। जिला पंचायत सदस्यों में निर्दल व छोटे दलों के सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण विजयी सदस्यों को अपने पक्ष में करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चुनाव की आपराधिक घटनाओं में 62 फीसद की कमी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : कोरोना संक्रमण की चुनौतियों के बीच भी पुलिस पिछले पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार अपना रिकार्ड सुधारने में कामयाब रही है। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव के मुकाबले इस बार पंचायत चुनाव के दौरान आपराधिक घटनाओं में 62 फीसद की कमी दर्ज की गई है। एडीजी ने दोनों पंचायत चुनाव के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों का आंकड़ा भी साझा किया। उनका कहना है कि इस बार हुई गंभीर घटनाओं में आरोपितों के विरुद्ध एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) व गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही है। लखनऊ व गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट समेत 20 जिले ऐसे हैं, जहां पंचायत चुनाव के दौरान एक भी घटना नहीं हुई। एडीजी का कहना है कि इस बार पंचायत चुनाव के दौरान प्रदेश में कुल 301 घटनाएं हुईं, जिनमें हत्या के 10, हत्या के प्रयास के 64, बलवा के 71, बूथ लूटने के तीन, मतपेटी लूट के 13, मतपत्र फाड़ने या लूटने के 10, मतदान केंद्र पर मारपीट के आठ, मतदान कर्मियों के साथ बदसलूकी व मारपीट के 17 तथा अन्य मारपीट व विवाद के 105 मुकदमे शामिल हैं।