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मैं यह नहीं जानता हूं कि इस घटना के बारे में क्या कहूं क्या लिखा है कि कम से कम बेटियों को गोडसे बनने का वक्त आ गया है गांधी बनेंगे तो सरेआम फूंक दी जाएगी

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RIPPriyankaReddy….

एक युवा कर्मठ पशु चिकित्सक प्रियंका रेड्डी। तेलंगाना की युवती जो रात नौ बजे अपनी ड्यूटी से वापस आ रही है। स्कूटी पंचर देख, अपनी बहन को फोन करके कहती है…स्कूटी खराब है, डर लग रहा है। बहन, उस जगह से हटने और कैब लेने के लिए कहती है। कुछ देर में प्रियंका फिर अपनी बहन को फोन करके कहती हैः कुछ लोग मदद के लिए आए हैं। मैं देखती हूं।

छोटी बहन वापस फोन लगाती है…फोन स्विचऑफ….अनर्थ की आशंका और यह शंका-आशंका अब प्रियंका की बहन और उनके परिवार के लिए जीवन भर का झुलसता दर्द है। अब वे रोज उस दर्द की आग को महसूस करेंगे जिसमें उनकी होनहार-काबिल-सुंदर-डॉक्टर बहना-बिटिया का सामूहिक बालात्कार कर जिंदा जला दिया गया। हम हर बार शोक मनाते हैं….मोम्बत्तियां जलाते हैं…ट्विटर पर हैशटेग को टॉप ट्रेंड कराते हैं….सोशल पर रोते हैं…चिल्लाते हैं ….फिर अपने-अपने दायरे में सिमट जाते हैं। इस बार हैशटेग बदल ही जाना चाहिए….हमेशा के लिए…हमें अपने ‘समाज को ही रेस्ट इन पीस’ लिख देना चाहिए। जाए किसी ‘कब्र में दफन’ हो जाए।

सोचिए ना, एक पढ़ी-लिखी काबिल युवती सिर्फ स्कूटी पंचर होने से डरने लगती है….क्यों….हम सब समाज में रह रहे हैं।
सोचिए ना, कुछ लोगों का समूह मदद के लिए आता है, वह विश्वास में आ जाती है…क्यों…हम सब समाज में रह रहे हैं ना।
कुछ लोगों का वह समूह दरिंदगी की हर हद पार करता है….क्यों….फिर वही हम समाज में ही रह रहे हैं ना।

यह समाज, यह समूह किस काम का…क्यों ना इसे दफना दिया जाए। रेस्ट इन पीस कहकर…क्योंकि आज फिर जब हम सब मातम मना रहे हैं….हमारे ही देश में…हमारे ही प्रदेश में…हमारे ही शहर में…हमारे ही समाज में….किसी और काबिल प्रियंका के शरीर पर दुर्दांत रूप से कब्जा कर उसे जिंदा आग के हवाले किए जा रहा होगा….सच #RIP_समाज…कम से कम तुम्हारे होने का भ्रम तो खत्म हो।

ईश्वर से प्रार्थना और भारत सरकार से अनुरोध है उन हैवान दरिंदों को उसी तरह जिंदा जला दिया जाए | #RIPPriyankaReddy 

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