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गांधी परिवार को वर्षों से मिल रही SPG सुरक्षा हटी, जानें- X, Y, Z, Z+ व SPG सुरक्षा में अंतर

एसपीजी का गठन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था। गांधी परिवार एकमात्र फैमिली है जिसे स्थाई तौर पर कई वर्षों से ये सुरक्षा मिली हुई थी।…

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री मोदी लगातार देश से वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात करते रहे हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने अपने ही मंत्रियों और नेताओं की गाड़ी से लाल बत्ती व हूटर हटवाकर की थी। वीआईपी कल्चर को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार लगातार वीआईपी लोगों की सुरक्षा में भी कटौती कर रही है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने अब गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने का बड़ा फैसला लिया है।

मालूम हो कि गांधी परिवार को वर्षों से एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है। ये पहली बार है जब केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने जा रही है। इसकी जगह गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लास (Z+) कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक हंगामा भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हमलावर हो गई है। ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है एसपीजी सुरक्षा? किन लोगों को मिलती है ये सुरक्षा और देश में कितनी तरह की वीआईपी सुरक्षा हैं?

1988 में गठित हुई थी एसपीजी

एसपीजी का गठन वर्ष 1988 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य ही प्रधानमंत्री और उनके परिवार समेत विशिष्ट लोगों को खास सुरक्षा प्रदान करना था। इसकी आवश्यकता पहली बार वर्ष 1984 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस की गई थी। इसके बाद आईबी के एक विभाग के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का फैसला लिया गया था। एसपीजी के गठन से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा के पास थी।

ये है देश में VIP सुरक्षा का ढ़ांचा

1. SPG सुरक्षा

विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा फोर्स है, जो बहुत सीमित लोगों को प्रदान की जाती है। एसपीजी की सुरक्षा चार स्तर की होती है। वर्तमान में एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी को प्राप्त है। प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति के अलावा एकमात्र गांधी परिवार को ही ये सुरक्षा वर्षों से स्थाई तौर पर मिली हुई थी।

मालूम हो कि गांधी परिवार को वर्षों से एसपीजी सुरक्षा मिली हुई है। ये पहली बार है जब केंद्र सरकार गांधी परिवार को मिली एसपीजी सुरक्षा हटाने जा रही है। इसकी जगह गांधी परिवार को सीआरपीएफ की जेड प्लास (Z+) कैटेगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार की इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक हंगामा भी खड़ा हो गया है। कांग्रेस केंद्र के इस फैसले के खिलाफ हमलावर हो गई है। ऐसे में आइये जानते हैं, क्या है एसपीजी सुरक्षा? किन लोगों को मिलती है ये सुरक्षा और देश में कितनी तरह की वीआईपी सुरक्षा हैं?

गृहमंत्रालय करता है सुरक्षा की समीक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली सुरक्षा का मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के एक विभाक के रूप में काम करती है। गृह मंत्रालय वक्त-वक्त पर वीआईपी सुरक्षा की समीक्षा करता रहा है। इसके मुताबिक सुरक्षा को नियमित अंतराल पर घटाया या बढ़ाया जाता है। गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाने से पहले केंद्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी हटा चुकी है। इसकी जगह उन्हें भी जेड़ प्लस सुरक्षा दी गई है। VIP सुरक्षा के लिए देश में एसपीजी के अलावा X, Y, Z और Z+ सुरक्षा की व्यवस्था है।

इन्हें मिलती है एसपीजी सुरक्षा

स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (विशेष सुरक्षा दल) देश का एक अतिविशिष्ट सुरक्षा बल है। एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री, उनके परिवार, पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति को मिलती है। पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को पद छोड़ने के बाद एक वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है। इसे देश की सबसे प्रोफेशल और आधुनिक वीआईपी सुरक्षा मानी जाती है। एसपीजी प्रधानमंत्री को 24 घंटे विशेष सुरक्षा घेरे में रखती है। पीएम के अलावा उनके आवास, विमान, कार्यालय, वाहन जैसे उनके संभावित भ्रमण स्थलों सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी की होती है। इसके लिए एसपीजी को विशेष प्रशिक्षण और विशेष संसाधन मुहैया कराए जाते हैं, जो किसी और सुरक्षा बल के पास नहीं हैं। देश के अंदर हो या विदेश में एसपीजी हर वक्त साए की तरह प्रधानमंत्री के साथ रहती है।

1988 में गठित हुई थी एसपीजी

एसपीजी का गठन वर्ष 1988 में किया गया था। इसके गठन का उद्देश्य ही प्रधानमंत्री और उनके परिवार समेत विशिष्ट लोगों को खास सुरक्षा प्रदान करना था। इसकी आवश्यकता पहली बार वर्ष 1984 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद महसूस की गई थी। इसके बाद आईबी के एक विभाग के तौर पर सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत एक विशेष सुरक्षा दल के गठन का फैसला लिया गया था। एसपीजी के गठन से पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा के पास थी।

ये है देश में VIP सुरक्षा का ढ़ांचा

1. SPG सुरक्षा

विशेष सुरक्षा दल यानि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) देश की सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा फोर्स है, जो बहुत सीमित लोगों को प्रदान की जाती है। एसपीजी की सुरक्षा चार स्तर की होती है। वर्तमान में एसपीजी की सुरक्षा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी को प्राप्त है। प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री व पूर्व राष्ट्रपति के अलावा एकमात्र गांधी परिवार को ही ये सुरक्षा वर्षों से स्थाई तौर पर मिली हुई थी।

2. Z+ सुरक्षा

एसपीजी के बाद जेड प्लस देश में दूसरे कैटेगरी की वीआईपी सुरक्षा है। जेड प्लस तीन स्तर की सुरक्षा होती है। इसके तहत कुल 36 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं। इनमें 10 एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो पहले घेरे अथवा प्रथम स्तर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते हैं। इसके बाद एनएसजी के अन्य जवान दूसरे लेयर की सुरक्षा संभालते हैं। तीसरे घेरे की जिम्मेदारी अर्धसैनिक बलों जैसे आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ आदि के जवानों को शामिल किया जाता है। जेड़ प्लस सुरक्षा आम तौर पर उन्हीं केंद्रीय मंत्रियों या विशिष्ट अतिथियों को दी जाती है, जिन्हें आतंकी खतरा हो।

3. Z सुरक्षा

देश में ये तीसरे नंबर की वीआईपी सुरक्षा होती है। जेड सुरक्षा में कुल 22 जवान होते हैं। इनमें से चार-पांच एनएसजी के विशेष कमांडो होते हैं, जो करीबी लड़ाई की कई विधाओं में पारंगत होते हैं। ये कमांडो बिना हथियार के भी दुश्मन का मुकाबना करने में माहिर होते हैं। इसके लिए इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। एक एस्कॉर्ट वाहन भी सुरक्षा में शामिल होता है। एनएसजी कमांडो टुकड़ी के अलावा जेड सुरक्षा में दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ के जवानों को भी शामिल किया जाता है।

4. Y सुरक्षा

वीआईपी सुरक्षा में चौथे स्थान पर आने वाली Y श्रेणी की सुरक्षा सबसे कॉमन है। ज्यादातर वीआईपी को गृहमंत्रालय की तरफ से Y श्रेणी की ही सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इसमें कुल 11 जवान शामिल होते हैं। इसमें एक या दो कमांडों, दो पीएसओ और शेष अर्धसैनिक बलों के जवान होते हैं।

5. X सुरक्षा

वीआईपी को दी जाने वाली ये शुरूआती सुरक्षा सिस्टम है। एक्स श्रेणी में केवल दो सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक पीएसओ भी होता है।

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