यूपी में 41 हाईस्कूल, 12 इंटरमीडिएट होंगे अपग्रेड, स्मार्ट क्लास के लिए भी मिला बजट

प्रदेश में अब 41 और सरकारी हाईस्कूल होंगे। वहीं 12 हाई स्कूलों को इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में उच्चीकृत किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 47 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।

41 उच्च प्राइमरी स्कूलों को हाईस्कूल में अपग्रेड किया जाएगा। वहीं 41 हाईस्कूलों में इंटरमीडिएट के दो-दो सेक्शन खोल कर उन्हें इंटरमीडिएट कॉलेजों के रूप संचालित किया जाएगा। इनमें विज्ञान वर्ग की कक्षाएं भी संचालित होंगी। हाईस्कूल में भी दो-दो सेक्शन खोले जाएंगे। हाईस्कूल के लिए 77.56 लाख रुपये प्रति यूनिट और इंटरमीडिएट के लिए 16.38 करोड़ रुपये प्रति यूनिट की दर से केन्द्र सरकार ने बजट मंजूर किया है। स्कूलों की सूची भी जारी कर दी है।

यूपी में 30 हजार स्कूल माध्यमिक स्तर के हैं। इनमें केवल आठ फीसदी स्कूल ही सरकारी हैं। यूपी में 2395 सरकारी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्कूल हैं।

स्मार्ट क्लास के लिए भी मिला बजट
543 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूप भी दिए जाएंगे 2.40 लाख रुपये यूनिट यानी 13 करोड़ का बजट दिया जा रहा है।

प्रदेश के 949 जूनियर स्कूलों में अगले सत्र से चलेगी स्मार्ट क्लास, देखें जनपदवार चयनित विद्यालयों की संख्या

प्रदेश के 949 जूनियर स्कूलों के विद्यार्थी अगले सत्र से स्मार्ट क्लास में पढ़ सकेंगे बेसिक शिक्षा विभाग ने स्मार्ट क्लास के लिए कम्पनियों से प्रस्ताव मांगे हैं। इसके लिए दिए जा रहे लैपटॉप में सिम स्लॉट होगा और 10 जीबी का प्रतिमाह डाटा दिया जाएगा। करार होने के 60 दिनों के भीतर स्मार्ट क्लास का सेटअप कम्पनियों को स्कूल में लगाना होगा। लगभग 300 स्मार्ट क्लास आकांक्षी जिलों में लगाए जाएंगे।

राज्य सरकार 26 जिलों के 949 उच्च प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास लगवाएगी, जिसमें सभी आठ आकांक्षी जिले शामिल हैं। अभी तक लगभग पांच हजार स्कूल अपने संसाधनों से स्मार्ट क्लास चला रहे हैं। कक्षा 6 से 8 तक का पाठ्यक्रम व विषवार कंटेंट इसमें पहले से लोड किया जाएगा।

एससीईआरटी ने जितना भी डिजिटल कंटेंट विकसित किया है उसे डिजिटल लाइब्रेरी में रखा जाएगा । इसके लिए ऐसी व्यवस्था विकसित की जाएगी कि शिक्षक आसानी से इसे इस्तेमाल कर सके। दीक्षा, प्रेरणा, मानवसंपदा व समर्थ इसमें इंस्टाल किया जाएगा। जिस भी कम्पनी से ये लैपटॉप, प्रोजेक्टरव अन्य हार्डवेयरखरीदे जाएंगे, उनकी तीन साल की देखरेख का जिम्मा कंपनी का होगा।


इसके अलावा कम्पनी को प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को स्मार्ट क्लास चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। स्मार्ट क्लास के लिए हेल्पडेस्क व ऑनलाइन सपोर्ट देने का जिम्मा भी कम्पनी को उठाना होगा।