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69 हजार शिक्षक भर्ती: रद्द नहीं होगी भर्ती, जानिए इसमें कितने हैं कानूनी दांवपेंच

69 हजार शिक्षक भर्ती: रद्द नहीं होगी भर्ती, जानिए इसमें कितने हैं कानूनी दांवपेंच

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की चल रही भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया में काउंसलिंग के समय स्टे का ग्रहण लगने के बाद विवादों का साया लगातार बढ़ता जा रहा है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) की परीक्षा के दौरान हुई नकल को लेकर हर दिन हो रहे नए खुलासे जहां सरकार के चुनौती बन रहे हैं, तो वहीं हाईकोर्ट में लगातार पड़ रही अर्जियां इस भर्ती को पूरा करने में बहुत बड़ी बाधा बन रही है। नकल के खुलासे और हाईकोर्ट (High Court) में लगातार बढ़ती जा रही रिट के बीच में भर्ती (69000 Assistant Teachers) को पूरा करना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट (Supream Court) में शिक्षामित्र (Shikshamitra) मामला लेकर पहुंच गए हैं, तो एमआरसी (MRC) , एनओसी (NOC) , भारांक, कम आरक्षण सहित अन्य मुद्दों को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट (High Court) में रिट दाखिल की है।

यही नहीं, इस भर्ती में आए दिन हो रहे नए खुलासे सरकार के लिए और मुसीबत बनते जा रहे हैं। परीक्षा के दौरान हुई नकल को लेकर लगातार विपक्ष हावी है और लगातार परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहा है। मीडिया में आए दिन बनने वाली सुर्खियां अभ्यर्थियों से लेकर सरकार तक की मुसीबत बढ़ा रही है।

वहीं, अभ्यर्थियों के परिजन अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत ही परेशान दिख रहे हैं। बता दें एक जून को जिला आबंटन की सूची जारी होने के बाद लिस्ट से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों ने कानूनी लड़ाई में भर्ती को पेचीदा बना दिया है। कानूनी लड़ाई में त्रुटि संशोधन और अर्हता (22 दिसम्बर 2018 के बाद बैकपेपर वाले करने वाले अभ्यर्थी) अभ्यर्थी के केस को हाईकोर्ट (High Court) खारिज कर चुका है। इसके बाद भी कई मुद्दों पर कानूनी लड़ाई इस भर्ती में लड़ी जानी शेष है।

वहीं, अधिकारियों ने भी इस बार मानकों को ध्यान में नहीं रखा है, जिसकी वजह से अब अधिकतर मामले कोर्ट में ही खिंच रहे हैं। सभी अपने न्याय की गुहार कोर्ट (Superme Court & High Court) से लगा रहे हैं। इंडिया वेव आपको बता रहा है कि इस भर्ती में आखिर कितने लोगों ने अब तक हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है और आखिर यह परीक्षा क्यों रद्द नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) की तरफ से 69 हजार शिक्षकों (69000 Assistant Teachers) के लिए निकाली गई भर्ती में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस परीक्षा में नकल कराने से लेकर ओएमआर (OMR) की स्क्रीनिंग तक में धांधली की बात निकलकर सामने आ रही है। ओएमआर सीट (OMR Sheet) की स्क्रीनिंग के दौरान कम्पनियों से कई फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया, ऐसा मीडिया की सुर्खियां बन रही है। इसके अलावा प्रयागराज के सेंटर्स में हुई नकल से सभी वाकिफ हो चुके हैं।

इस शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teachers) में अधिकतर टॉपर प्रयागराज के सेंटरों से ही निकले हैं। प्रयागराज के सेंटर्स को लेकर एसटीएफ (Special Task Force) भी काफी सक्रिय है। वहीं, प्रयागराज पुलिस (Prayagraj Police) ने इस मामले में अहम खुलासा करके यहां से चल रहे पूरे गैंग का पर्दाफाश किया है। इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) में नकल की बू आते ही विपक्ष लगातार हावी है।

कांग्रेस जहां इस पूरी भर्ती (69000 Assistant Teachers) प्रक्रिया की जांच न्यायालय के जज की निगरानी में कराने की मांग कर रही है, तो वहीं बसपा और सपा सीबीआई (CBI) से मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं। विपक्ष के लगातार हावी होने पर सरकार ने भर्ती (69000 Assistant Teachers) की जांच एसटीएफ को सौंप दी है। अब इस मामले की जांच एसटीएफ (Special Task Force) कर रही है।

वहीं, कुछ संगठनों की तरफ से इस भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा को रद्द कराए जाने की भी लगातार मांग उठ रही है। अभ्यर्थियों की तरफ से भले ही भर्ती (69000 Assistant Teachers) परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग उठ रही हो, लेकिन सरकार इस भर्ती (69000 Assistant Teachers)प्रक्रिया को रद्द करने के इरादे में बिल्कुल ही नहीं है।

सरकार इस भर्ती को रद्द नहीं करेगी और विपक्ष को अगर इस परीक्षा को रद्द कराना है तो कोर्ट में कम से कम परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का 10 प्रतिशत नकल में शामिल होने का प्रूफ देना होगा। नियमानुसार 10 प्रतिशत धांधली साबित होने के बाद ही परीक्षा रद्द करने पर विचार हो सकता है।

भर्ती (69000 Assistant Teachers) को रद्द कराने की मांग करने वाले अगर साक्ष्यों के आधार पर यह साबित कर दें कि कि परीक्षा में सफल 146060 अभ्यर्थियों में से 10 प्रतिशत लोग धांधली से पास हुए हैं तभी परीक्षा निरस्त हो सकती है। बता दें विपक्ष लगातार इस भर्ती पर सवाल उठा रहा है कि परीक्षा में जमकर धांधली की गई है।

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मायावती और सपा शासन काल में हुई पूरी हुई 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती (72825 Assistant Teachers) में भी जमकर धांधली का आरोप लगाया गया था। अभ्यर्थियों ने नकल होने की बात करते हुए भर्ती को रद्द कराए जाने की मांग की थी और इस मुद्दे को लेकर लोग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उस समय जस्टिस रहे दीपक मिश्रा ने वकीलों से कहा था कि आपको भर्ती (72825 Assistant Teachers) परीक्षा में पास 2 लाख 72 हजार से ऊपर पास अभ्यर्थियों की योग्यता पर शक है।

यही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा था कि क्यों न वकील साहेब आप पर वकालत करने की पाबंदी के लिए बार एसोसिशन ऑफ इंडिया को पत्र लिख दिया जाए और अभ्यर्थियों पर जुर्माना लगा दिया जाए। जस्टिस दीपक मिश्रा ने वकीलों से कहा था कि आप इस भर्ती में 10 प्रतिशत नकल साबित कर दीजिए, हम परीक्षा को रद्द कर देंगे। हालांकि अभ्यर्थियों के वकील ऐसा नहीं कर पाए थे और यह परीक्षा रद्द नहीं हुई।

आज 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में पास 66,655 शिक्षक प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि 72,825 परीक्षा में फेल एक अभ्यर्थी ने पेपर रद्द कराने के लिए याचिका की थी जिस पर कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि उसने टीईटी 2011 में पास 2 लाख 72 हजार लोगों की प्रतिभा पर शक किया है।

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