69000_की_लिस्ट_जिला_आवंटन_लिस्ट_है_न_कि_मेरिट_लिस्ट_है।
👉उस लिस्ट के अनुसार जैसे कोई ओबीसी कैटगरी का अभ्यर्थी है, और उसके सामान्य के बराबर है तो उसको पास का जिला देने के लिये ओबीसी में रखा गया है।। जैसे मान लीजिये की किसी सामान्य अभ्यर्थी का गुणांक 75 है, और ओबीसी अभ्यर्थी का गुणांक सामान्य में 75 है तो उसको उठा कर ओबीसी में भेज दिया गया, और उसकी नियुक्ति ओबीसी कैटगरी में की गई और उसको गृह जनपद मिल गया।
👉 जो लिस्ट आयी है जिसको लोग कह रहे 34500 के ऊपर सामान्य की कैसे गयी? जब हाइमेरिट ओबीसी अभ्यर्थी को ओबीसी के अनुसार जिला आवंटन किया गया तो वह अभ्यर्थी ओबीसी में आ गया। मतलब जब बीच मे जिला आवंटन की लिस्ट में अगर कोई ओबीसी अभ्यर्थी आपको दिख रहा वह सामान्य में नही है वह ओबीसी की एक सीट ले रहा, इसी प्रकार एससी अभ्यर्थी के साथ किया गया।।
👉जब 34500 में 18630 ओबीसी अभ्यर्थी को ओबीसी एवं अन्य 1000 से 2000 एससी अभ्यर्थी को उनकी कैटगरी का मान के जिला आवंटित किया तो स्वाभाविक सी बात है कि सामान्य की सीट 34500 के ऊपर जाएगी, अब जो ओबीसी के अभ्यर्थी ओबीसी में थे तो उनको अनारक्षित की रिक्त हुई ओबीसी की सीटों में जिला आवंटन कर दिया गया।
👉 क्योंकि वह ओबीसी के कैटगरी वाले अभ्यर्थी थे, इसलिये वह सामान्य के साथ फाइट नही कर सकते थे तो उनको क्रम से 52 हजार के बाद जिला आवंटन कर दिया गया।। इसी प्रकार एससी अभ्यर्थियों के साथ किया गया है।।
हम 20 सीट के अनुसार एक उदाहरण देखते है-
मान लीजिये इस 20 सीट में 10 सामान्य के है, 5 ओबीसी की, 4 एससी की शेष अन्य की।
इसमे मान लीजिये अनारक्षित की सीट में चयनित अभ्यर्थी इस प्रकार है-
1- 80 गुणाक ( सामान्य)
2- 79 गुणाक ( सामान्य)
3- 78 गुणाक ( ओबीसी)
4- 77 गुणांक ( ओबीसी)
5- 76 गुणांक ( एससी)
6- 75 गुणाक ( सामान्य)
7- 74 गुणाक ( ओबीसी)
8- 73 गुणाक ( सामान्य)
9- 72 गुणांक ( एससी)
10- 71 गुणांक ( सामान्य)
अब बात करते है ओबीसी के मेरिट लिस्ट की-
1- 70 गुणांक( ओबीसी)
2- 69 गुणांक (ओबीसी)
3- 68 गुणाक ( ओबीसी)
4- 67 गुणांक (ओबीसी)
5- 66 गुणाक (ओबीसी)
अब बात करते है एससी अभ्यर्थी का-
1- 70 गुणाक (एससी)
2- 68 गुणाक ( एससी)
3- 66 गुणांक ( एससी)
4- 64 गुणाक ( एससी)
अब हम इसके अनुसार जिला आवंटन करते है, जैसे 69000 कि लिस्ट आयी है बिल्कुल वैसे-
1- 80 गुणांक( सामान्य) – प्रयागराज
2- 79 गुणाक ( सामान्य)- कानपुर
3- 78 गुणांक (ओबीसी लिस्ट में भेजा गया, गृह जनपद के लिये)- लखनऊ
4- 77 गुणांक ( ओबीसी लिस्ट में भेजा गया, गृह जनपद के लिये)- आगरा
5- 76 गुणाक ( एससी लिस्ट में भेजा गया, गृह जनपद के लिये)
6- 70 गुणांक ( ओबीसी, अन्य जनपद) [क्योंकि इनकी सीट में ओबीसी उच्च मेरिट वर्ग के अभ्यर्थी गए है, तो यह सामान्य की सीट में जिला लेने आये है]
7-69 गुणांक (ओबीसी, अन्य जनपद, उपरोक्त की तरह)
8- 75 गुणांक (सामान्य, गृह जनपद)
9- 74 गुणाक ओबीसी ( गृह जनपद)
10- 68 गुणाक (ओबीसी अन्य जनपद)
11- 73 गुणांक ( सामान्य, गृह जनपद)
12- 72 गुणांक ( एससी, गृह जनपद)
13- 70 गुणाक ( एससी, अनारक्षित में भेजा गया सीट के लिये)
14- 71 गुणांक ( सामान्य)
अब आप देख रहे होंगे कि सामान्य की सीट 10 थी, किस प्रकार से वह जिला आवंटन में 14 नम्बर पर आया।
क्योंकि जितने ओबीसी अभ्यर्थी अनारक्षित से अपनी कैटगरी में जाएंगे, ठीक उसी के नीचे जिला आवंटन में ओबीसी कैटगरी से उठा कर उतने अभ्यर्थी अनारक्षित में लाकर सीट आवंटन करेंगे।
अब शेष जो 2 ओबीसी के अभ्यर्थी बच रहे, उनको ओबीसी में ही रख दिया जाएगा-
15- 67 गुणांक ( ओबीसी, अन्य जनपद)
16- 66 गुणांक ( ओबीसी, अन्य जनपद)
अब लोग कहेंगे 16 वें नम्बर पर तो एससी की सीट है सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया।
इसी प्रकार एससी की सीट आगे जारी रहेगी।।
कुल मिलाकर उन्ही अभ्यर्थी में ऊपर नीचे करके जिला आवंटन किया गया, न किसी के आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया गया, और उसी अनुसार जिला आवंटन किया गया।।
सरकार इसी के अनुसार जवाब लगाएगी, तब आप मेरी इस पोस्ट को देख लेना। (basicshikshak.com)
जो इस पोस्ट को समझ गए शुक्रिया, जो जानकर नही समझना चाह रहे, उनको बाद में समझ आ जायेगा।
सीट खाली कहाँ हुई अदला बदली हो गई।।
प्रश्न — लेकिन जो जनरल फाइट था ओबीसी वाला उसकी सीट जो खाली हुई उसमे किसका सिलेक्शन हुआ इसको थोड़ा कंफर्म करें क्योंकि ये नही समझ मे आया
उत्तर — जैसे आरक्षित में 12 हज़ार ओबीसी फाइट कर रहे थे, तो 12 हज़ार को उठा कर उनकी कैटगरी में डाल दिया गया है, और कैटगरी से 12 हजार लेकर आरक्षित की सीटो में आवंटन कर दिया गया। शेष जो 6 हज़ार ओबीसी बचे है उनको 52 हज़ार के बाद दिखाया गया तभी 52 हज़ार के बाद लगभग 6 हज़ार ओबीसी है जो कि लग रहा उन्होंने एससी की सीट ले लिया
मतलब उसमे low मेरिट ओबीसी वाले को डाल दिया गया
👉सबसे महत्वपूर्ण बात ध्यान देने योग्य
👉ओबीसी की सीट छोड़ी नही गयी अदला बदली की गई है, जैसे मान लीजिये 12 हज़ार ओबीसी ने अनारक्षित में फाइट किया तो उन 12 हज़ार को ओबीसी का मानते हुए, ओबीसी की सीट दे दी गयी, और ओबीसी के 12 हज़ार को अनारक्षित की सीट दे दी गयी, जो कि क्रम से 52 हज़ार तक लगे है, शेष 6 हज़ार ओबीसी क्रम से 52 हज़ार के बाद है।। अब ओबीसी की संख्या 84000 है तो क्या .40 में 6 हज़ार अभ्यर्थी नही हो सकते?
इस प्रकार पहले तो 69000 लोगो की नार्मल आरक्षण के हिसाब से लिस्ट तैयार की गई, उसके पश्चात जिला आवंटन MRC के अनुसार किया गया।
तो बात सिर्फ इतनी है कि MRC की वजह से सिलेक्शन किसी का नही रुका, सिर्फ जिला मिलने में अंतर आया है।
कुछ लोगो को अभी भी अनियमितताएं नज़र आएंगी, वो इसीलिए कि हमारे दिमाग मे सिर्फ Vertical Reservation रहता है, और हम भूल जाते है कि horizontal reservation नाम की भी एक चिड़िया होती है।
कुछ लोग कह रहे है gen और obc की कटऑफ में बहुत कम अंतर है
तो ऐसे लोगो से मैं ये कहना चाहता हूँ, यदि ओवरलैपिंग बिल्कुल भी नही हुई होती तो obc की cutoff UR से भी अधिक गयी होती। क्योंकि पास हुए OBC की संख्या उनकी आरक्षित सीट के सापेक्ष बहुत अधिक है।