एक तरफ न ही विभाग अक्टूबर की निर्धारित समयावधि में अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की विज्ञप्ति जारी कर सका है और न ही निर्धारित अवधि 31अक्टूबर तक स्वेटर का ही वितरण संभव हो पाया वहीं दूसरी तरफ मानव सम्पदा पोर्टल के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का एक नया खेल शुरू हो रहा है ,शिक्षकों से समस्त अभिलेख सी डी में बना कर देने को कहा जा रहा है,
प्राथमिक शिक्षक संघ की स्पष्ट मान्यता है कि जब हम सेवाओं में आते है तो स्कूल से लेकर बीएसए कार्यालय तक दर्जनों बार अपने सारे अभिलेखों की फाइल जमा करते है ,और सेवा पुस्तिका बनने के समय अनिवार्य रूप से 2पत्रवलियो में अभिलेख संरक्षित होते है आखिर वो पत्रावलियां कहा है और अगर वो गायब है तो उसका जवाबदेह कौन है ,बार बार शिक्षकों से अभिलेख मांगने का क्या औचित्य है बहुत से साथी जो रिटायरमेंट के करीब है उनके पास तो अभिलेख होना भी संभव नहीं है मान लिया जाए किसी के पास एकेडमिक अभिलेख होंगे भी लेकिन प्रथम नीउक्ती,पदोन्नति या चयन वेतनमान स्वीकृति जैसे आदेश होना संभव ही नही है ऐसे में ये आदेश पूरी तरह से अव्यवहारिक है ,बीएसए महोदय अपने स्टाफ और खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से स्वम पत्रावलियां खुजवा कर अभिलेख लोड कराए ,और अगर विभाग अपनी विफलता स्वीकार करता है हालांकि आरटीआई के तहत भी 30वर्ष तक रिकॉर्ड रखना विभाग की जिम्मेदारी बनती है तो हमारे साथी अपने अभिलेख दे तो सकते है लेकिन कोई भी टीचर सी डी बनाकर कदापि नहीं देगा
संघ स्पष्ट करना चाहता है कि अगर मानव सम्पदा फीडिंग के नाम पर किसी भी टीचर का उत्पीड़न हुआ या वेतन बाधित हुआ तो प्राथमिक शिक्षक संघ इसको बर्दाश्त नहीं करेगा
सुरेन्द्र गुप्ता अध्यक्ष
आराध्य शुक्ल मंत्री
प्राथमिक शिक्षक संघ सीतापुर