प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 5 साल की सेवा बाद मिलेगा पदोन्नति का मौका, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को करना होगा इंतजार
लखनऊ। प्रदेश में एक लाख 4 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में तीन लाख से अधिक सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 10 हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। वर्ष 2016 से ही इनकी पदोन्नति नहीं हुई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में वाद लंबित नहीं होने पर उन्हें सबसे पहले प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को करना होगा इंतजार
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति को लेकर उच्च न्यायालय में वाद विचाराधीन है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभाग के प्रमुख सचिव को मजबूत पैरवी कराकर मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया है, ताकि उच्च प्राथमिक अध्यापकों की पदोन्नति भी की जा सके।