शिक्षकों की भर्ती का आधार अलग-अलग, वरिष्ठता उलझी, 40 से अधिक जिलों में अब भी चल रही है प्रक्रिया

शिक्षकों की भर्ती का आधार अलग-अलग, वरिष्ठता उलझी

 
40 से अधिक जिलों में अब भी चल रही है प्रक्रिया
 
तीन मई तक आपत्तियों का किया जाएगा निस्तारण
लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की प्रक्रिया गुणांक के फेर में उलझती दिख रही है। क्योंकि शिक्षकों की नियुक्ति अलग-अलग साल में अलग-अलग आधार पर हुई है। हाल यह है कि तीन दर्जन से अधिक जिलों में अभी भी वरिष्ठता की आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो पाया है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है।
गत वर्षों में शिक्षकों की भर्ती अलग- अलग आधार पर हुई थी। कुछ शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर, कुछ की शैक्षिक प्रमाणपत्रों के प्रतिशत पर तो कुछ की हाईस्कूल व इंटर की मेरिट पर की गई है। वरिष्ठता तय करने के लिए कोई एक सामान्य फॉर्मूला तय न होने से गुणांक निकालने में दिक्कत हो रही है। इससे पदोन्नति की कार्यवाही भी उलझती जा रही है। यही वजह है कि अब तक छह बार इसकी तिथि बढ़ाई जा चुकी है।
शिक्षकों के अलग-अलग जिलों में तैनाती और वर्तमान में उनके तैनाती स्थल अलग-अलग होने से भी वरिष्ठता तय करने में समस्या आ रही है। शिक्षक इन कमियों को लेकर बार-बार पोर्टल पर आपत्ति दर्ज करा रहे हैं, लेकिन विभाग इनका निस्तारण नहीं कर पा रहा है। यही वजह है कि शिक्षकों की वरिष्ठता तय करने की प्रक्रिया दो माह से ज्यादा समय से चल रही है। इसके बाद भी यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
हाल में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 40 से अधिक जिलों में वरिष्ठता सूची पर शिक्षकों की आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया जा सका है। हालांकि शिकायतों के निस्तारण की तिथि तीन मई तक बढ़ाई गई है। शिक्षकों का कहना है कि इसके बाद भी विभाग सही से वरिष्ठता का निर्धारण नहीं तय कर पाएगा। क्योंकि इसमें गुणांक का मामला उलझा हुआ है।

प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 5 साल की सेवा बाद मिलेगा पदोन्नति का मौका, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को करना होगा इंतजार

प्राथमिक सहायक अध्यापकों को 5 साल की सेवा बाद मिलेगा पदोन्नति का मौका, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों को करना होगा इंतजार

लखनऊ। प्रदेश में एक लाख 4 हजार से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में तीन लाख से अधिक सहायक अध्यापक एवं प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। प्राथमिक विद्यालयों में 10 हजार से अधिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। वर्ष 2016 से ही इनकी पदोन्नति नहीं हुई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति में वाद लंबित नहीं होने पर उन्हें सबसे पहले प्राथमिक प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को करना होगा इंतजार


उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापकों की पदोन्नति को लेकर उच्च न्यायालय में वाद विचाराधीन है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने विभाग के प्रमुख सचिव को मजबूत पैरवी कराकर मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया है, ताकि उच्च प्राथमिक अध्यापकों की पदोन्नति भी की जा सके।