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यूपी पंचायत चुनाव : 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में खत्म हुआ प्रधानों का कार्यकाल, जानें क्या है नई व्यवस्था

यूपी पंचायत चुनाव : 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में खत्म हुआ प्रधानों का कार्यकाल, जानें क्या है नई व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की आधी रात के बाद 58 हजार ग्राम पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। गौतमबुद्ध नगर जिले के 88 और गोंडा के दस गांवों में प्रधान अपने पदों पर फिलहाल बने रहेंगे। प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद राज्य में पंचायत होने तक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव होने तक गांवों में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी एडीओ की तैनाती की जाएगी। इसके लिए जिला अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आधी रात के बाद प्रधानों से डोंगल वापस लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट अनरजिस्टर्ड कर दिए जाएंगे। 

22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची तैयार करने का अल्टीमेटमयूपी में 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। इस बार यूपी में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने हैं। जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं। यूपी में कुल 58758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। चुनाव आयोग ने इसको लेकर 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम भी अधिकारियों को दे दिया है।
2015 में एक लाख 80 हजार मतदान स्थल पर बने थे मतदान स्थल2015 के यूपी पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग के निर्देश पर एक लाख 80 हजार मतदान स्थल बनाए गए थे। एक मतदान स्थल पर लगभग एक हजार मतदाता की संख्या रखी गई थी। इस बार यह संख्या घटा दी गई है। अबकी से यह संख्या घटकर 800 ही रह जाएगी। मतदान केन्द्रों की संख्या करीब दो लाख है। चुनाव आयोग के मुताबिक यूपी में मतदान स्थलों की संख्या के ढाई गुना के हिसाब से लगभग पांच लाख से ऊपर मतपेटियों की जरूरत पड़ सकती है।
पुलिस ने भी शुरू की तैयारी, गांव-गांव में नेटवर्क बनाने पर जोर एडीजी प्रयागराज जोन प्रेमप्रकाश ने मातहतों को निर्देश दिए कि जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं। पेशबंदी को लेकर विवाद उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस पर नजर रखने के लिए गांवों में सूचनातंत्र को मजबूत रखें। इलाके हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाए। इनामी अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाएं। अवैध तरीके से बिक रहे शराब व गांजे पर रोक लगाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाही करने वाले जिम्मेदारों को पुलिस लाइन में संबद्ध किया जाए। वहीं  आईजी जोन लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में पुलिस के अधिकारियों के साथ कानून और व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। यहां उन्होंने अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने, महिला अपराधों पर सख्ती से निपटने को लेकर समीक्षा की। आईजी ने यहां पर पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के दिशा निर्देश भी जारी किए। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर भी मदद अफसरों से कहा कि गांव-गांव नेटवर्क तैयार करें।  पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियों के विषय में आईजी ने बताया कि पुलिस के अधिकारियों को गांव-गांव में आमद बढ़ाने लोगों से संवाद स्थापित करने के साथ ही गांव में नेटवर्क विकसित करने के लिए भी कहा गया है। जिससे पंचायत चुनावों पर पूरा खाका तैयार किया जाए। शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्राथमिकता है।

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