पंचायत चुनाव में जान गंवाने वाले कर्मियों को आर्थिक सहायता सर्वोच्च प्राथमिकता पर दिलाने के निर्देश, 3 दिन के अंदर ब्यौरा व प्रस्ताव गया मांगा
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पंचायत चुनाव:- मतदान कर्मियों का मतदान के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने संबंधी आदेश
पंचायत चुनाव : चुनाव को ब्लाकों से रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाला है, पंचायत चुनाव का बोझ ब्लाकों पर उठाया जायेगा। मतगणना से लेकर पोलिंग पार्टियों तक की तैयारी ब्लाकों से होने लगी है। निर्वाचन विभाग ने भी साफ कर दिया है कि ब्लाकों मतपेटिकायें जायेंगी और मरम्मत की पर ही जायेंगी। गांवों में हर बूथ पर तीन से पांच मिलेंगी मतपेटियां दी जायेंगी।
जिले में 1,037 ग्राम पंचायतों पर पंचायत चुनाव किया जायेगा। इसके लिये जिले के 15 ब्लाकों पर पंचायत चुनाव की तैयारी होंगी और पोलिंग पार्टियों को रवाना करने की सभी व्यवस्था ब्लाक पर ही होंगी। इधर डीएम कुमार प्रशांत के बाद जिला निर्वाचन विभाग ने सभी बीडीओ और एडीओ को आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा कि ब्लाक ही निर्वाचन कार्यालय से मतपेटिकायें ले जायेंगे और चुनाव से पहले मरम्मत करा लें। इसके बाद ब्लाक से ही मत पेटियां रवाना होंगी और हाल में ग्राम पंचायत बार रखी जायेंगी। गोपनीय तरीके से बन रहा आरक्षण
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये बीडीओ और एडीओ सहित अफसरों को कमेटी में आरक्षण बनाने लगे हैं। आरक्षण बनाने के लिये एडीओ और बीडीओ लगे हुये हैं वह गोपनीय तरीके से एकांत जगह में आरक्षण बना रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ब्लाकों से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी इसलिये ब्लाकों पर ही मतपेटिकाओं की मरम्मत कराई जायेगी। ब्लाकों पर ही बीडीओ व एडीओ को जिम्मेदारी दी। डॉ.प्रमेंद्र सिंह पटेल, सहायक चुनाव अधिकारी
पंचायत चुनाव : चुनाव को ब्लाकों से रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाला है, पंचायत चुनाव का बोझ ब्लाकों पर उठाया जायेगा। मतगणना से लेकर पोलिंग पार्टियों तक की तैयारी ब्लाकों से होने लगी है। निर्वाचन विभाग ने भी साफ कर दिया है कि ब्लाकों मतपेटिकायें जायेंगी और मरम्मत की पर ही जायेंगी। गांवों में हर बूथ पर तीन से पांच मिलेंगी मतपेटियां दी जायेंगी।
जिले में 1,037 ग्राम पंचायतों पर पंचायत चुनाव किया जायेगा। इसके लिये जिले के 15 ब्लाकों पर पंचायत चुनाव की तैयारी होंगी और पोलिंग पार्टियों को रवाना करने की सभी व्यवस्था ब्लाक पर ही होंगी। इधर डीएम कुमार प्रशांत के बाद जिला निर्वाचन विभाग ने सभी बीडीओ और एडीओ को आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा कि ब्लाक ही निर्वाचन कार्यालय से मतपेटिकायें ले जायेंगे और चुनाव से पहले मरम्मत करा लें। इसके बाद ब्लाक से ही मत पेटियां रवाना होंगी और हाल में ग्राम पंचायत बार रखी जायेंगी। गोपनीय तरीके से बन रहा आरक्षण
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिये बीडीओ और एडीओ सहित अफसरों को कमेटी में आरक्षण बनाने लगे हैं। आरक्षण बनाने के लिये एडीओ और बीडीओ लगे हुये हैं वह गोपनीय तरीके से एकांत जगह में आरक्षण बना रहे हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ब्लाकों से पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी इसलिये ब्लाकों पर ही मतपेटिकाओं की मरम्मत कराई जायेगी। ब्लाकों पर ही बीडीओ व एडीओ को जिम्मेदारी दी। डॉ.प्रमेंद्र सिंह पटेल, सहायक चुनाव अधिकारी
त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचक्त नामावली 2020-21 के वृहद पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत बीएएल0ओ0 द्वारा घर-घर जाकर गणना किये जाने के सम्बन्ध में आदेश👇
ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों का नए सिरे से होगा आरक्षण, पंचायतीराज निदेशालय ने शासन को भेजा फॉर्मूला, एससी-ओबीसी की पिछली बार की आरक्षित सीटें जाएंगी बदल
ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों का नए सिरे से होगा आरक्षण, पंचायतीराज निदेशालय ने शासन को भेजा फॉर्मूला, एससी-ओबीसी की पिछली बार की आरक्षित सीटें जाएंगी बदल
यूपी पचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, पंचायतीराज मंत्री ने बताईं तारीखें, आरक्षण को लेकर इस बार होगी ये व्यवस्था
UP Panchayat Chunav 2021: पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए यूपी पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नए सिरे से आरक्षण तय किया गया गया था।
लखनऊ. UP Panchayat Chunav 2021: उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार जल्द ही इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है। यूपी के पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी चुनाव की तारीखों को लेकर ऐसे ही संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि 15 मार्च से अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच यूपी में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करवा लिए जाएंगे। पंचायतीराज विभाग इसी समय सीमा के आधार पर अपनी तैयारी कर रहा है।
वहीं इससे पहले ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के चलते फरवरी-मार्च में चुनाव होने की उम्मीद जताई जा रही थी। इसके साथ ही सरकार ने भी यह संकेत दिए थे कि पंचायत चुनाव बोर्ड परीक्षा से पहले करा लिये जाएंगे। जानकारी क मुताबिक आगामी 14 जनवरी को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा एक अहम बैठक भी लेने वाले हैं। जिसमें वह बोर्ड परीक्षा की तारीखों को लेकर कुछ फैसला भी कर सकते है।
15 मार्च से 7 अप्रैल के बीच चुनाव
पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायतों का चक्रानुक्रम आरक्षण शून्य कर के नए सिरे से आरक्षण तय किया गया गया था। मगर पिछले पांच चुनावों से जिला व क्षेत्र पंचायत में चक्रानुक्रम आरक्षण ही चल रहा है। इसलिए जिला व क्षेत्र पंचायतों के सदस्यों की सीटों का आरक्षण नए सिरे से तय किया जा सकता है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक 10 जनवरी को इसको लेकर एक अहम बैठक होने वाली है।
उन्होंने बताया कि जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बारे में शासनादेश जारी किया जाएगा, आरक्षण की प्रक्रिया के लिए अभी समय है। परिसीमन पूरा होने के बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
ऑनलाइन हो सकती है आरक्षण व्यवस्था
आपको बता दें कि साल 2015 के पंचायत चुनाव में सीटों का आरक्षण नए सिरे से हुआ था। 2015 में ग्राम प्रधान पद के लिए सीट जिन पंचायतों को आरक्षित की गई थी, उसके अधार पर इस बार बदलाव किया जाएगा। इस बार ग्राम पंचायतों में आरक्षण की व्यवस्था भी ऑनलाइन होने वाली है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के पंचायत चुनाव में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जो सभी तरह की सीटों में शामिल होंगी। इनमें ओबीसी, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण हैं। आरक्षण की रूप रेखा चक्रानुक्रम आरक्षण से तय होती है। चक्रानुक्रम आरक्षण का मतलब होता है कि आज जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित है, अगले चुनाव में वह सीट उस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं होगी। बल्कि किसी अन्य वर्ग के लिए वह सीट आरक्षित कर दी जाएगी।
बैलेट पेपर से होंगे पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव के लिए इस बार भी बैलेट पेपरों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए कुछ समय पहले ही जिलों में मतपत्र भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। वहीं इस बार ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इसके अलावा इस बार के पंचायत चुनावों में पढ़े-लिखे लोगों को लड़ने का मौका देने की बात की जा रही है।
🔴 पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का चक्रानुक्रम फार्मूला
✍️ – पहले एसटी महिला, फिर एसटी महिला/पुरुष।
✍️- पहले एससी महिला, फिर एससी महिला/पुरुष।
✍️ – पहले ओबीसी महिला, फिर ओबीसी महिला/पुरुष।
✍️- अगर तब भी महिलाओं का एक तिहाई आरक्षण पूरा न हो तो महिला।
✍️ – इसके बाद अनारक्षित।
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UP Panchayat Election: यूपी में 15 से 30 मार्च के बीच होंगे पंचायत चुनाव, 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन
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लखनऊ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तैयारी जोरों पर है. सरकार चुनावी तैयारी को अंजाम देने में लगी है. पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Chaudhary) ने न्यूज18 से बातचीत में कहा है कि 15 फरवरी तक नोटिफिकेशन आ जाएगा. 15 मार्च से 30 मार्च के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होगा. उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं के पुनर्गठन का कार्य पूरा हो चुका है. वार्डों का परिसीमन जारी है. चार जिले मुरादाबाद, गोंडा, संभल और गौतमबुद्धनगर का पूर्ण परिसीमन हो रहा है और बाकी जिलों का आंशिक परिसीमन का कार्य जारी है.
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि 14 जनवरी तक परिसीमन का कार्य पूरा हो जाएगा.
इसके बाद आरक्षण का काम पूरा किया जाएगा. गौरतलब है कि अब तक ग्राम पंचायत सीटों पर आरक्षण निर्धारण जनपद मुख्यालय स्तर पर होता था, मगर इस बार ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा, बीडीसी, प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर आरक्षण की ऑनलाइन व्यवस्था लखनऊ से तय होगी. पंचायतों में आरक्षण लागू करने के लिए राजस्व ग्रामों की जनसंख्या का आकलन किया जाएगा. पांच साल पहले चुनाव के समय ग्राम पंचायत की क्या स्थिति थी? वर्तमान में क्या स्थिति है, उसी आधार पर तय होगा कि उस ग्राम पंचायत की सीट किस प्रत्याशी के लिए आरक्षित होगी.
सरकार के काम का बीजेपी को मिलेगा फायदा
पंचायत चुनाव में बीजेपी को फायदा मिलेगा इसका क्या आधार है? के सवाल के जवाब में भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि पंचायती राज विभाग ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत ढाई करोड़ से अधिक शौचालय बनवाए गये हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय भी बनवाए गए हैं. ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 80,000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प हुआ है. सरकार के काम का फायदा पंचायत चुनाव में जरूर मिलेगा.निवर्तमान प्रधानों के नाम पुतवाने के निर्देश
विपक्ष के दावों पर मंत्री का जवाब था कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार होता है. विपक्ष भी चुनाव लड़े लेकिन काम करने का फायदा बीजेपी को ही मिलेगा. नोटिफिकेशन आने से पहले ग्राम प्रधानों के नाम लगे बोर्ड को पुतवाने का काम भी जिला पंचायत राज विभाग की तरफ से किया जाएगा. इसको लेकर डीपीआरओ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जनपद में जहां पर भी प्रधानों के नाम के बोर्ड लगे हैं, उन पर से प्रधानों के नाम को पुतवाया जाए. गौरतलब है कि ग्राम प्रधानों का बस्ता 25 दिसंबर को ही जमा हो चुका है.
यूपी पंचायत चुनाव : 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में खत्म हुआ प्रधानों का कार्यकाल, जानें क्या है नई व्यवस्था
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उत्तर प्रदेश में शुक्रवार की आधी रात के बाद 58 हजार ग्राम पंचायतों के प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। गौतमबुद्ध नगर जिले के 88 और गोंडा के दस गांवों में प्रधान अपने पदों पर फिलहाल बने रहेंगे। प्रदेश के पंचायतीराज विभाग ने प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो जाने के बाद राज्य में पंचायत होने तक नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर ली है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव होने तक गांवों में प्रशासक के रूप में सहायक विकास अधिकारी एडीओ की तैनाती की जाएगी। इसके लिए जिला अधिकारियों को जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आधी रात के बाद प्रधानों से डोंगल वापस लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट अनरजिस्टर्ड कर दिए जाएंगे।
22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची तैयार करने का अल्टीमेटमयूपी में 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी है। इस बार यूपी में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने हैं। जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं। यूपी में कुल 58758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायत और 75 जिला पंचायत हैं। चुनाव आयोग ने इसको लेकर 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम भी अधिकारियों को दे दिया है।
2015 में एक लाख 80 हजार मतदान स्थल पर बने थे मतदान स्थल2015 के यूपी पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग के निर्देश पर एक लाख 80 हजार मतदान स्थल बनाए गए थे। एक मतदान स्थल पर लगभग एक हजार मतदाता की संख्या रखी गई थी। इस बार यह संख्या घटा दी गई है। अबकी से यह संख्या घटकर 800 ही रह जाएगी। मतदान केन्द्रों की संख्या करीब दो लाख है। चुनाव आयोग के मुताबिक यूपी में मतदान स्थलों की संख्या के ढाई गुना के हिसाब से लगभग पांच लाख से ऊपर मतपेटियों की जरूरत पड़ सकती है।
पुलिस ने भी शुरू की तैयारी, गांव-गांव में नेटवर्क बनाने पर जोर एडीजी प्रयागराज जोन प्रेमप्रकाश ने मातहतों को निर्देश दिए कि जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं। पेशबंदी को लेकर विवाद उत्पन्न होने की संभावना रहती है। इस पर नजर रखने के लिए गांवों में सूचनातंत्र को मजबूत रखें। इलाके हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाए। इनामी अपराधियों की धरपकड़ में तेजी लाएं। अवैध तरीके से बिक रहे शराब व गांजे पर रोक लगाते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाही करने वाले जिम्मेदारों को पुलिस लाइन में संबद्ध किया जाए। वहीं आईजी जोन लखनऊ लक्ष्मी सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में पुलिस के अधिकारियों के साथ कानून और व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की। यहां उन्होंने अपराध व अपराधियों पर नकेल कसने, महिला अपराधों पर सख्ती से निपटने को लेकर समीक्षा की। आईजी ने यहां पर पुलिस अधिकारियों को विभिन्न प्रकार के दिशा निर्देश भी जारी किए। वहीं पंचायत चुनाव को लेकर भी मदद अफसरों से कहा कि गांव-गांव नेटवर्क तैयार करें। पंचायत चुनावों को लेकर तैयारियों के विषय में आईजी ने बताया कि पुलिस के अधिकारियों को गांव-गांव में आमद बढ़ाने लोगों से संवाद स्थापित करने के साथ ही गांव में नेटवर्क विकसित करने के लिए भी कहा गया है। जिससे पंचायत चुनावों पर पूरा खाका तैयार किया जाए। शांतिपूर्ण चुनाव कराना प्राथमिकता है।
यूपी में चार चरणों में एक साथ होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, हर वोटर को मिलेंगे 4 मतपत्र
यूपी में चार चरणों में एक साथ होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, हर वोटर को मिलेंगे 4 मतपत्र
प्रदेश में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य. क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के चुनाव इस बार एक साथ होंगे। अभी तक की तैयारियां मार्च 2021 में चुनाव कराने की हैं। आरक्षण का फार्मूला जल्द तय हो जाएगा। वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूर्ण कर ली जाएगी।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का कार्यकाल क्रमश: 25 दिसंबर, 14 जनवरी और 18 मार्च को समाप्त हो रहा है। 25 दिसंबर को आधी रात से ग्राम पंचायतें भंग हो जाएंगी। कोविड-19 के चलते प्रदेश में पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाए हैं।
ग्राम पंचायतों में 26 दिसंबर से विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ पंचायत) को प्रशासक नियुक्त कर दिया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिलाधिकारी और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लाक प्रमुख) का कार्यकाल पूरा होने पर उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को प्रशासक तैनात किया जाएगा। शासन ने पंचायत चुनावों कराने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर रखी है। सरकार की मंशा मार्च में पंचायत चुनाव कराने की है। पिछली बार ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव एक साथ हुए थे। क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के चुनाव अलग से हुए थे। इस बार समय बचाने के लिए चारों पदों के चुनाव एक साथ कराने की तैयारी है। यानी, एक मतदाता को इस बार चार बैलेट पेपर पर मुहप लगानी होगी। मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक पोलिंग स्टेशन पर ग्राम प्रधान-ग्राम पंचायत सदस्य और बीडीसी-जिला पंचायत सदस्य के लिए अलग-अलग बूथ बनाए जाएंगे। यानी, प्रत्येक बूथ में वोटर को दो बैलेट पेपर देकर भेजा जाएगा।
त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों का आरक्षण फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। पिछली बार क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों का आरक्षण चक्रानुक्रम में किया गया था जबकि ग्राम पंचायतों के आरक्षण की शून्य से शुरुआत हुई थी। इस बार आरक्षण का क्या फार्मूला होगा, यह जल्द ही तय हो जाएगा।
वार्डों का आरक्षण पूरा होने पर शासन इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को देगा। इसके बाद आयोग कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। राज्य सरकार चार चरणों में चुनाव कराना चाहती है।
चारों चरण का मतदान मार्च में होगा। कोशिश है कि 31 मार्च तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। पंचायतराज विभाग की अभी तक की तैयारियों के मुताबिक फरवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।वार्डों का आरक्षण फरवरी के तीसरे सप्ताह तकशासन ने पंचायत चुनाव मार्च में कराने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी प्रारंभ कर रखी है। आरक्षण का फॉर्मूला जल्द तय हो जाएगा। त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों का आरक्षण फरवरी के तीसरे सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। पिछली बार क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों का आरक्षण चक्रानुक्रम में किया गया था। वहीं, ग्राम पंचायतों के आरक्षण की शून्य से शुरुआत हुई थी। इस बार आरक्षण का क्या फॉर्मूला होगा, यह जल्द ही तय हो जाएगा।
वार्डों का आरक्षण पूरा होने के बाद निर्वाचन आयोग कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि 31 मार्च तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। पंचायतराज विभाग की अभी तक की तैयारियों के मुताबिक फरवरी के अंतिम सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
कोविड-19 के चलते पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाए हैं। ग्राम पंचायतों में 26 दिसंबर से विकास खंडों के सहायक विकास अधिकारियों (एडीओ पंचायत) को प्रशासक नियुक्त कर दिया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने पर जिलाधिकारी और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लाक प्रमुख) का कार्यकाल पूरा होने पर उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को प्रशासक तैनात किया जाएगा।
नई नगर पंचायतों के गठन व निकायों के सीमा विस्तार से बढ़ी शहरी क्षेत्र की जनसंख्या28 नई नगर पंचायतों के गठन और पुराने के विस्तार के बाद प्रदेश के शहरी क्षेत्र की जनसंख्या में 9,05,700 और क्षेत्रफल में 57,474 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर 31.16 प्रतिशत शहरी क्षेत्र है। वहीं प्रदेश में मात्र 22 फीसदी ही शहरी क्षेत्र हैं। इसे राष्ट्रीय स्तर तक लाने के लिए ही सरकार शहरीकरण का आंकड़ा बढ़ाने पर ध्यान दे रही है।
31 मार्च तक पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटी सरकार, सीएम के निर्देश के बाद हलचल तेज
राज्य सरकार यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना चाहती है। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पंचायतीराज विभाग में हलचल तेज हो गई है।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा है कि वे 31 मार्च तक पंचायत चुनाव कराने की तैयारी करें। उम्मीद है कि ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों केवार्डों के आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया पर भी जल्द फैसला हो जाएगा।ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। उसी दिन आधी रात से ग्राम पंचायतें भंग हो जाएंगी। उनमें प्रशासकों की तैनाती कर दी जाएगी। राज्य सरकार चाहती है कि जल्द से जल्द पंचायत चुनाव करा लिए जाएं, ताकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां न पिछड़ें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन दिन पहले उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में कहा था कि तैयारियां इस तरह की जाएं कि 31 मार्च तक पंचायत चुनाव संपन्न करा लिए जाएं। इस बैठक में कोविड -19, किसान आंदोलन और यूपी बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव कराने पर विचार हुआ। बैठक में मुख्य सचिव के साथ ही पंचायतीराज, नगर विकास और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी मौजूद थे। 49 जिलों में चल रहा पंचायतों का आंशिक परिसीमन, आरक्षण प्रक्रिया पर फैसला जल्दबैठक में अधिकारियों ने सीएम को पंचायत चुनाव की तैयारियों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण, चार जिलों में पंचायतों के पूर्ण परिसीमन और 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की कार्यवाही चल रही है।
इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायतों का वार्ड निर्धारण और वार्डों का आरक्षण किया जाएगा। मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन व मतपत्रों की छपाई का कार्य भी होना है।
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंचायतों के चुनावों तक नगरीय निकायों के सीमा विस्तार की प्रक्रिया को रोक दिया जाए।
त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण के लिए पिछले चुनाव के चक्रानुक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा या इसे शून्य घोषित करके नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया का निर्धारण किया जाएगा, इस संबंध में जल्द फैसला ले लिया जाएगा।प्रशासनिक तैयारियां पिछड़ींमुख्यमंत्री का जोर इसी पर रहा है कि जल्द चुनाव कराए जाएं। भाजपा संगठन भी मार्च में चुनाव चाहता है। बोर्ड परीक्षा इस बार एक माह देरी से अप्रैल माह में होने की संभावना है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासनिक तैयारियां थोड़ी पिछड़ी हुई है।
अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पंचायत चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की थी, लेकिन अभी कोई डेडलाइन तय नहीं है। चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। तैयारियां पूरी होते ही चुनाव कराएं जाएंगे।