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फतेहपुर : दस वर्षों में नियुक्त बेसिक शिक्षकों की होगी जांच, अब शासन के आदेश के मद्देनजर विभाग ने शिक्षकों से मांगे दस्तावेज

फतेहपुर : जिले में 2010 से अब तक विभिन्न शिक्षक भर्तियों के अधीन नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कराकर सूची शासन को मुहैया कराई जाएगी। शासन की मंशा पर बीएसए ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वर्ष 2010 से अब तक जिले में तैनाती पाने वाले सभी बेसिक शिक्षकों से उनके सभी शैक्षिक एवं नियुक्ति सम्बन्धी अभिलेख एकत्र कराए जाएं। अनामिका एवं फर्जी नियुक्तियों से संबंधित मामलों के सामने आने के बाद सभी शिक्षकों की जांच कराई जाएगी। पिछले दस वर्षों के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद परहुई विभिन्न शिक्षक भर्ती शासन के रडार पर हैं। एक तरफ जहां सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय एवं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से शिक्षा स्नातक की डिग्री हासिल करने वाले शिक्षकों के अभिलेखों की एसआईटी जांच कराई जा रही है तो वहीं अब पिछले नौ वर्षों में कई शिक्षक भर्तियों के अधीन नौकरी पाने वाले शिक्षकों की जांच कराने का निर्णय किया गया है। 2018 में शासन द्वारा गठित की गई समिति ने जांच कराने का फैसला किया था। इसके बाद अब अनामिका एवं फर्जी शिक्षकों के सामने आने के बाद शासन ने बड़े पैमाने पर जांच कराने का फैसला किया है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि 2010 से अब तक जितनी भी सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुई हैं उनकी अलग अलग सूची तैयार की जाए। प्रत्येक भर्ती के अन्तर्गत कितने शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, सभी को चिन्हित किया जाए। उन्होंने ताकीद दी कि यह मामला शासन की प्राथमिकता में है इसलिए निर्धारित अवधि में सूचना निर्धारित फार्म के साथ उपलब्ध कराएं।

बीआरसी में शिक्षकों की भीड़ :  इस समय 2010 से बाद नियुक्त हुए शिक्षकों के साथ शिक्षामित्रों एवं अंशकालिक अनुदेशकों के शैक्षिक अभिलेखों समेत अन्य सभी प्रपत्रों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए निर्धारित प्रारूप पर विवरण भराकर अभिलेखों की स्वप्रमाणित फोटोप्रतियां भी जमा कराई जा रही हैं। इसके चलते ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों की खासी भीड़ एकत्र हो रही है।


शिक्षकों का होने लगा पुलिस वेरिफिकेशन :  नियुक्तियों में धांधली देख शासन ने पिछली भर्ती से शिक्षकों का पुलिस वेरिफिकेशन भी शुरू करा दिया है। शासन ने भी पहले 2010 से अब तक सभी भर्तियों के अधीन चयनित हुए शिक्षकों का उनके पतों पर पुलिस वेरिफिकेशन कराने का फैसला किया था। कहा जा रहा है कि शासन अब प्रत्येक बिन्दु की बारीकी से जांच कराएगा। हालांकि 68500 सहायक शिक्षक भर्ती के अधीन नियुक्त हुए शिक्षकों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने में पसीने छूट गए थे।

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