आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च में ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना में सबसे कम 55,831 नये नाम दर्ज हुए थे।
आगामी कुछ महीनों में देश में आम चुनाव होने वाले हैं। इस बीच मोदी सरकार के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है। देशभर में नवंबर 2018 में 7.32 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ। यह आंकड़ा एक साल पहले इसी माह के मुकाबले 48 प्रतिशत अधिक है। पिछले 15 माह में नवंबर के दौरान सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हुए। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक एक साल पहले नवंबर में 4.93 लाख लोगों को ही रोजगार मिला था।
ईपीएफओ के भविष्य निधि कोष में पिछले 15 माह (सितंबर 2017 से लेकर नवंबर 2018) के दौरान कुल 73.50 लाख नये नाम दर्ज किये गये। इससे यह संकेत मिलता है कि देश के संगठित क्षेत्र में इतने लोगों को रोजगार मिला है। दरअसल, वेतनभोगी लोगों का ईपीएफ जमा करने के लिये उनका नाम ईपीएफओ रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। इस रजिस्टर में दर्ज होने वाले नये नाम से किसी खास अवधि में रोजगार पाने वाले लोगों का संकेत मिलता है।
हालांकि, ईपीएफओ ने अक्टूबर 2018 के रोजगार आंकड़ों को संशोधित कर 6.66 लाख किया है। इससे पहले यह आंकड़ा 8.27 लाख बताया गया था। संगठन ने सितंबर 2017 से लेकर अक्टूबर 2018 के दौरान ईपीएफ में दर्ज होने वाले कुल आंकड़ों को भी पहले के 79.16 लाख से संशोधित कर 66.18 लाख किया है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मार्च में ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना में सबसे कम 55,831 नये नाम दर्ज हुए थे। ईपीएफओ आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 में सबसे जयादा 2.18 लाख रोजगार 18 से 21 आयु वर्ग में दिये गये। इसके बाद 2.03 लाख रोजगार 22 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में मिले हैं।
हालांकि, ईपीएफओ ने स्पष्ट किया कि इन आंकड़ों को दुरूस्त करने का काम लगातार चलता रहता है। आने वाले महीनों में इन आंकड़ों को संशोधित किया जायेगा। संगठन ने कहा है कि अलग अलग आयु वर्ग में ईपीएफओ में दर्ज होने के जो आंकड़े जारी किये गये हैं वह नये दर्ज होने वाले नाम, वाहन निकले और पुन: ईपीएफ में आने वाले नामों के समायोजन के निवल आंकडे हैं। इनमें अस्थाई कर्मचारी भी हो सकते हैं जिनका भविष्य निधि में अंशदान हो सकता है पूरे साल जारी नहीं रहता हो।