69000 में नियुक्त सभी शिक्षकों को बिना ऑफलाइन वेरिफिकेशन के केवल शपथ पत्र के आधार पर वेतन निर्गत संबंधित आदेश जारी

सभी को शुभकामनाएं 69000 में नियुक्त सभी शिक्षकों को बिना ऑफलाइन वेरिफिकेशन के केवल शपथ पत्र के आधार पर वेतन निर्गत संबंधित आदेश जारी

यूपी सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत चुनाव में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई, उनके परिजनों को 30 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी, चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना गया

Lucknow : यूपी सरकार का बड़ा फैसला, पंचायत चुनाव में जिन कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान मौत हुई, उनके परिजनों को 30 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी, चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना गया

कोरोना संक्रमण काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी शिक्षक तथा सरकारी कर्मियों के आश्रितों के हित में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लम्बे समय से चल रहे विवाद का सोमवार को सरकार ने पटाक्षेप कर दिया। इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना है, जबकि आमतौर पर इसको तीन दिन माना जाता है।




उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मी के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपया की आर्थिक सहायता देगी। सरकार ने लम्बे अध्ययन तथा विचार-विमर्श के बाद तय किया कि चुनाव की तिथि के से 30 दिन के अंदर किसी भी कारण से मृत शिक्षकों तथा सरकारी कर्मियों के परिवार के लोगों को प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपया की धनराशि प्रदान करेगी।


सरकार जरा भी निराश नहीं करेगी: कोरोना संमक्रण काल में पंचायत चुनाव में ड्यूटी या फिर चुनाव की तारीख के 30 दिन के बाद मृत शिक्षक व अन्य सरकारी कर्मी के परिवार को सरकार जरा भी निराश नहीं करेगी। अब सभी का ब्यौरा लेकर उनको सहायता राशि देने की प्रक्रिया पर काम होगा। जिससे कि कम समय में ही उन सभी को सहायता मिल सके।





आर्थिक मदद का आधार कर्मी की कोविड-19 की किसी भी तरह की पॉजिटिव रिपोर्ट: प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने की तिथि से 30 दिन में जान गंवाने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मियों के परिवार के लोगों को सरकार की तरफ से जरा भी निराशा नहीं होगी। सरकार किसी भी कर्मी जिसका निधन कोरोना वायरस के संक्रमण से हुआ या फिर पोस्ट कोविड के कारण उसकी मौत हुई, के परिवार के साथ है। उसके परिवार को आर्थिक मदद का आधार कर्मी की कोविड-19 की किसी भी तरह की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन आदि को माना जाएगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी यदि 30 दिन में किसी का निधन होता है तो उसे भी कोविड से मृत्यु मानते हुए अनुग्रह राशि दी जाएगी। संबंधित प्रस्ताव को आज ही कैबिनेट की बैठक में भी मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है।


अच्छी पहल: बेसिक शिक्षकों की अपील का अब होगा ऑनलाइन निस्तारण, जानिए कैसे?

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लाखों शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। परिषद उनकी शिकायतों की अपील का अब ऑनलाइन निस्तारण करेगा। उन्हें मुख्यालय या फिर अफसरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। प्रकरणों का निस्तारण गूगल मीट के जरिए किया जाएगा। तय समय में परिषद सचिव, बीएसए, शिक्षक व संबंधित सहायक एक साथ जुड़ेंगे और तत्काल उसका समाधान होगा।


उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षकों को बेसिक शिक्षा अधिकारी अलग-अलग वजहों से दंडित करते रहते हैं। कई बार बीएसए शिक्षक से नाराज होने पर भी उन्हें निलंबित करने या फिर वेतन आदि रोकने जैसी कार्रवाई कर देते हैं। परिषद की नियमावली में प्रविधान है कि शिक्षक यदि दंड से सहमत नहीं या फिर उसे जानबूझकर प्रताड़ित करने के लिए कार्रवाई की गई है तो वह बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के यहां अपील कर सकता है।


परिषद मुख्यालय प्रयागराज में है और यहां गाजियाबाद से बलिया और आगरा से कुशीनगर तक के शिक्षकों को दौड़ लगानी पड़ती रही है। सचिव उनके प्रकरणों की सुनवाई करके फिर बीएसए से जवाब-तलब करते रहे हैं। बड़ी संख्या में प्रकरण परिषद मुख्यालय पर लंबित हो जाते थे। कई बार बीएसए सचिव की ओर से मांगी गई सूचना का महीनों जवाब नहीं देते थे, इससे निस्तारण के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।



यही वजह है कि परिषद में अब भी पूर्व सचिव संजय सिन्हा और रूबी सिंह के समय के प्रकरण लंबित हैं। शिक्षकों की अपील का त्वरित निस्तारण करने के लिए अब ऑनलाइन व्यवस्था शुरू हो रही है। वैसे भी कोविड-19 की वजह से शिक्षकों की भौतिक रूप से उपस्थिति होना मुश्किल और परिस्थितियों को देखते हुए उचित नहीं है। इन मामलों की सुनवाई गूगल मीट के जरिए होगी।

बेसिक शिक्षा विभाग :- कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं की कक्षोंन्नति के सम्बंध में।

बेसिक शिक्षा विभाग :- कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं की कक्षोंन्नति के सम्बंध में।

आज से शुरू होगी ई-पाठशाला, प्रधानाध्यापक की मदद से किया जायेगा ‘प्रेरणा साथी’ का चयन

प्रयागराज। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण के दौर में परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी तेज हो गई है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर ई- पाठशाला की नई श्रृंखला शुरू हो रही है।


ई- पाठशाला में हर ररिवार सुबह 10 बजे से शुरू होगी। इस दौरान व्हाट्सएप के जरिए छात्रों को कुछ शिक्षण सामग्री भी भेजी जाएगी। ई- पाठशाला में होम वर्क के लिए बीडियो या फोटो बच्चों को भेजनी होगी। ई-पाठशाला को सफल बनाने के लिए ‘प्रेरणा साथी” बनाए जाएंगे। “प्रेरणा साथी’ उन्हीं को बनाया जाएगा जिनके पास स्मार्ट फोन होगा और वह अपने आसपास के बच्चों को शिक्षण सामग्री व्हाट्सएप के जरिए उपलब्ध कराने में रुचि लेंगे। बीएसए संजय ने बताया कि प्रेरणा साथी का विद्यालय के प्रधानाध्यापक की मदद से किया जाएगा।

69000 शिक्षक भर्ती में 5,844 सीटों पर धांधली- पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, सरकार से मांगा जवाब

69000 शिक्षक भर्ती में 5,844 सीटों पर धांधली- पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, सरकार से मांगा जवाब

यूपी में 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में 5,844 सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया है. इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन योगी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के द्वारा कराई गई 2019 की शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला सामने आया है, जिसमें राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने योगी सरकार से 15 दिन के भीतर जवाब मांगा तो सरकार ने जवाब भी नहीं दिया है, 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी. इस रिपोर्ट में 5,844 सीटों पर आरक्षण घोटाला सामने आया है. इस पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है. लेकिन योगी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 69,000 पदों पर भर्ती के लिए ‘सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019, परीक्षा आयोजित की गई थी. भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के संबंध में अत्यधिक अनियमितताएं की गईं, जिसके फलस्वरुप पिछड़े वर्ग के हजारों अभ्यर्थी आरक्षण के लाभ पाने से वंचित हो गए.



शिकायतकर्ता ने उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों के चयन में, आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के अधिकारों का उल्लंघन का आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता ने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में 69,000 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की अधिसूचना के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. जिसमें राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ‘उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन टीचर सर्विस रूल, 1981’ के अनुसार, आरक्षण को राज्य में लागू कानूनों और प्रावधानों के अनुसार चयन प्रक्रिया पर लागू किया जाना था.

इसके बाद भर्ती परीक्षा 6 जनवरी 2019 को आयोजित की जानी सुनिश्चित की गई थी, 1 मई 2020 को अंतिम चयन जारी की गई. शिकायतकर्ताओं के अनुसार अंतिम चयन सूची जो 1 मई 2020 को प्रकाशित की गई है उसमें आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवंटित सीटें, अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को दे दी गईं. आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया था, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने आयोग से संपर्क किया.

इसके बाद पिछड़ा वर्ग आयोग ने जांच की, जिसमें आयोग को अनियमितताएं मिलीं, इसे लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग ने यूपी सरकार को 15 दिन में जवाब देने को कहा था, लेकिन अभी तक सरकार ने जवाब नही दिया है.

इसे लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह यादव ने कहा है ”उत्तर प्रदेश में यूं तो योगी आदित्यनाथ सरकार ज्यादातर भर्तियां कर ही नहीं पाई है, जो भर्ती हुईं भी हैं उसमें भ्रष्टाचार हुए हैं. 69 हज़ार की भर्ती में भी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस बात को माना है कि उत्तर प्रदेश में पिछड़ों का हक मारा गया है. 27 फीसद आरक्षण योगी सरकार ने नहीं दिया है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछड़ों, दलितों का हक मारा है ।

नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों का ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत ऑनलाइन उन्मुखीकरण किये जाने के सम्बन्ध में।

नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों का ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत ऑनलाइन उन्मुखीकरण किये जाने के सम्बन्ध में।

एक तीर से कई निशाने लगाए शिक्षक संगठन ने सरकार और शिक्षक संगठन में शुरू हुआ शह और मात का खेल

एक तीर से कई निशाने लगाए शिक्षक संगठन ने
सरकार और शिक्षक संगठन में शुरू हुआ शह और मात का खेल

लखनऊ।।29|5|2021

पिछले कई दिनों से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मृत हुए शिक्षको की संख्या पर न केवल प्रदेश अपितु अंतराष्ट्रीय स्तर पर उत्तरप्रदेश की भाजपा सरकार घिरती नजर आई है।जहां एक ओर उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ दिनेशचन्द्र शर्मा शिक्षको की संख्या 1621 बता रहे वही मंत्री जी 3।सरकार से मृत शिक्षको के आश्रित के लिए एक करोड़ व नौकरी की मांग संघ ने रखी है जिसमे सरकार हीलाहवाली कर रही।वही संगठन की एक नई पेशकश ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।संगठन नेअपनी माँग पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का एलान करते हुए सभी शिक्षको का एक दिन का वेतन देने का एलान कर दिया ताकि अपने शिक्षक भाइयों की कुछ आर्थिक मदद हो सके।अब सरकार यदि कटौती करती है तो जग हसाई होगी और नही काटती तो तब भी यही बात आएगी की खुद भी नही दे पा रहे और शिक्षक खुद दे रहे तब भी दिक्कत।दूसरी तरफ यदि कटौती करती है तो कितनो को देती है 3 शिक्षको को या 1621 को।
यदि 3 को देती जिनकी मृत्य सरकार ने स्वीकार की है तो संगठन ने 1621 को देने की मांग की है और यदि 1621 को देती है तो सरकार गलत।
ऐसी कई और छुपी तकनीकी बातों ने सरकार को असमंजस में डाल दिया है।सरकार से गलबहियां किये कुछ संगठनों ने सरकार के इशारे पर उक्त संगठन के निर्णय का विरोध भी इधर उधर की बाते कर प्रारम्भ कर दिया है।विशेषग्यो की माने तो सरकार जल्दी वेतन कटौती को तैयार नही होगी।
सरकार से आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे एकमात्र संगठन उत्तरप्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इस दांव कैसे सरकार निपटती है ये तो वक्त बताएगा पर इतना जरूर है कि जैसे सरकार को संगठन की एक मांग मानकर पीछे हटना पड़ा और अनुकंपा नियुक्ति को चतुर्थ श्रेणी से हटाकर तृतीय करना पड़ा वैसे ही कुछ इस मामले में भी करना पड़ेगा।

BreakingNews: उत्तर प्रदेश बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. दसवीं की परीक्षा को रद्द कर, छात्रों को कक्षा 11 में प्रमोट किया जाएगा.

पिछले कई समय से परीक्षाओं को लेकर छात्रों में संशय था जिसे दूर करते हुए अब राज्‍य शिक्षामंत्री ने परीक्षाओं को कैंसिल कर बगैर एग्‍जाम के छात्रों को प्रमोट करने का निर्णय लिया है. यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षा के लिए लगभग 29 लाख छात्र रजिस्‍टर्ड हैं जिन्‍हें अब बगैर एग्‍जाम प्रमोट किया जाएगा. 

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. दसवीं की परीक्षा को रद्द कर, छात्रों को कक्षा 11 में प्रमोट किया जाएगा. 12वीं की बोर्ड परीक्षा जुलाई के दूसरे सप्ताह में आयोजित की जा सकती है. परीक्षा का समय घटाकर 1:30 घंटे कर दिया जाएगा. उन्हें 10 में से केवल 3 प्रश्न करने होंगे. ये जानकारी उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा की ओर से जारी की गई है.
यूपी बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं
इससे पहले 12वीं की परीक्षाओं को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के हवाले से विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि परीक्षा के लिए पेपर प्रिंट हो चुके हैं और डिकोड कॉपियों के सेट बन चुके हैं. यूपी बोर्ड ने इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए कुल 8513 परीक्षा केंद्र बनाए हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी किया जाएगा.

पढ़ाई के लिए बच्चों को टीवी देखने के लिए प्रेरित करेंगे शिक्षक, रोजाना सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक चल रही कक्षाएं

पढ़ाई के लिए बच्चों को टीवी देखने के लिए प्रेरित करेंगे शिक्षक,

रोजाना सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक चल रही कक्षाएं

लखनऊ । प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक अब बच्चों को टीवी देखने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अभिभावकों, बच्चों व ग्राम प्रधानों को भी इसके लिए फोन करेंगे। उनसे कहेंगे कि वह रोजाना बच्चों को दूरदर्शन उत्तर प्रदेश ( डीडी यूपी) को देखें। इससे बच्चों की पढ़ाई कराएं।




कोरोना की वजह से एक बार फिर दूरदर्शन पर बच्चों की पढ़ाई शुरू की गई है। डीडी उत्तर प्रदेश पर बच्चों की सुबह 9:00 बजे से 1:00 बजे तक पढ़ाई शुरू हुई है। प्रतिदिन कक्षा 1 से 8 तक के एक विषय की कक्षाएं रोजाना चलेंगी। यह कक्षाएं आधे घंटे की होंगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वह बच्चों, उनके अभिभावकों, आम नागरिकों तथा ग्राम प्रधानों को फोन कर बच्चों को दूरदर्शन से पढ़ाई कराने के लिए प्रेरित करें। दूरदर्शन पर विशेषज्ञ शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे।



दूरदर्शन पर आज चली गणित की क्लास

दूरदर्शन पर 28 मई को गणित की कक्षाएं चली। कक्षा 1 से लेकर 8 तक के सभी बच्चों को गणित पढ़ाया गया। कक्षा एक के बच्चों की क्लास 9:00 से 9:30 बजे तक चली। जबकि कक्षा दो की 9:30 से 10:00 बजे तक चली। इसी तरह अन्य कक्षाओं की पढ़ाई भी आधा घंटे हुई। यह सिलसिला रोजाना चलेगा। बच्चे अपने घरों में बैठकर दूरदर्शन उत्तर प्रदेश चैनल चत पढ़ाई कर सकते हैं।