eHRMS Manavsampada Portal:मानव सम्पदा डॉक्युमेंट्स अपलोड हेतु आवश्यक सूचना, Services are Back

मानव सम्पदा डॉक्युमेंट्स अपलोड हेतु आवश्यक सूचना


सभी शिक्षक साथी अपना मानव सम्पदा पोर्टल एक बार पुनः खोल कर अवश्य चेक कर ले क्यूंकि उसमे कुछ बदलाव किए गए हैं

मानव सम्पदा पोर्टल पर डाक्यूमेंट्स आज पुनः अपलोड होने प्रारम्भ हो गए हैं।आप सभी अपने डाक्यूमेंट्स अपलोड कर सकते हैं।साथ ही यह भी अवगत कराना है कि जो डाक्यूमेंट्स आपके वेरीफाई हो गए हैं उसके सामने ARCHIEVED लिख कर आ रहा है और जिस डाक्यूमेंट्स में कोई गलती है उसके सामने एडिट का ऑप्शन आ रहा है यथा रोल नम्बर,इशू डेट गलत हो तब

डॉक्युमेंट्स अपलोड की तारीख बढ़कर 17 अगस्त हुई

BEO EXAM : परीक्षा दिनांक 16 अगस्त 2020 को आयोजित होगी , देखें आधिकारिक आदेश👇

हाथरस:- बेसिक शिक्षा कार्यालय हाथरस द्वारा आदेश हुआ पारित प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तीन संगठन ही वैधानिक, अन्य संगठन की सदस्यता कार्मिक प्रशासन के नियमों के विरुद्ध, हो सकती है कार्यवाही

हाथरस BSA ने आदेश द्वारा यह साफ किया कि तीन संघ के अलावा कोई भी संघठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संघठन नहीं है ; इन तीन संघठन के अलावा किसी औऱ संघठन की रशीद कटाने पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक ( आचरण एवम अपील ) नियमावली 1999 के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा

🛑 उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

🛑 उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

🛑 राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

इन तीन संघ के अलावा कोई भी संघठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संघठन नहीं है ; इन तीन संघठन के अलावा किसी औऱ संघठन की रशीद कटाने पर उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक ( आचरण एवम अपील ) नियमावली 1999 के उल्लंघन का दोषी माना जाएगा औऱ कार्यवाही होगी ॥ कुछ चन्दा चोर संघठनौ के स्वामी जो बेसिक के शिक्षक क़ो ठगने बैठे हुए है ; उनको इस आदेश से पेट मे दर्द जरूर हुआ होगा ; क्यो कि दुकान सजाकर बैठे ही थे कि तभी तुरन्त रेड पड गयी ;; इन तीन संघठनौ के अलावा सभी बेसिक के शिक्षकों क़ो दलालों औऱ नक्कालों से सावधान रहना चाहिए ; क्यो कि चिट फण्ड मे 3500 रुपए मे रजिस्ट्रेशन कराकर हर घर मे एक प्रदेश अध्यक्ष औऱ राष्ट्रीय अध्यक्ष बैठा हुआ है दुकान सजाकर ; सभी बेसिक के शिक्षकों क़ो ऐसे फर्जी प्रदेश संयोजकों से बचने की आवश्यकता है ;; इतने फर्जी संघठन भरे पड़े हुए है शिक्षक क़ो इस चीज से भी निजात मिलेगी ; हर गली मे एक राष्ट्रीय अध्यक्ष घूम रहा है

सुजीत शुक्ला

जिला मीडिया प्रभारी फतेहपुर

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ

COVID 19 के कार्य में लगे परिषदीय शिक्षकों को कोरोना योद्धा की श्रेणी की तरह सुविधाएं दिए जाने के सम्बंध में PSPSA द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया मांगपत्र

कोविड 19 के कार्य में लगे परिषदीय शिक्षकों को कोरोना योद्धा की श्रेणी की तरह सुविधाएं दिए जाने के सम्बंध में PSPSA द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया मांगपत्र

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों हुई नियुक्तियों के संबंध में।

प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों हुई नियुक्तियों के संबंध में।

Manav Sampda portal – मानव सम्पदा पोर्टल पर 17 अगस्त 2020 तक Document Uploading व E Service Book Updation की Date बढ़ी देखें आदेश👇

बिग ब्रेकिंग : मानव संपदा पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और संशोधन की तिथि में की गई बढ़ोत्तरी, अब 17 अगस्त तक हो सकेंगे दस्तावेज अपलोड

बिग ब्रेकिंग : मानव संपदा पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने और संशोधन की तिथि में की गई बढ़ोत्तरी, अब 17 अगस्त तक हो सकेंगे दस्तावेज अपलोड

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में ‘स्कूल रेडिनेस’ पर है विशेष फोकस

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में नर्सरी से 12वीं तक की पढ़ाई को 5+3+3+4 के फॉर्मूले के तहत चार चरणों में बाँटा गया है। पहले पाँच साल को फाउंडेशन स्टेज माना जा रहा है, जिसमें तीन साल की प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) को भी शामिल किया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में प्रारंभिक बाल्यवस्था में देखभाल और शिक्षा को इतना महत्व देना एक उल्लेखनीय बात है।

इसका लक्ष्य है कि जब पहली कक्षा में किसी बच्चे का नामांकन हो तो ‘स्कूल जाने के लिए पूरी तरह तैयार’ हो। यानि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ‘स्कूल रेडिनेस’ को एक जरूरत की तरह देखती है। इसके साथ ही साथ ‘स्कूल रेडिनेस’ वाले कार्यक्रम बनाने और क्रियान्वित करने की तरफ संकेत भी करती है। इसे एक सकारात्मक क़दम कहा जा सकता है। ज़मीनी सच्चाइयों के मद्देनज़र यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन अच्छी बात है कि भारत में शिक्षा की दिशा और दशा निर्धारित करने वाली नीति बनाते समय इस चुनौती को स्वीकार किया गया है।

इस संदर्भ में कहा गया है कि बच्चों के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास 6 वर्ष की आयु से पहले ही हो जाता है। इसलिए प्रारंभिक बाल्यवस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) पर ध्यान देने की जरूरत है। यह भी स्वीकार किया गया है कि प्राथमिक शिक्षा से पहले मिलने वाली ‘विद्यालय पूर्व शिक्षा’ (जिसे निजी स्कूलों के संदर्भ में नर्सरी और एलकेजी व यूकेजी कहते हैं) से बहुत से विद्यार्थी वंचित हैं, इसलिए उनको यह अवसर उपलब्ध कराने की जरूरत है। वर्तमान में आँगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों के पोषण और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा की जरूरत को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। 2030 तक इस लक्ष्य को हासिल करने की बात राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020में कही गई है।

प्रदेश के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का बदलेगा स्वरूप, नई शिक्षा नीति में कक्षा पांच तक मातृभाषा में पढ़ाई कराने को तैयारी, अंतिम निर्णय प्रदेश सरकार के हाथ

बेसिक शिक्षा परिषद के उन प्राथमिक विद्यालयों का स्वरूप फिर बदलेगा, जहां अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई कराई जा रही है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के अमल में आने पर होगा। वजह, नई शिक्षा नीति में कक्षा पांच तक की पढ़ाई मातृभाषा में ही होनी है। यूपी की मातृभाषा हिंदी है, ऐसे में अभी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल फिर पहले की तरह संचालित किए जा सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय प्रदेश सरकार करेगी। 

योगी सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर चलाने की पहल की थी। प्रदेश में 2018 में पांच हजार परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया। इसके लिए हर विकासखंड व नगर क्षेत्र में पांच-पांच परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों का चयन हुआ। चयन में छात्र संख्या, विद्यालय में शैक्षिक सुविधाओं का ध्यान रखा गया, फिर शिक्षक व प्रधानाध्यापकों को चयनित किया गया।

 यह शर्त रखी गई कि शिक्षण कार्य परिषदीय स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं ही करेंगे। इन स्कूलों में कक्षा एक, दो व तीन में अंग्रेजी माध्यम, चार व पांच में अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यमों से पढ़ाई शुरू हुई। शिक्षक व प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए आवेदन लेकर लिखित परीक्षा कराई गई. उन्हें महत्व दिया गया, जिसने इंटर परीक्षा अंग्रेजी विषय से उत्तीर्ण की हो या फिर अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण की हो।

 प्रधानाध्यापक सहित हर स्कूल में पांच शिक्षक तैनात हुए और उन्हें आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान प्रयागराज व राज्य शिक्षा संस्थान प्रयागराज की ओर से प्रशिक्षित किया गया। इन स्कूलों के संचालन का फायदा विद्यालयों में छात्र- छात्राओं की संख्या बढ़ने से हुआ। इससे अगले ही वर्ष शासन ने विद्यालयों की तादाद बढ़ाकर दोगुनी यानी दस हजार कर दी।

 हालांकि इस वर्ष कोरोना संकट की वजह से विद्यालय खुल ही नहीं सके हैं। अब नई शिक्षा नीति से इस प्रक्रिया पर विराम लगने की की उम्मीद है. भले ही विद्यालय शिक्षक और छात्र- छात्राएं न बदलें लेकिन वहां पढ़ाई का माध्यम बदलना लगभग तय है। शिक्षाविदों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो पहल की है वह प्रावधान शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी आरटीई में पहले से है। आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान प्रयागराज के प्राचार्य स्कंद शुक्ल का कहना है कि शासन का जो आदेश होगा उसका अनुपालन कराया जाएगा।

69000 शिक्षक भर्ती : याचिका दाखिल कर 69000 शिक्षक भर्ती में एसटी की खाली सीटों को एससी कोटे से भरने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट में. 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में एसटी कोर्ट की रिक्त रह गई सीटें एससी के अभ्यर्थियों से भरने की मांग में याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। 

अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों ने एसटी कोटे की रिक्त सीटों पर उन्हीं की नियुक्ति की मांग की है। याचिका की सुनवाई नौ सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्त ने ओमपाल सिंह व 155 अन्य को याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि सहायक अध्यापक भर्ती में एससी अभ्यर्थियों के लिए 14490 पद आरक्षित थे, जबकि एसटी कोटे के लिए 1380 पद आरक्षित थे।