केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने को लेकर मंडल आंदोलन से जुड़े लोगों का विरोध अभी थमा भी नहीं था, कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण के नए नियम पर विवाद गहरा गया है।
देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने के लिए नए नियम 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सही ठहराए जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है. सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले को आरक्षण के सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए केंद्र सरकार के सहयोगी दल समेत तमाम विपक्षी दल सरकार से इस फैसले को पलटने के लिए संविधान में संशोधन की मांग कर रहे हैं.
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर को खारिज कर 13 प्वाइंट रोस्टर लागू करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप से इनकार करने के फैसले से दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में एडहॉक पर पढ़ा रहीं नीतिशा खलको निराश हैं. वह कहती हैं, ‘कितनी मुश्किलों में मैंने झारखंड से आकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में पीएचडी की, और अब डीयू में एडहॉक पद पर पढ़ा रही हूं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हमारी उम्मीद खत्म हो गई है.’ वह कहती हैं, ‘एक तो विश्वविद्यालयों में नौकरियों के लिए विज्ञापन नहीं निकलते हैं और अगर 13 प्वाइंट रोस्टर के हिसाब से विज्ञापन आएंगे भी, तो अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की नियुक्ति संभव नहीं है. क्योंकि इस रोस्टर के दायरे में वे कभी आ ही नहीं पाएंगे.’।
किस बात से डर रहे हैं ST/SC/OBC वर्ग के छात्र?
देश के विश्वविद्यालयो में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत आरक्षण की व्यवस्था थी. इस व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय को एक यूनिट माना जाता था. जिसके तहत 1 से 200 पद के लिए 49.5 फीसदी आरक्षित वर्ग और 50.5 फीसदी अनारक्षित वर्ग के हिसाब से भर्ती की व्यवस्था की गई थी. यूनिवर्सिटी को एक यूनिट मानने से सभी वर्ग के उम्मीदवारों की भागिदारी सुनिश्चित हो पाती थी. लेकिन नए नियम यानी 13 प्वाइंट रोस्टर के तहत विश्वविद्यालय को यूनिट मानने के बजाय विभाग को यूनिट माना गया. जिसके तहत पहला, दूसरा और तीसरा पद सामान्य वर्ग के लिए रखा गया है. जबकि चौथा पद ओबीसी कैटेगरी के लिए, पांचवां और छठां पद सामान्य वर्ग. इसके बाद 7वां पद अनुसूचित जाति के लिए, 8वां पद ओबीसी, फिर 9वां, 10वां, 11वां पद फिर सामान्य वर्ग के लिए. 12वां पद ओबीसी के लिए, 13वां फिर सामान्य के लिए और 14वां पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होगा.