दबंगों ने विद्यालय में घुसकर तमंचे के बल पर शिक्षक को पीटा, शिक्षक को पीटते देख बच्चों व स्टाफ में दहशत, प्रशासन, शिक्षा अधिकारी व संघ लाचार।
सरकार एक तरफ शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है दूसरी तरफ़ कुछ दहशतगर्द मासूम नैनिहालों के सामने उनके अध्यापकों को बेरहमी से पीटा जाता है, इस स्थिति में बच्चों व अध्यापकों की मन: स्थिति कैसी होगी।
क्या अध्यापक सभी सरकारी कर्मचारियों में केवल परेशान करने के लिए ही है?
क्या अध्यापक केवल कुछ मामूली लोगों से पिटने के लिए बना है ?
क्या सरकार ने अध्यापकों के साथ अभद्रता करने का शासनादेश जारी कर दिया है ?
क्या शिक्षक संघ व शिक्षा अधिकारी केवल आपसी राजनीति करने के लिए संगठन बनाये हुए हैं ?
आज एक शिक्षक के साथ ऐसा हुआ है, कल हम में से किसी भी शिक्षक के साथ ऐसा होगा तब भी क्या आप चुप चाप सब सहन करते रहेंगें ?