दूनवासियों ने अपने शहर को और बेहतर बनाने के लिए कमर कस ली है। इसमें उन्होंने सरकारी स्कूलों की हालत पर बेहद चिंता जताई है। ‘माय सिटी माय प्राइड’ अभियान के तहत चुने हुए 11 महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान का काम शुरू हो गया है। चुने गए 11 मुद्दों को 22 सितंबर को आयोजित फोरम में जनता के सामने रखा गया। जहां स्थानीय लोगों, सरकारी प्रशासन और संस्थाओं ने इन पर काम करने का संकल्प लिया, ताकि दून को और बेहतर बनाया जा सके। शहर ने एजुकेशन पिलर पर सबसे ज्यादा 4 काम चुने हैं।
शहर की बेहतरी के लिए 11 समाधान
1. शहर के सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाएं जैसे – फर्नीचर, पुस्तकें, कम्प्यूटर, शुद्ध पानी के लिए वाटर प्यूरिफायर-वाटर कूलर उपलब्ध कराए जाएंगे। (संरक्षक- धाद संस्था/ओएनजीसी)
2. सरकारी विद्यालयों में खेल सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। (संरक्षक- धाद संस्था/ यूजेवीएनएल)
3. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का अच्छे स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा। (संरक्षक- मनुर्भव संस्था)
4. घरों से निकलने वाले जैविक कचरे से खाद बनाई जाएगी। (संरक्षक- यूजेवीएनएल/ दून रेजीडेंट्स वेलफेयर फ्रंट)
5. फुटपाथ, ड्रेनेज सिस्टम, फ्री लेफ्ट टर्न, खस्ताहाल सड़कें, बढ़ती आबादी के हिसाब से कम पड़ती सड़कों की चौड़ाई जैसी समस्याओं को ठीक किया जाएगा। (संरक्षक- स्थानीय प्रशासन)
6. तीन स्कूलों का चयन करके उन्हें प्लास्टिक फ्री स्कूल बनाया जाएगा। (संरक्षक- गति फाउंडेशन)
7. शहर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। (संरक्षक- यूजेवीएनएल)
8. साइबर क्राइम को लेकर जनता को जागरूक किया जाएगा। (संरक्षक- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ रिद्धिम अग्रवाल)
9. अपराधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। (संरक्षक- शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक/ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड)
10. सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण और स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर शिविरों का आयोजन किया जाएगा। (संरक्षक- श्री महंत इंदिरेश अस्पताल/ दून नर्सिंग होम)
11. शहर में कुशल श्रमिकों की कमी है, इसके लिए यहां पर ट्रेनिंग दी जाएगी। (संरक्षक- इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड)