लोकसभा चुनाव से पहले शिक्षक नेताओं की ओर से बनाया गया दबाव कामयाब रहा। शासन ने यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन शुल्क में तीन रुपये की वृद्धि की है।
परीक्षा केंद्र, मूल्यांकन केंद्र एवं संकलन केंद्रों पर काम करने वाले प्रधानाचार्यों, शिक्षकों, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के पारिश्रमिक दरों में भी वृद्धि की गई है। साथ ही पहली बार मूल्यांकन केंद्र पर प्रतिदिन 20 रुपये की दर से जलपान व्यय तय किया गया है।
हाईस्कूल के परीक्षकों का प्रति कॉपी शुल्क आठ से बढ़ाकर 11 रुपये और इंटरमीडिएट के परीक्षकों का प्रति कॉपी शुल्क 10 से बढ़ाकर 13 रुपये किया गया है। उप प्रधान परीक्षक को अब प्रतिदिन 300 की जगह 400 रुपये दिए जाएंगे।
प्रयोगात्मक परीक्षक प्रति छात्र छह रुपये से बढ़ाकर आठ रुपये किया गया है। मूल्यांकन परीक्षकों की निर्धारित पारिश्रमिक सीमा 12500 प्रति परीक्षक से 20 हजार रुपये प्रति परीक्षक कर दिया गया है।
शिक्षक संगठनों ओर से बोर्ड परीक्षा एवं मूल्यांकन के पारिश्रमिक एवं भत्ते में वृद्धि की मांग लगातार कई वर्षों से चल रही थी, अब चुनावी वर्ष में सरकार ने यह मांग पूरी की है। इस बाबत शासन के संयुक्त सचिव जय शंकर दुबे की ओर से प्रदेश के शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं सचिव यूपी बोर्ड को पत्र भेजा गया है।
इसके अलावा शासन ने सवारी भाड़ा, प्रश्नपत्र निर्माण कार्य, प्रश्नपत्र का अंग्रेजी अनुवाद, परिमार्जन कार्य, स्थानीय विषय विशेषज्ञ का वाहन व्यय, मूल्यांकन केंद्र से संबंधित आकस्मिक व्यय, समीक्षा, अनुचित साधन निस्तारण समिति के सदस्यों के मानदेय सहित केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, लिपिक, बंडल वाहक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, मुख्य नियंत्रक, सह उपनियंत्रक, कोठारी, तृतीय श्रेणी कर्मचारी, कक्ष नियंत्रक के भत्ते में भी बढ़ोतरी की है।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चेतनारायण गुट की बैठक में फैसले का स्वागत किया गया। संघ के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह, मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अब मूल्यांकन कार्य में तेजी आएगी।