6 जनवरी यानि रविवार को 69 हजार सहायक अध्यापक के लिए भर्ती परीक्षा अपने निर्धारित समय से होगी। हाईकोर्ट ने टीईटी 2018 के अभ्यर्थियों की अपील स्वीकार करने के बाद आवेदकों को प्राविधिक रूप से परीक्षा में बैठने देने का निर्देश जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने 11 जनवरी को टीईटी 2018 की ओएमआर शीट तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है। बता दें कि डबल बेंच ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।जिन आवेदकों को प्राविधिक रूप से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में बैठने देने का निर्देश दिया गया है, उनका रिजल्ट याचिका के फैसले के अधीन होगा। इससे पहले हाईकोर्ट की एकल न्यायपीठ द्वारा 15 में से दो प्रश्नों को ही विशेषज्ञ राय के लिए भेजे जाने के निर्णय को विशेष अपील में चुनौती दी गई थी। अपील पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति पंकज मित्तल और न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
हिमांशु गंगवार सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे और सीमांत सिंह ने शुक्रवार को बहस की थी। अधिवक्ताओं का कहना था कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी आंसर की से मिलान पर कुल 15 प्रश्नों के विकल्प या तो गलत पाए गए या एक से अधिक विकल्प सही थे। एक प्रश्न कोर्स से बाहर का पूछा गया था। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। एकल न्यायपीठ ने संस्कृत और उर्दू के एकएक प्रश्न को विशेषज्ञ राय के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पास भेज दिया। मगर शेष 13 प्रश्नों पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी के विशेषज्ञों की राय ही मान ली गई। ऐसा करना गलत है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है जब किसी प्रश्न को लेकर विवाद हो तो उस पर बाहर के किसी विशेषज्ञ की राय के लिए भेजा जाना चाहिए। मांग की गई कि शेष 13 प्रश्नों पर भी विशेषज्ञ राय लेने के बाद ही परिणाम जारी किया जाए। कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्स पूछे गए प्रश्न पर भी दोनों पक्षों की बहस सुनी तथा निर्णय सुरक्षित कर लिया है। याचिका में कहा गया है कि यदि इन गलत प्रश्नों को हटाकर उनके अंक दे दिए जाएं तो याचीगण टीईटी में उत्तीर्ण हो जाएंगे तथा शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अर्ह होंगे।
Source – Amarujala news portal