लखनऊ। देवरिया के कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय, मदरसन में सात शिक्षकों और सहदेव बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाबू वभनी में 8 अध्यापकों की फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति की गई। सरकार द्वारा कराई गई जांच में मामला सही पाए जाने पर कृषक लघु माध्यमिक विद्यालय के सातों शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। जबकि, सहदेव बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक व प्रधानाध्यापक के संबंधित दस्तावेज मुहैया न कराने पर प्रबंध समिति के अधिकार छीन लिए गए हैं। वहां शिक्षा विभाग ने नियंत्रक बैठा दिया है और फर्जी शिक्षकों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। इनकी सेवाएं शीघ्र समाप्त की जा सकती हैं। फर्जी नियुक्तियों व वेतन भुगतान का मामला 2010-11 से लेकर 2020-21 के बीच का है। मामला मुख्यमंत्री योगी के गोरखपुर मंडल का होने के करण शासन ने इस प्रकरण को काफी गंभीरता से लिया है। निदेशक, कोषागार आलोक अग्रवाल की ओर से शासन को भेजी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन शिक्षकों को वेतन देना तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा रईस अहमद के समय में प्रारंभ किया गया। मोटी राशि के एरियर का भुगतान तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक शिक्षा जगदीश प्रसाद श्रीवास्तव के कार्यकाल में किया गया। इस अवधि में 7 और वित्त एवं लेखाधिकारी तैनात रहे हैं। रिपोर्ट में इनके नामों का भी खुलासा किया गया है। हालांकि, मामले में इन अधिकारियों की संलिप्तता है या नहीं, इसके लिए विस्तृत जांच पूरी होने से पहले कुछ भी बता पाने की स्थिति में न होने की बात कही गई है। वहीं, विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इन 7 में से 2-3 अधिकारियों का फंसना तय माना जा रहा है।