मानव सम्पदा पोर्टल से सैलरी स्लिप कैसे निकालें देखें स्टेप्स…

मानव सम्पदा पोर्टल से सैलरी स्लिप कैसे निकालें – How to get Salary Slip in Manav Sampada Portal

नीचे दिए गए बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें और अनुपालन करना सुनिश्चित करें ।

👉 सर्वप्रथम m-sthapna ऐप को अपडेट करें।

👉 नवीन अपडेशन के बाद m स्थापना को लॉगइन करते समय नए तरीके का कैप्चा यूज़ किया गया है अतः नए केप्चा में दिए गए कैलकुलेशन का उत्तर अंको में भरें । आपके पासवर्ड को ऑटोमेटिक Robust System Hacking से बचाने के लिए कंप्यूटर को यह पहचान बताने के लिए कि आप Human हैं कैप्चा कोड आवश्यक है।

👉केवल आकस्मिक अवकाश के पश्चात जॉइनिंग रिक्वेस्ट भेजने की आवश्यकता नहीं है* आकस्मिक अवकाश को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के अवकाश के लिए आपको अवकाश के पश्चात विद्यालय ज्वाइन करने पर ज्वाइन रिक्वेस्ट भेजनी होगी।

👉 जैसा की आप सभी अवगत हैं की आकस्मिक अवकाश के पश्चात जॉइनिंग रिक्वेस्ट प्रदर्शित नहीं होगी अतः अपने अवकाश को अप्लाई करते समय प्रीफिक्स एवं सफिक्स दोनों दिनों का विशेष ध्यान रखें अन्यथा यदि आपका कोई अवकाश किसी सामूहिक अवकाश के आगे या पीछे है और आप सफिक्स और प्रीफिक्स दिनों की संख्या सही नहीं भरते हैं तब आपके आकस्मिक अवकाश के साथ सामूहिक अवकाश भी आकस्मिक अवकाश के दायरे में आ जाएंगे और आपका सामूहिक अवकाश के दिनों को आकस्मिक अवकाश मानते हुए बैलेंस पोर्टल द्वारा डेबिट कर लिया जाएगा अतःSuffix और Prefix दिनों को भरने पर विशेष ध्यान दें।

👉 अब आप m-sthapna पर भी अपनी सैलरी स्लिप देख सकेंगे । ( आपके ब्लॉक का पेराल से वेतन निर्गत होने के पश्चात)

गैरहाजिर शिक्षकों ने जबरन भरी हाजिरी, दोनों निलंबित:- बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए जांच के आदेश

फर्रुखाबाद। शिक्षण कार्य से गायब रहने के बावजूद जबरन हाजिरी भरने और कंपोजिट ग्रांट में की गई अनियमितता के आरोप में बीएसए ने दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया। बीएसए ने दोनों मामलों की जांच के भी आदेश दिए।

खंड शिक्षा अधिकारी कमालगंज ने 9 जनवरी को प्राथमिक विद्यालय कंझाना का निरीक्षण किया था। विद्यालय के सहायक अध्यापक व शिक्षामित्रों ने आरोप लगाया कि पुरानी उपस्थिति पंजिका एवं पत्र व्यवहार रजिस्टर प्रधानाध्यापक मनीष कटियार ने गायब कर दिया है। उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रधानाध्यापक ने नई उपस्थिति पंजिका बनाई और पूरे स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर किए। सहायक अध्यापक सत्यभान ने एक नवंबर 2020 को नई उपस्थिति पंजिका बनाई। प्रधानाध्यापक ने उसे फाड़ दिया। आरोप है कि वर्ष 2018- 19 व 2019 20 की कंपोजिट ग्रांट नियमित उपभोग न कर वित्तीय अनियमितता की गई। बीईओ की रिपोर्ट पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी लालजी यादव ने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज को दी गई है ।

दूसरे मामले में 8 जनवरी को बीईओ ने प्राथमिक विद्यालय कोरीखेड़ा का निरीक्षण किया था। उनको विद्यालय स्टाफ ने बताया कि सहायक अध्यापक सुशील कुमार 1 से 20 दिसंबर तक विद्यालय से अनुपस्थित रहे । इसके बावजूद उपस्थिति पंजिका में जबरन हस्ताक्षर कर दिए । बीईओ की रिपोर्ट पर बीएसए ने सुशील कुमार को निलंबित कर दिया है। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी शमसाबाद को दी है।

सरकारी नौकरी परिषदीय शिक्षकों के लिए सिर्फ वेतन मिलने वाली नौकरी ही हो रही साबित, न्यू पेंशन स्कीम (NPS) से भी शिक्षक वंचित

फतेहपुर : 1 अप्रैल 2005 के बाद नौकरी में आए तमाम शिक्षकों की सेवा का करीब एक दशक बीत रहा है लेकिन फंड के नाम पर उनके खाते में टका नहीं है। एक वक्त अपने फंड व सेवानिवृत्ति लाभों के लिए जानी जाने वाली सरकारी नौकरी परिषदीय शिक्षकों के लिए सिर्फ वेतन मिलने वाली नौकरी ही साबित हो रही है। 

परिषदीय स्कूलों में अप्रैल 2005 के बाद सेवा में आए शिक्षकों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम के तहत कटौती करने का फैसला जिले में अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। सैकड़ों बेसिक शिक्षकों की कई साल की नौकरी के बाद भी एक पाई फंड नहीं जमा हो सका है। ओपीएस के समाप्त होने के बाद शासन ने एनपीएस की व्यवस्था दी तो वह भी कई सालों तक अव्यवस्था की शिकार रही। विभाग ने तर्क दिया था कि अब भी सैकड़ों शिक्षकों को प्रान आवंटित नहीं किया जा सका है जिस कारण समस्या आ रही है लेकिन विभाग के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जिन शिक्षकों को प्रान आवंटित किया जा चुका है उनके वेतन से कटौतीक्यों नहीं की जा रही है। प्रान आवंटित होने के बाद कटौती नहीं बताते हैं कि जिले में ऐसे तमाम शिक्षक हैं जिन्हें प्रान आवंटन किया जा चुका है। पिछले वर्ष विभाग ने ब्लॉकों से प्रान आवंटित व गैर प्रान आवंटित शिक्षकों की सूची मंगाई थी।

फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहा शिक्षक बर्खास्त, आरोपी पर केस दर्ज कराने का बीईओ को निर्देश

गाजीपुर। फर्जी अभिलेख के आधार पर नौकरी कर रहे एक सहायक अध्यापक को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने सोमवार को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी को उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने तथा वित्त एवं लेखाधिकारी को उससे वेतन की रिकवरी का निर्देश दिया।

माध्यमिक स्कूलों का बदला समय, सुबह 10 बजे से लगेंगी कक्षाएं, अब एक पाली में भी चलाए जा सकेंगे, देखें यह आदेश


यूपी में कक्षा 9 से 12 तक एक पाली में खुलेंगे स्कूल.
प्रदेश के सभी बोर्ड के स्कूलों के लिए जारी हुए निर्देश.
सुबह 10 से 3 बजे तक खुलेंगे स्कूल.
अभी तक 2 पाली में चल रहा था कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई

समग्र शिक्षा (सर्व शिक्षा अभियान) के अंतर्गत जनपद में कार्यरत संविदाकर्मी/ सेवा प्रदाता -कर्मियों का समय मानदेय भुगतान किए जाने के संबंध में।

SUPER TET SYLLABUS : सहायक अध्यापक की भर्ती परीक्षा पाठ्यक्रम

SUPER TET SYLLABUS : सहायक अध्यापक की भर्ती परीक्षा पाठ्यक्रम

परिषदीय शिक्षकों को भी पास होने के लिए जुटाने होंगे नंबर, रिपोर्ट के आधार पर होगी तरक्की

यूपी: पहली बार ऑनलाइन भरी जाएगी प्राइमरी शिक्षकों की गोपनीय आख्‍या, 15 अप्रैल तक स्‍वमूल्‍यांकन का समय

सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या इस वर्ष ऑनलाइन लिखी जाएगी। मानव संपदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक प्रधानाध्यापक-अध्यापक स्वमूल्यांकन करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी इसका मूल्यांकन 15 मई तक करके दाखिल करेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन वार्षिक आख्या को 31 मई तक अंतिम रूप से सबमिट करेंगे।


पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की वार्षिक आख्या (सीआर) कॉर्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। पहले शिक्षक खुद अपना मूल्यांकन करेंगे और इसके बार दो स्तर पर उनके उच्चाधिकारी उस पर अंक देंगे। इसके लिए मानक पिछले वर्ष ही तय कर दिए गए थे।

इस वर्ष विद्यार्थियों की उपिस्थित, खुद प्रधानाध्यापक या अध्यापक की औसत उपस्थिति वाले बिन्दु लागू नहीं होंगे क्योंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खोले गए थे और स्कूलों में टैबलेट अभी तक नहीं पहुंचे हैं इसलिए अध्यापकों की उपस्थिति का बिन्दु भी लागू नहीं होगा। मानकों में स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाए गए विषय का ग्रेड, एसएमसी की बैठक, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों पर शिक्षकों को कसा जाएगा। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने अंक भी जारी कर दिए हैं।


प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी अब पास होने के लिए नंबर जुटाने होंगे। इन्हीं नंबरों के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। आगे चलकर इसी से उन्हें इंक्रीमेंट और तरक्की भी मिलेगी। इसके लिए शिक्षकों को दिए जाने वाले नंबर के पैरामीटर तय कर दिए गए हैं। इस सम्बम्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने आठ जनवरी को आदेश भी जारी कर दिया है।

समय पर विद्यालय न आने, बच्चों को पढ़ाने में रुचि न लेने तथा डिजिटल प्लेटफार्म पर न आने वाले प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को आने वाले दिनों में बड़ी दिक्कतें होने वाली है। उन्हें न सिर्फ नियमित स्कूल आना जाना पड़ेगा बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी पड़ेगा। शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए नए पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। जिन्हें आगामी शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी है।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हीं पैरामीटरों पर आने वाले दिनों में शिक्षकों की तरक्की होगी। उन्हें इंक्रीमेंट मिलेगा। मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को स्वयं वार्षिक मूल्यांकन प्रविष्टि भरनी है। शिक्षकों तथा प्रधानाध्यापक को मानव संपदा पोर्टल पर खुद के मूल्यांकन के फार्म सबमिट करने होंगे। इसका डिजिटली सत्यापन होगा। गलत तथ्य पकड़ में आ जाएंगे। हालांकि कुछ चीजें स्कूलों को टेबलेट मिलने के बाद शुरू होंगी।

मिल सकते हैं जीरो नंबर-परीक्षा में सहायक अध्यापक या अध्यापिका की ओर से पढ़ाए गए विषय में छात्र के ए प्लस ग्रेड आने पर 20, ए ग्रेड पर 16, बी ग्रेड पर 12, सी ग्रेड पर 8 तथा डी ग्रेड पर शिक्षक को केवल चार नंबर मिलेंगे। इसके इतर यदि पूरी कक्षा के 75% या उससे अधिक छात्र ए प्लस अथवा ए कैटेगरी में आते हैं तो शिक्षक को 20 अंक मिलेगा। अन्यथा शून्य दिया जाएगा।


🔴 इस तरह प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को मिलेंगे नंबर-

● सभी 14 अवस्थापना सुविधाएं होने पर शिक्षक को 10 नम्बर मिलेंगे न होने पर शून्य मिलेंगे
● विद्यालय में 60 से 80% तक छात्र उपस्थिति पर पांच नंबर मिलेंगे
● विद्यालय में छात्रों की 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 नंबर
● डिजिटल शिक्षा सामग्री का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर मिलेंगे
● छात्र रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शत-प्रतिशत वितरित करने पर 10 नंबर
● एसएमसी की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 नंबर
● छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● माड्यूल, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिंहित सभी बच्चों का नामांकन कराने पर 10 नंबर
● शिक्षकों के 60 से 80% तक उपस्थिति पर 5 अंक, 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक
● प्रशिक्षण में सभी दिन प्रतिभाग करने पर 10 नंबर

बेसिक शिक्षकों को भी पास होने के लिए जुटाने होंगे नंबर, रिपोर्ट के आधार पर होगी तरक्की

परिषदीय शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या (सत्र 2020-21) सम्बन्धी निर्देश जारी, देखें।

यूपी: पहली बार ऑनलाइन भरी जाएगी प्राइमरी शिक्षकों की गोपनीय आख्‍या, 15 अप्रैल तक स्‍वमूल्‍यांकन का समय
बेसिक शिक्षकों को भी पास होने के लिए जुटाने होंगे नंबर, रिपोर्ट के आधार पर होगी तरक्की
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या इस वर्ष ऑनलाइन लिखी जाएगी। मानव संपदा पोर्टल पर 15 अप्रैल तक प्रधानाध्यापक-अध्यापक स्वमूल्यांकन करेंगे। खण्ड शिक्षा अधिकारी इसका मूल्यांकन 15 मई तक करके दाखिल करेंगे। बेसिक शिक्षा अधिकारी इन वार्षिक आख्या को 31 मई तक अंतिम रूप से सबमिट करेंगे।
पहली बार बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की वार्षिक आख्या (सीआर) कॉर्पोरेट की तर्ज पर लिखी जाएगी। पहले शिक्षक खुद अपना मूल्यांकन करेंगे और इसके बार दो स्तर पर उनके उच्चाधिकारी उस पर अंक देंगे। इसके लिए मानक पिछले वर्ष ही तय कर दिए गए थे।
इस वर्ष विद्यार्थियों की उपिस्थित, खुद प्रधानाध्यापक या अध्यापक की औसत उपस्थिति वाले बिन्दु लागू नहीं होंगे क्योंकि इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल नहीं खोले गए थे और स्कूलों में टैबलेट अभी तक नहीं पहुंचे हैं इसलिए अध्यापकों की उपस्थिति का बिन्दु भी लागू नहीं होगा। मानकों में स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा में अध्यापक द्वारा पढ़ाए गए विषय का ग्रेड, एसएमसी की बैठक, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों पर शिक्षकों को कसा जाएगा। इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने अंक भी जारी कर दिए हैं।
प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को भी अब पास होने के लिए नंबर जुटाने होंगे। इन्हीं नंबरों के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा। आगे चलकर इसी से उन्हें इंक्रीमेंट और तरक्की भी मिलेगी। इसके लिए शिक्षकों को दिए जाने वाले नंबर के पैरामीटर तय कर दिए गए हैं। इस सम्बम्ध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनन्द ने आठ जनवरी को आदेश भी जारी कर दिया है।
समय पर विद्यालय न आने, बच्चों को पढ़ाने में रुचि न लेने तथा डिजिटल प्लेटफार्म पर न आने वाले प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों को आने वाले दिनों में बड़ी दिक्कतें होने वाली है। उन्हें न सिर्फ नियमित स्कूल आना जाना पड़ेगा बल्कि बच्चों को पढ़ाना भी पड़ेगा। शिक्षकों के वार्षिक मूल्यांकन के लिए नए पैरामीटर निर्धारित किए गए हैं। जिन्हें आगामी शैक्षिक सत्र से लागू करने की तैयारी है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन्हीं पैरामीटरों पर आने वाले दिनों में शिक्षकों की तरक्की होगी। उन्हें इंक्रीमेंट मिलेगा। मानव संपदा पोर्टल पर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों को स्वयं वार्षिक मूल्यांकन प्रविष्टि भरनी है। शिक्षकों तथा प्रधानाध्यापक को मानव संपदा पोर्टल पर खुद के मूल्यांकन के फार्म सबमिट करने होंगे। इसका डिजिटली सत्यापन होगा। गलत तथ्य पकड़ में आ जाएंगे। हालांकि कुछ चीजें स्कूलों को टेबलेट मिलने के बाद शुरू होंगी।
मिल सकते हैं जीरो नंबर-
परीक्षा में सहायक अध्यापक या अध्यापिका की ओर से पढ़ाए गए विषय में छात्र के ए प्लस ग्रेड आने पर 20, ए ग्रेड पर 16, बी ग्रेड पर 12, सी ग्रेड पर 8 तथा डी ग्रेड पर शिक्षक को केवल चार नंबर मिलेंगे। इसके इतर यदि पूरी कक्षा के 75% या उससे अधिक छात्र ए प्लस अथवा ए कैटेगरी में आते हैं तो शिक्षक को 20 अंक मिलेगा। अन्यथा शून्य दिया जाएगा।
■ इस तरह प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को मिलेंगे नंबर-
● सभी 14 अवस्थापना सुविधाएं होने पर शिक्षक को 10 नम्बर मिलेंगे न होने पर शून्य मिलेंगे
● विद्यालय में 60 से 80% तक छात्र उपस्थिति पर पांच नंबर मिलेंगे
● विद्यालय में छात्रों की 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 नंबर
● डिजिटल शिक्षा सामग्री का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर मिलेंगे
● छात्र रिजल्ट कार्ड सभी छात्रों को शत-प्रतिशत वितरित करने पर 10 नंबर
● एसएमसी की नियमित बैठक में प्रतिभाग करने पर 10 नंबर
● छात्रों द्वारा पुस्तकालय का नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● माड्यूल, आधारशिला, ध्यानाकर्षण एवं शिक्षण संग्रह को शिक्षण कार्य में नियमित प्रयोग करने पर 10 नंबर
● आउट ऑफ स्कूल बच्चों का सर्वेक्षण व चिंहित सभी बच्चों का नामांकन कराने पर 10 नंबर
● शिक्षकों के 60 से 80% तक उपस्थिति पर 5 अंक, 80% से अधिक उपस्थिति पर 10 अंक
● प्रशिक्षण में सभी दिन प्रतिभाग करने पर 10 नंबर

यूपीटीईटी 2020 के भेजे प्रस्ताव के अनुसार में NIOS से DELEd करने वालों को UPTET में नहीं मिलेगा मौका, क्या PNP इनको शामिल करने का दोबारा भेजेगी प्रस्ताव

UPTET : मार्च में प्रस्तावित उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूपीटीईटी ) 2020 में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिलेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से शासन को जो प्रस्ताव भेजा गया है उसमें एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को शामिल नहीं किया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यह कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में मान्य किया है। लेकिन यूपी-टीईटी में यह कोर्स मान्य नहीं है। यूपी-टीईटी के लिए न्यूनतम दो वर्ष का शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करने वाले अर्ह हैं। जबकि एनआईओएस का डीएलएड 18 महीने का पत्राचार कोर्स है।

वहीं डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों का तर्क है कि वे पहले से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। 6 महीने स्कूल में शिक्षण नहीं कराने के कारण उन्हें 18 महीने का कोर्स कराया गया है। यदि पहले से कोई निजी स्कूल में पढ़ा रहा था और उसने एनआईओएस से डीएलएड कर लिया है तो क्या सरकारी स्कूल में शिक्षक नहीं बन सकता। इन अभ्यर्थियों को टीईटी से बाहर करना नाइंसाफी है। यूपी में तकरीबन 1.50 लाख अभ्यर्थियों ने एनआईओएस से डीएलएड किया है।

टीईटी में झटका
– परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने टीईटी के प्रस्ताव में नहीं किया शामिल
– 18 महीने का कोर्स होने के कारण डीएलएड को नहीं किया मान्य
– टीईटी में न्यूनतम दो साल के पाठ्यक्रम करने वालों को देते हैं मौका
– यूपी में तकरीबन डेढ़ लाख ने किया है एनआईओएस से डीएलएड

पंकज यादव (एनआईओएस से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी) ने कहा, एनआईओएस से डीएलएड करने वालों को टीईटी में शामिल करने का अनुरोध हमने सरकार और परीक्षा संस्था से किया है। यदि हमारी मांग नहीं मानी जाती तो कोर्ट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।