एरियर के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने से मिलेगी मुक्ति, मानव सम्पदा पोर्टल पर वेतन के बाद एरियर प्रक्रिया भी हुई ऑनलाइन, जल्द होगी शुरुआत
अब मानव सम्पदा पर सभी कार्मिक एरियर हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
इसके लिए सबसे पहले अपनी मानव सम्पदा आई डी के जरिए लॉगिन करके General में सबसे अंत में online Request में जाकर रिपोर्टिंग ऑफिसर में अपने BEO का मानव संपदा कोड भर कर और जिस प्रकार का एरियर हो उसको ड्रॉप डाउन मेन्यू में चुन कर अपलोड डॉक्यूमेंट में आवेदन पत्र, आदेश पत्र और जो भी जरूरी अभिलेख आवशयक हों, उनकी pdf फाइल बनाकर अपलोड करें।
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 12 सप्ताह के “स्कूल रेडीनेस” के लिए समय-सारिणी तैयार की गई है, जिसमें 10 अप्रैल से 31 अगस्त तक चलने वाली गतिविधियां (गर्मी की छुट्टियों को छोड़कर) शामिल हैं।
Lucknow News: शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला स्तरीय टास्क फोर्स व विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था.
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बिना सूचना गायब 16706 शिक्षकों पर कार्रवाई होगी. दिसंबर से फरवरी के बीच स्कूल से अनुपस्थित मिले शिक्षकों पर वेतन रोकने, वेतन काटने, नोटिस जारी करने आदि की कार्रवाई की जा रही है. सभी बीएसए को कार्रवाई कर इसकी सूचना प्रेरणा पोर्टल पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला स्तरीय टास्क फोर्स और विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों ने पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया था. इसमें शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे.
दिसंबर से फरवरी के बीच बिना सूचना गायब 16708 शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिला स्तरीय टास्क फोर्स व विकास खंड स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों द्वारा पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण किया गया था. इसमें दिसंबर 2022 में 5988, जनवरी 2023 में 4251, फरवरी 2023 में 6467 यानि की कुल मिला कर 16706 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे. इसमें तीन महीनों में सर्वाधिक हरदोई में 482, सीतापुर में 461, बहराइच में 459, बरेली में 432, देवरिया में 431, सिद्धार्थनगर में 420 शिक्षक अनुपस्थित मिले थे, जिनपर करवाई के निर्देश दिए गए हैं.
सूचना प्रेरणा पोर्टल पर करवाई की सूचना करनी होगी अपलोड
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बीएसए को अनुपस्थित शिक्षकों पर निर्धारित कार्रवाई के निर्देश दिए थे. साथ ही यह भी कहा था कि कार्रवाई संबंधित सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करें. हालांकि अब तक 16706 में से 551 शिक्षकों पर कार्रवाई की ही सूचना पोर्टल पर अपलोड की गई है. इस पर उन्होंने सात दिन में की गई कार्रवाई की सूचना प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करने को कहा है. इसमें लापरवाही करने वाले बीएसए को भी कार्यवाही के लिए चेतावनी दी गई है.
लखनऊ,। अपने दायित्वों के प्रति लापरवाह और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे करीब 42 और खण्ड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) पर जांच की तलवार लटकी है। ये ऐसे बीईओ हैं जिनके खिलाफ प्राप्त शिकायतों से जुड़े फीडबैक बेसिक शिक्षा निदेशालय को आधे-अधूरे रूप में प्राप्त हुए हैं।
विभागीय मुख्यालय इन पर लगे सभी आरोपों की पुष्टि में जुटा है। बताया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में आरोपों की पुष्टि की दशा में बचे हुए सभी बीईओ के खिलाफ जांच कराई जाएगी। सूत्र बताते हैं कि 42 में से कुछ ऐसे बीईओ हैं जिन्होंने टेलीफोनिक फीडबैक को लेकर सवाल उठाए हैं और फोन पर अधीनस्थों से सूचक प्रश्न के उत्तर के आधार पर प्रस्तावित कार्यवाही के विरुद्ध जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन में शिकायतें दर्ज कराई है।
भ्रष्टाचार की जांच मामले में BEO संघ ने प्रक्रिया को किया कटघरे में खड़ा, ऐसी जांचें बीएसए से लेकर अन्य शिक्षा कार्यालय के अफसरों के न कराने पर भी उठाया सवाल
प्रयागराज : भ्रष्टाचार के आरोपी 25 खंड शिक्षाधिकारियों के समर्थन में उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद के सामने मोर्चेबंदी के लिए कमर कसी है। संघ ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक समेत बेसिक शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, निदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र लिखकर पूरी जांच प्रक्रिया को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।
संघ ने आरोप लगाया है कि टेलीफोनिक फीडबैक के आधार पर जांच में आरोप की पुष्टि बिना सुनवाई का मौका दिए एकतरफा कार्रवाई है। यह नैसर्गिक न्याय और विधिक प्रक्रिया का भी उलंघन है। निरीक्षक संघ ने ऐसी जांचें बीएसए, उप शिक्षा निदेशक बेसिक, सचिव बेसिक शिक्षा, राज्य परियोजना कार्यालय के अफसरों का न कराने पर भी सवाल उठाया है। साथ ही नवरात्र के पहले दिन लखनऊ में खंड शिक्षाधिकारियों की बैठक संघ ने बुलाई थी।
विद्यालय निरीक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेन्द्र कुमार शुक्ल और महामंत्री वीरेंद्र कुमार कनौजिया ने स्कूल शिक्षा महानिदेशक को संबोधित तीन पेज के पत्र को मीडिया को भी जारी किया है। इसमें लिखा है कि मात्र टेलीफोन कॉल किसी के विरुद्ध कार्रवाई का कोई ठोस विधिक आधार नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारियों के मामले में टेलीफोनिक फीडबैक लेकर कार्रवाई किए जाने के पूर्व कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है। सरकारी सेवकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने के संबंध में सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली-1999 में निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है।
सरकार की सरकारी सेवकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के संबंध में उनके विरुद्ध प्राप्त शिकायती पत्र को शपथ पत्र के रूप में प्रस्तुत करने की स्थिति में ही संज्ञान में लिए जाने की कार्मिक विभाग के स्पष्ट शासनादेशों और उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है।
शिक्षकों से फीडबैक लेने के संबंध में यह भी नहीं देखा गया कि ऐसे शिक्षकों से फीडबैक ना लिया जाए जिनके खिलाफ किसी भी स्तर पर विभागीय कार्यवाही चल रही हो या लंबित हो। किन शिक्षकों से फीडबैक लिया जाना है, इसे भी तय नहीं किया गया है।
फीडबैक केवल खंड शिक्षा अधिकारियों के संबंध में लिए गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत अन्य विभागीय उच्चाधिकारियों के संबंध में उनके अधीनस्थों से कोई भी फीडबैक नहीं लिया गया है। संघ ने यह सवाल भी उठाया है कि शिक्षा निदेशालय बेसिक एवं राज्य परियोजना कार्यालयों द्वारा संचालित योजनाओं एवं परियोजनाओं के संबंध में विद्यालय स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में भी शिक्षकों से कोई भी फीडबैक नहीं लिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रमेन्द्र कमार शुक्ला ने मांग की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत शीर्ष स्तर से लेकर धरातल तक सभी स्तरों पर कार्मिक विभाग की नीतियों के तहत कार्रवाई किए जाने की प्रणाली विकसित की जाए। साथ ही 30 वर्षों की सेवा के उपरांत बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे खंड शिक्षा अधिकारियों की वेतन विसंगतियों और पदोन्नति से जुड़ी समस्याओं का भी निराकरण किया जाए, जिससे वह और ज्यादा अच्छी तरह कार्य कर सकें।
उधर, कुछ शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का दावा है निरीक्षक संघ ने जिन मुद्दों को उठाया है ऐसी ही समस्याओं पर वह शिक्षकों के खिलाफ बिना नियमों को ताक पर रखकर कार्रवाई करते रहे हैं। उन्हें भी ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता से शपथ पत्र लेने के बाद ही कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
केवल फोन पर लिए फीडबैक के आधार पर कार्रवाई की तैयारी पर BEO संघ ने जताई नाराजगी
बात नहीं सुनी गई तो पूरे प्रदेश के बीईओ देंगे धरना और करेगें प्रदर्शन
लखनऊ। शासन की ओर से मात्र फोन के आधार पर खंड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी पर उप्र विद्यालय निरीक्षक संघ ने नाराजगी जताई है। इंदिरा नगर स्थित आरएलबी स्कूल में बुधवार को हुई बैठक में 25 खंड शिक्षा अधिकारियों ( बीईओ) के खिलाफ की गई जांच पर आपत्ति जताते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन भेजा। साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी बात को नहीं सुना गया तो पूरे प्रदेश के बीईओ धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे।
बैठक में संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमेंद्र शुक्ला ने कहा कि किसी भी अधिकारी के खिलाफ जांच का आधार सिर्फ फोन नहीं हो सकता है। शिक्षकों से सिर्फ फोन पर फीडबैक लिया गया है, विभाग की तरफ से न तो कोई ठोस आधार लिया गया और न ही सेवा नियमावली का ध्यान रखा गया। यह नियमों के भी खिलाफ है।
प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र कनौजिया ने कहा कि शिक्षकों से फीडबैक लेने से पहले यह तय नहीं किया गया कि किन शिक्षकों से फीडबैक लिया जाए। फीडबैक मात्र बीईओ संवर्ग के बारे में ही प्राप्त किया गया है।
प्रदेश में पूर्व से संचालित एवं चिन्हित परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालयों के रूप में रूपान्तरित किये जाने के सम्बन्ध में।
BIG BREAKING NEWS नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती से सम्बंधित दायर याचिका की पहली सुनवाई पूर्ण व आर्डर अपलोड हुई
साथियों सबसे पहले आप सभी को बहुत बहुत बधाई पहली डेट पर ही जीत की तरफ एक छलांग लग चुका है!
हाई कोर्ट इलाहाबाद में 14/03/2022 को चुपचाप तरीके से एक बेहतरीन याचिका नई भर्ती के लिए दायर किया गया जिसकी ड्राफ्टिंग इतनी शानदार रही कि पहली डेट पर ही कोर्ट द्वारा मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए सरकार को नोटिस जारी किया गया। याचिका मे कहा गया है कि सरकार जवाब दे जब प्रदेश में 2,50,000 के आसपास सीटें रिक्त है,जबकि
1- RTE की धारा 26 के अनुसार कुल सृजित पद (वर्तमान में 5,80,084) के सापेक्ष 10%से अधिक सीटों को रिक्त नहीं रखा जा सकता वहीं प्राप्त डाटा के हिसाब से लगभग 45% सीटें रिक्त है
2- इस अवस्था में सरकार अपना पक्ष रखे कि बगैर शिक्षको के आप क्वालिटी एजुकेशन कैसे दे रहे है जो कि 6-14 वर्ष के बच्चों का अधिकार है।
समस्त प्रधानाध्यापक परिषदीय/ सहायता प्राप्त विद्यालय , डीबीटी योजना के अंतर्गत बैंक खातों का आधार नंबर से सीड होने संबंधी प्रमाण आप उक्त प्रेषित की गई यूआरएल/ वेबसाइट पर छात्र छात्राओं के अभिभावकों का आधार नंबर इंटर करके आधार से जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त करने के उपरांत उस ओटीपी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आधार बैंक खाते से सीड है अथवा नहीं।